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KRISHNA KRIPA HO TABI BHAJAN LYRICS IN HINDI

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कृष्ण कृपा हो तभी कृष्ण का नाम ले सकोगे भजन लिरिक्स इन हिन्दी  कृष्ण कृपा हो तभी कृष्ण का नाम ले सकोगे माधव रॉक बैंड का बहुत ही सुन्दर भजन है। कृष्ण कृपा क्या है इसका बहुत ही सुंदर वर्णन इस भजन में किया गया है।  कृष्ण कृपा हो तभी कृष्ण का नाम ले सकोगे। कृष्ण कृपा हो तभी कृष्ण का नाम ले सकोगे.. कृष्ण कृपा हो तभी कृष्ण का नाम ले सकोगे.. अगर कृष्ण का नाम ले सको,  हरि का नाम ले सको  तो समझो कृष्ण कृपा है। कृष्ण कृपा हो तभी कृष्ण का नाम ले सकोगे कृष्ण कृपा हो तभी कृष्ण का नाम ले सकोगे। जग के भोगी क्या जाने, क्या जाने,  क्या है असली कृपा क्या जाने, क्या है असली कृपा  क्या जाने, क्या है असली कृपा  दुनिया की जगमग जगमग में ही  उनका सारा ध्यान टिका उनका सारा ध्यान टिका  उनका सारा ध्यान टिका  हो दुनिया की जगमग जगमग में ही  उनका सारा ध्यान टिका उनका सारा ध्यान टिका उनका सारा ध्यान टिका ये जगमग दुनिया की साथ लेकर ना जा सकोगे  ये जगमग दुनिया की साथ लेकर ना जा सकोगे  जो संग यहां से जाएगा  जो आगे काम आएगा  वो तो बस कृष्ण कृपा कृष्ण कृपा हो तभी कृष्ण का नाम ले सकोगे। कृष्ण कृपा हो तभी कृष्ण का नाम ले स

KARWA CHAUTH GEET LE VEROO KUDIYE KARWADA

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करवा चौथ के दिन थाली बटाते गाया जाने वाला गीत लै वीरो कुड़िये करवड़ा करवा चौथ व्रत का हिन्दू सनातन धर्म में विशेष महत्व है। यह व्रत सुहानिग स्त्रियां अपने पति की दीर्घ आयु की कामना से रखती है। करवा चौथ व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता हैं। करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की दीर्घायु के निर्जला व्रत रखती है। शाम को कथा सुनकर करवडा बटाती है। पढ़ें थाली बटाते समय बोला जाने वाला गीत -  लै वीरो कुड़िये करवड़ा,  लै सर्व सुहागन करवड़ा  लै करवड़ा वटाइये, जीवंदा झोली पाइये  ऐ कत्ती ना अटेरीं ना,  घुम्म चरखड़ा फेरीं ना  वान पैर पाईं ना, सुई च धागा पाईं ना  रुठड़ा मनाईं ना,  सुतड़ा जगाईं ना भैन प्यारी वीरां,  चन्न चढ़े ते पानी पीना  लै वीरो कुड़िये करवड़ा, लै सर्व सुहागन करवड़ा । थाली बटाते समय सातवीं बार बोला जाता है कि - लै वीरो कुड़िये करवड़ा,  लै सर्व सुहागन करवड़ा  लै करवड़ा वटाइये, जीवंदा झोली पाइये  कत्त लई अटेर लई घुम्म चरखड़ा फेरीं लई वान पैर पाईं लई, सुई च धागा पा लई  रुठड़ा मना लई,  सुतड़ा जगा लई भैन प्यारी वीरां,  चन्न चढ़े ते पानी पीना  लै वीरो कुड़

RAMCHARITMANAS AYODHYA KAND 8 CHAUPAI

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रामचरितमानस अयोध्या काण्ड 8 चौपाई  दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। चौपाई 1 जब तें रामु ब्याहि घर आए।  नित नव मंगल मोद बधाए।।  भुवन चारिदस भूधर भारी।  सुकृत मेघ बरषहि सुख बारी।। चौपाई 2 रिधि सिधि संपति नदीं सुहाई।  उमगि अवध अंबुधि कहुँ आई।।  मनिगन पुर नर नारि सुजाती।  सुचि अमोल सुंदर सब भाँती।। चौपाई 3 कहि न जाइ कछु नगर बिभूती।  जनु एतनिअ बिरंचि करतूती।।  सब बिधि सब पुर लोग सुखारी।  रामचंद मुख चंदु निहारी।। चौपाई 4 मुदित मातु सब सखीं सहेली।  फलित बिलोकि मनोरथ बेली।।  राम रूपु गुन सीलु सुभाऊ।  प्रमुदित होइ देखि सुनि राऊ।। चौपाई 5 एक समय सब सहित समाजा।  राजसभां रघुराजु बिराजा।।  सकल सुकृत मूरति नरनाहू। राम सुजसु सुनि अतिहि उछाहू।। चौपाई 6 नृप सब रहहिं कृपा अभिलाषें।  लोकप करहिं प्रीति रुख राखें।।  वन तीनि काल जग माहीं।  भूरिभाग दसरथ सम नाहीं।। चौपाई 7 मंगलमूल रामु सुत जासू।  जो कछु कहिअ थोर सबु तासू।।  रायँ सुभायँ मुकुरु कर लीन्हा।  बदनु बिलोकि मुकुटु सम कीन्हा।। चौपाई 8 श्रवन समीप भए सित केसा।  मनहुं जरठपनु अस उपदेसा।।  नृप जुबरा

GANANAYKAY GANDEVATAY GANADHYAKSHAY DHEEMAHI STUTI MANTRA

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गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि स्तुति लिरिक्स संस्कृत में  गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि गुणशरीराय गुणमण्डिताय गुणेशानाय धीमहि गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि  एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि  गानचतुराय गानप्राणाय गानान्तरात्मने गानोत्सुकाय गानमत्ताय गानोत्सुकमनसे गुरुपूजिताय गुरुदेवताय गुरुकुलस्थायिने गुरुविक्रमाय गुह्यप्रवराय गुरवे गुणगुरवे गुरुदैत्यगलच्छेत्रे गुरुधर्मसदाराध्याय गुरुपुत्रपरित्रात्रे गुरुपाखण्डखण्डकाय  गीतसाराय गीततत्त्वाय गीतगोत्राय धीमहि गूढगुल्फाय गन्धमत्ताय गोजयप्रदाय धीमहि गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि  एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि ग्रन्थगीताय ग्रन्थगेयाय ग्रन्थान्तरात्मने गीतलीनाय गीताश्रयाय गीतवाद्यपटवे गेयचरिताय गायकवराय गन्धर्वप्रियकृते गायकाधीनविग्रहाय गंगाजलप्रणयवते गौरीस्तनन्धयाय गौरीहृदयनन्दनाय ग

GULAL SE RANGI YARA PREET RANGA DE BHAJAN LYRICS

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 गुलाल सी रंगी यारा प्रीत लगा दे भजन लिरिक्स इन हिन्दी  Madhavs Rock Band का यह भजन श्री राधा कृष्ण की भक्ति से ओत-प्रोत बहुत ही सुंदर और हृदय स्पर्शी भजन है।‌ गुलाल सी रंगी यारा प्रीत लगा दे  मुख से श्री राधा श्री कृष्ण जपा दे  गुलाल सी रंगी यारा प्रीत लगा दे  मुख से श्री राधा श्री कृष्ण जपा दे  दिल में दबी है, तेरी ही चाहत  दर्शन से तोरे, मिले दिल को राहत  होठों के संग मेरा दिल भी हंसा दे मुख से श्री राधा श्री कृष्ण जपा दे  गुलाल सी रंगी यारा प्रीत लगा दे  मुख से श्री राधा श्री कृष्ण जपा दे  दुनिया सोचे सारी चुप क्यों हैं बांके बिहारी  दुनिया सोचे सारी चुप क्यों हैं बांके बिहारी  अरे! वो क्या जाने कि तू करे बातें आंखों से सारी  जो तुझ तक पहुंचे ऐसी राह दिखा दे मुख से श्री राधा श्री कृष्ण जपा दे  लग्न लगा दे, तुझ को तेरी सांवरिया  झूमू बन के मैं तेरी बावरिया  लग्न लगा दे, तुझ को तेरी सांवरिया  झूमू बन के मैं तेरी बावरिया  मुझ को तू बस यारा खुद से मिला दे  मुख से श्री राधा श्री कृष्ण जपा दे  गुलाल सी रंगी यारा प्रीत लगा दे  मुख से श्री राधा श्री कृष्ण जपा दे  गुलाल सी रंगी यारा प्रीत ल