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RADHA RANI KE 28 NAAM IN HINDI

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 राधा रानी के 28 नाम  राधा रानी श्री कृष्ण की प्राण वल्लभा है। स्वामी प्रेमानंद जी महाराज का कहते है कि श्री राधा रानी के 28 नाम का जप करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। राधा रानी के 28 नामों की महिमा ऋग्वेदीया श्रीराधोपनिषत् में ब्रह्मा जी ने सकादिक मुनियों से कहीं है। Radha Rani ke 28 naam  1. राधा  2. रासेश्वरी  3. रम्या  4. कृष्णमंत्राधिदेवता 5. सर्वाद्या  6..सर्ववंद्या  7.  वृंदावनविहारिणी 8. वृंदाराधा  9.  रमा  10. अशेषगोपीमन्डलपुजिता  11.सत्या  12. सत्यपरा 13. सत्यभामा  14. श्रीकृष्णबल्लभवा  15. वृषभानुसुता  16. गोपी  17.  मूलप्रकृति  18.ईश्वरी 19.  गान्धर्वा 20. राधिका  21. रम्या  22. रुक्मणी 23.. परमेश्वरी  24. परात्परता  25. पूर्णा 26. पूर्णचंद्रविमानना  27.भुक्ति मुक्तिप्रदा 28. भवव्याधि विनाशिनी  राधा रासेश्वरी रम्या कृष्णमन्त्राधिदेवता ।  सर्वाद्या सर्ववन्द्या च वृन्दावनविहारिणी ॥  वृन्दाराध्या रमाशेषगोपीमण्डलपूजिता ।  सत्या सत्यपरा सत्यभामा श्रीकृष्णवल्लभा ॥  वृषभानुसुता गोपी मूलप्रकृतिरीश्वरी ।  गान्धर्वा राधिकारम्या रुक्मिणी परमेश्वरी ॥  परात्परतरा पूर्णा पूर्णचन्द्र

KRISHNA QUOTES IN HINDI

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श्री कृष्णा कॉटस इन हिन्दी  "कृष्ण है तो सब है" यह विश्वास ही सबसे बड़ी ताकत है।   संकट के समय भी धैर्य त्यागना नहीं चाहिए, संभव है धैर्य से स्थिति सुधर जाए।  तू करता वही है जो तू चाहता है, पर होता वही है जो मैं चाहता हूँ, तू कर वही जो मैं चाहता हूँ, फिर वही होगा जो तू चाहता। 

HANUMAN CHALISA QUOTES

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 हनुमान चालीसा कॉटस इन हिन्दी  हनुमान जी श्री राम के अनन्य भक्त माने जाते है। हनुमान चालीसा तुलसीदास जी ने लिखी थी। पढ़ें हनुमान चालीसा lyrics with images. श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।।  बरनऊंँ  रघुबर विमल जसु, जो दायकु फल चारि।।  बुद्धिहीन   तनु  जानिके,  सुमिरौं  पवन   कुमार।।  बल बुद्धि बिद्या देहु  मोहिं,  हरहु कलेश विकार।।                   ।।चौपाई।।  जय हनुमान  ज्ञान   गुन सागर।  जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।  रामदूत  अतुलित   बल  धामा।  अंजनि-पुत्र  पवनसुत   नामा।।  महाबीर    बिक्रम     बजरंगी।  कुमति निवार सुमति के संगी।।  कंचन  बरन  बिराज  सुबेसा।  कानन कुंडल कुंचित केसा।।  हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।  कांँधे   मूंँज जनेऊ   साजै।।  शंकर   सुवन  केसरीनंदन।  तेज प्रताप महा  जग बंदन।।  विद्यावान गुनी अति चातुर।  राम काज करिबे को आतुर।।  प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।  राम लखन सीता मन बसिया।।  सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।  विकट रूप धरि लंक जरावा।।  भीम रूप धरि असुर संँहारे।  रामचंद्र के काज संँवारे।।   लाय सजीवन लखन जियाये।  श्री  रघुबीर  हरषि  उर  लाये।।  रघु

KRISHNAM VANDE JAGADGURUM ASHTAKAM LYRICS IN SANSKRIT

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 कृष्णं वंदे जगद्गुरुम् लिरिक्स इन संस्कृत  वसुदेव सुतं देवं कंस चाणूर मर्दानम्। देवकी परमानंदं कृष्णं वंदे जगद्गुरुम्।। अतसी पुष्प संकाशं हार नुपुर शोभितम्। रत्न कंकण कयूरं कृष्णं वंदे जगद्गुरुम्।। कुटिलालक संयुक्तं पूर्णचंद्र निभाननम्। विलसत्कुंडलधरं कृष्णं वंदे जगद्गुरुम्।। मंदार गंध संयुक्तं चारुहासं चतुर्भुजम्।  बर्हिपिञ्छावचूडाङ्गं कृष्णं वंदे जगद्गुरुम्।। उत्फुल्ल पद्मपत्राक्षं नीलजीमृत संनिभम् । यादवानां शिरो रत्नं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ।।  रूक्मिणि केलि संयुक्तं पीताम्बरं सुशोभितम्। आवाप्त तुलसी गन्धं कृष्णं वंदे जगद्गुरुम्।। गोपिकानां कुचद्वन्धं कुंकुमांकित वक्षसम् । श्रीनिकेतं महेष्वासं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ।।  श्रीवत्सांक महोस्करम् वनमाला विराजितम् । शंख चक्र धरं देवं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ।। कृष्णाष्टकमिदं पुण्यं प्रातरुत्थाय यः पठेत् |  कोटि जन्म कृतं पापं स्मरणेन विनष्यति ॥

YATRA YATRA RAGUNATH KITARANAM SHLOK WITH MEANING IN HINDI

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यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं श्लोक हिन्दी अर्थ सहित  यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकांजलिम् ।  वाष्पवारिपरिपूर्णलोचन  मारुतिं नमत राक्षसान्तकम् ॥ भावार्थ - जहांँ जहांँ पर श्री राम के नाम का गुणगान होता है , वहांँ वहांँ हनुमान जी हाथ जोड़े ,शीश झुकाए, नेत्रों में भावपूर्ण अश्रुओं के साथ उपस्थित रहते है। मैं राक्षसों का नाश करने वाले हनुमान जी को प्रणाम करता हूं जो मारुति नाम से विख्यात है।