BHAKTI KI SHAKTI भक्ति की शक्ति

भक्ति की शक्ति 

ईश्वर की भक्ति में बहुत शक्ति होती है। क्योंकि कहते हैं कि जो सब आसरे सहारे छोड़ कर उसका ही स्मरण करता है ईश्वर उस पर अपनी कृपा जरूर करते हैं। द्रोपदी ने भी सभी सहारे छोड़ कर श्री कृष्ण की स्तुति की थी तो श्री कृष्ण ने उसकी लाज बचाई थी। गजेन्द्र ने श्री हरि का स्मरण किया श्री हरि ने ग्राह से उसे मुक्त करवाया था। भक्त ध्रुव और प्रह्लाद को श्री हरि ने अपनी अखंड भक्ति प्रदान की थी। पढ़ें भक्ति की शक्ति का एक भावपूर्ण प्रसंग 

एक बार एक लडका था । वह सारा दिन भगवान की भक्ति में लगा रहता। साधू संतो की सेवा करता था। लेकिन कोई काम धंधा नहीं करता था। उसके मां-बाप भाई सब उसे निकम्मा कहते थे। पूरा परिवार उस से परेशान रहता था।

 
उस नगर के राजा की कोई संतान नहीं थी। ज्ञानी पंडितो ने कहा, राजन अगर आप किसी नव युवक की बलि दोगे तो आप को संतान अवश्य होगी। पूरे नगर में घोषणा करवा दी गई कि जो परिवार अपने बेटे को राजा की बलि के लिए देने को तैयार है, उसे बहुत सा धन दिया जाएगा। 

यह खबर उस लड़के के परिवार तक पहुंची। परिवार ने सोचा कोई काम धंधा तो करता नहीं, हमारे किसी काम का नहीं। इसी को राजा के पास भेज देते है और धन से आने वाली पीढ़ियां की भी आर्थिक हालत सुधर जाएगी।

लड़के को राजा के पास बलि के लिए भेज दिया गया। अगले दिन  उसकी बलि से पहले उसकी पूजा की गई। 
राजा ने लड़के से उसकी अंतिम इच्छा पूछी। उसने कहा, "अंतिम इच्छा में मुझे थोड़ी मिट्टी चाहिए।"

लड़के को मिट्टी दे दी गई। उसने उस मिट्टी के चार ढेर लगाए। उनमें से तीन को तोड़ दिया और एक ही रहने दिया। यह सब करने के बाद उसने राजा से कहा,"अब आप मेरी बलि दे सकते है"

राजा ने कहा कि, "पहले तुम बताओ कि तुमे ने पहली तीन ढेर क्यों तोड़े और आखिरी क्यों छोड़ दी?"

उसने कहा, " आप इसे रहने दो और अब मेरी बलि दे दो"
राजा ने कहा, "मेरा आदेश है, बताओ इस का अर्थ क्या है?"

लड़के ने जवाब दिया, "कोई भी जीव अपने रक्षा के लिए सब से पहले अपने मां-बाप, फिर राजा और फिर देवता पर विश्वास करता है। लेकिन मां बाप ने ही मुझे बेच दिया । राजा प्रजा की रक्षा करता है। परन्तु यहां तो राजा ही मेरी बलि दे रहा है। फिर जीव देवता की तरफ देखता है यहां देवता को ही बलि दी जा रही है। 

अंतिम ढेरी परमात्मा की है। मुझे अब भी उन पर विश्वास है। इस लिए मैंने उस ढेरी को नहीं तोड़ा। मुझे विश्वास है कि वो अपने भक्त की रक्षा जरूर करेंग। 

यह सुनकर राजा का मन बदल गया। उस ने सोचा यह नौजवान तो बहुत समझदार हुए। उसने बलि का विचार त्याग दिया। उस लड़के को ही अपना पुत्र बना लिया और उसे अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। लड़के को ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास का फल प्राप्त हुआ। 

 ALSO READ_





कहानी अच्छी लगे तो  share जरूर करे।

Comments

Popular posts from this blog

BAWA LAL DAYAL AARTI LYRICS IN HINDI

RADHA RANI KE 16 NAAM MAHIMA

MATA CHINTPURNI CHALISA LYRICS IN HINDI