Posts

Showing posts from September, 2020

NAVRATRI MEIN MAA DURGA KA KAUN SE 9 ROOP KI PUJA KARTE HAIN

Image
नवरात्रि में माँ दुर्गा के कौन से 9 (नौ) रूपों की पूजा की जाती है प्रतिपदा माँ शैलपुत्री के पूजा की जाती है. पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप की पूजा की जाती है .उन्हें शैलपुत्री इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह पर्वतराज हिमालय की पुत्री थी ,इसलिए उनका नाम शैलपुत्री पड़ा .शैलपुत्री पूर्व जन्म में माता सती थी जो कि प्रजापति दक्ष की पुत्री थी . उनका विवाह भगवान  शिव के साथ हुआ था .उन्होंने हवन कुंड में अपने शरीर का  दाह कर दिया था .शैलपुत्री को पार्वती के नाम से भी पुकारते हैं .मां शैलपुत्री का वाहन  वृषभ है. माता जी के दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल सुशोभित है. इनकी उपासना करने से असीम शक्तियां प्राप्त होती है. द्वितीय नवरात्रि माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा होती है. ब्रह्मचारिणी अर्थात तप की चारणी .मां पार्वती जोकि मां सती का ही  पुनर्जन्म था ,उनको अपने पूर्व जन्म की कोई भी घटना याद नहीं थी .नारद जी के ने उन्हें भगवान शिव की पत्नी बनने के लिए प्रेरित किया.मां पार्वती ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए घोर

GOLDEN TEMPLE DARBAR SAHIB AMRITSAR गोल्डन टेम्पल दरबार साहिब अमृतसर

Image
GOLDEN TEMPLE(गोल्डन टेम्पल)भारत के राज्य पंजाब के शहर 'अमृतसर 'में स्थित है .जहां हर दिन हजारों की संख्या में पर्यटक माथा टेकने आते हैं. यह विश्व के सबसे सम्मानित तीर्थ स्थानों में से एक हैं .स्वर्ण मंदिर अमृतसर का दिल माना जाता है. श्री दरबार साहब, (गोल्डन टेंपल )को" लंदन  बुक ऑफ रिकॉर्ड्स" के द्वारा" विश्व का सबसे  अधिक देखा जाने वाले  स्थान का दर्जा दिया गया है".  अब तक शिर्डी साई बाबा, वैष्णो देवी मंदिर, माउंट आबू  सहित आठ स्थानों को यह सम्मान मिला है. मंदिर में हर दिन 100,000 से अधिक लोगों को  भोजन कराने वाली  दुनिया की सबसे बड़ी  सामुदायिक रसोई भी है.   गोल्डन टेंपल भारत के सात आश्चर्यों  में एक है. स्वर्ण मंदिर सिखों का गुरुद्वारा है लेकिन उसके नाम में मंदिर का होना यह बताता है कि यहां पर सभी धर्मों को सम्मान मिलता है .श्री हरिमंदिर साहिब की नींव  एक मुसलमान सूफी संत मियां मीर जी ने रखी थी .गुरुद्वारे के चारों दिशाओं में दरवाजे हैं यहां पर सभी धर्म ,जातियों ,वर्गों का समान रूप से स्वागत किया जाता है, किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता.  दरबार साहब

POSITIVE THOUGHT सकारात्मक विचार

सकारात्मक विचार hindi moral story  हमारे साथ जीवन में कई बार ऐसा होता है कि हम सुनी सुनाई बातों को मान लेते हैं. जिससे आपसी संबंधों में खटास आ जाती हैं . जबकि सामने वाले की भावनाएं कुछ और ही होती हैं लेकिन चुगल खोर लोग उस को गलत तरीके से पेश कर देते हैं. ऐसा ही कुछ इस कहानी में हुआ. एक बार एक राजा अपने राज्य के भ्रमण पर निकला .लेकिन जब चंदन की लकड़ी बेचने वाले व्यापारी की दुकान रास्ते में आई तो, राजा ने अपने प्रधानमंत्री से बोला मेरा मन करता है इस को मृत्युदंड दे दूं  .सेनापति परेशान हो गया कि राजा ने अचानक इस व्यापारी के बारे में ऐसा क्यों बोला. लेकिन वह राजा से कुछ पूछ ना सका. अगले दिन  सेनापति एक आम नागरिक के रूप में उस व्यापारी की दुकान पर गया . सेनापति ने उससे कुछ चंदन की लकड़ियां खरीदी ,और उससे पूछा कि बताओ तुम्हारा काम काज कैसा चल रहा है. उसने बताया कि धंधा तो बहुत मंदा है ,क्योंकि चंदन की लकड़ी बहुत महंगी होती है . उस के ज्यादा खरीददार नहीं है . मेरे पास इतने पैसे भी नहीं है, कि मैं दूसरे शहरों में जाकर इसको बेच सकूं . उस व्यापारी ने बताया कि एक बार एक व्यक्ति उसकी दुकान पर आया

अच्छे कर्मों (KARMA)का फल लौटकर ज़रूर आता है

Image
आपके किए अच्छे कर्मों का फल जरूर मिलता है। जरूरी नहीं कि आप पैसों से ही किसी की मदद कर सकते हैं ईश्वर ने जो दिया है और सीमित साधनों  से भी आप किसी की मदद कर सकते हैं। किए गए अच्छे कर्मों का फल दो लोगों की जिंदगी में कैसे काम आया उसका  उचित उदाहरण है यह कहानी जो की सत्य घटना पर आधारित है   ब्रिटेन के स्कॉटलैंडलैंड में फ्लेमिंग नाम का एक किसान जब खेत में काम कर रहा था। उसने किसी बच्चे की चीखने की आवाज सुनी। जिस दिशा से आवाज आ रही थी जब वह उस ओर गया था, तो उसने एक बच्चे को दलदल में धंसे हुए देखा। उसने एक टहनी के सहारे उस बच्चे को दलदल से निकाल लिया। बच्चे के साथ आए लोगों ने किसान का शुक्रिया अदा किया। वह बच्चा वहाँ के अमीर व्यक्ति रैडोल्फ चर्चिल का बेटा था ।जब उन्हें पता चला कि किसान ने उनके बेटे की जान बचाई है, तो वह उस किसान के पास शुक्रिया अदा करने के लिए आया और अपने बच्चे की जान बचाने के बदले किसान को एक  बड़ी राशि की पेशकश की। लेकिन फ्लेमिंग स्वाभिमानी था, उसने मना कर दिया था।  रैडोल्फ चर्चिल ने किसान की झोंपड़ी से एक बच्चे को झांकते हुए देखा और उसने पूछा कि यह तुम्हारा बेटा है।

World rose day 2020 ( विश्व रोज डे)

Image
World Rose Day (विश्व गुलाब डे )  विश्व रोज डे कनाडा की रहने वाली 12 वर्षीय मलिंडा रोज की याद में मनाया जाता है वह 12 वर्ष की आयु में उसे कैंसर हो गया था. डॉक्टर ने बताया कि वह केवल 2 हफ्ते ही जीवित रह पाएगी लेकिन अपनी इच्छाशक्ति से ना केवल वह 6 महीने तक जिंदा रही. उस ने अपने इलाज के दौरान कैंसर पीड़ित लोगों को ईमेल भेजें कविताएं लिखी और कैंसर से लड़ने के लिए उनके जीवन में एक नई ऊर्जा भरी. अपनी जिंदगी के इन 6 महीनों में उसने बहुत  से कैंसर  पीड़ित मरीजों के दिल को छुआ. इस दिन कैंसर पीड़ित मरीजों को रोज(rose) दिए जाते हैं क्योंकि गुलाब के फूल कोमलता, प्रेम और चिंता दर्शाते हैं. कई बार कैंसर पीड़ित यह सोच लेते हैं कि अब उनकी जीवन का अंत है लेकिन गुलाब देकर यह दर्शाया जाता है कि हम भावनात्मक रूप से आपके साथ हैं और कैंसर से लड़ा जा सकता है . कैंसर पीड़ित और उसके परिवार को बहुत सी चुनौतियां का सामना करना पड़ता है आप अगर किसी कैंसर पीड़ित मरीज की देखभाल कर रही हैं तो उन्हें यह महसूस कर आना चाहिए कि आप उसके साथ हैं और वह अपने दिल की हर बात उनके साथ कर सकते हैं उनके दिल में उनके मन में सकारात्

BARA HANUMAN MADIR AMRITSAR LANGOOR MELA बडा़ हनुमान मंदिर दुर्गियाना तीर्थ अमृतसर

Image
 पंजाब राज्य के अमृतसर में श्री दुर्गियाना मंदिर परिसर में स्थित है बड़ा हनुमान मंदिर. जहां पर हर साल  नवरात्रों में लंगूर मेला लगता है और देश-विदेश से लोग अपने बच्चों को लंगूर बनाने यहां आते हैं. इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति बैठी हुई मुद्रा में है .माना जाता है कि इस मंदिर का संबंध रामायण काल से है जहां लव कुश ने हनुमान जी को  वट  वृक्ष के नीचे बांध दिया  था .अश्वमेध यज्ञ के दौरान जब लव कुश ने घोड़ा पकड़ लिया था तो हनुमान जी यहां आए थे .मान्यता है कि हनुमान जी की प्रतिमा यहां पर स्वयं प्रकट हुई है . अमृतसर लंगूर मेला   यहां पर हर साल नवरात्रों में लंगूर मेला लगता है क्योंकि मान्यता है कि जिन लोगों के पुत्र की कामना होती है.वह यहां मन्नत मानते हैं , अगर पुत्र होगा तो उसे लंगूर बनाएंगे. और मन्नत पूरी होने पर लोग देश-विदेश से यहां आकर अपने बच्चों को लंगूर बनाते हैं.  आपको यहां नवजात शिशु से लेकर नौजवान  लंगूर  की पोशाक में दिखेंगे . इस दौरान लोग नंगे पांव ढोल की थाप पर  10 दिन तक लगातार दो बार हनुमान जी के मंदिर में पहुंचते हैं . फिर विजयदशमी को लंगूर बच्चा रावण ,मेघनाथ के पुतलों को

दुर्गियाना मंदिर अमृतसर (Durgina Mandir,Amritsar)

Image
  दुर्गियाना मंदिर   दुर्गियाना मंदिर लक्ष्मी नारायण मंदिर और शीतला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर का निर्माण   हरसाई मल ,पृथ्वी चंद मीना के वंशज  द्वारा करवाया गया था, इसकी नींव प्रसिद्ध समाज सुधारक पंडित मदन मोहन मालवीय ने यहां रखी थी। दुर्गियाना मंदिर परिसर में दुर्गा माता के एक रूप शीतला माता का भी मंदिर है।  मंदिर का स्वरूप इस मंदिर की बनावट स्वर्ण मंदिर की तरह है। इस मंदिर का नाम दुर्गा माता के नाम पर रखा गया है। मंदिर में प्रवेश करते ही सबसे पहले अखंड ज्योति के दर्शन होते हैं ।सत्यनारायण मंदिर का निर्माण सरोवर के बीचो के बीच किया गया है ।मंदिर के गुंबद पर सोने का पानी चढ़ाया गया है। यह मंदिर  नक्काशीदार चांदी के दरवाजों के लिए प्रसिद्ध है।   मंदिर में मनाए जाने वाले त्योहार  दशहरा, दिवाली, रामनवमी, जन्माष्टमी के पर्व धूमधाम से मनाए जाते हैं। इन  त्योहारों के दौरान मंदिर को फूलों और रोशनी से सजाया जाता है।  सावन के महीने में हर रविवार को नवविवाहित  औरते फूलों के गहने पहन कर पूजा करने आती है.    बड़ा हनुमान मंदिर मंदिर परिसर में बड़ा हनुमान जी का मंदिर है. हर साल यहां पर

ADHIK MASS PURUSHOTTAM MASS 2023 DATE SIGNIFICANCE KATHA

Image
 अधिक मास 2023 TUESDAY, 18 JULY - WEDNESDAY,16 AUGUST 2023 Adhik mass: 2023 में अधिक मास 16 जुलाई से शुरू हो रहा है और उसका समापन 18 अगस्त को होगा। पुरुषोत्तम मास की महिमा श्री भागवत पुराण में की गई है। भागवत पुराण में अधिक मास को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है। इस मास में भागवत कथा  सुनना बहुत ही उत्कृष्ट होता है।  MALMASS: अधिक मास में नामकरण संस्कार ,शादी -विवाह,मंगल कार्य ,गृह प्रवेश,तिलक या कोई नया मकान खरीदना आदि वर्जित है इसलिए इसको मलमास कहा जाता है। Purshottam mass: अधिक मास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। क्योंकि भगवान विष्णु ने अधिक मास को अपना पुरूषोत्तम नाम दिया था इसलिए अधिक मास को पुरूषोत्तम मास भी कहा जाता है। ADHIK MASS KI KATHA   हिरण्यकश्यप के वध से जुड़ी है अधिक मास की कथा. एक बार हिरण्यकश्यप ने कठोर तप करके ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान मांगा तो ,ब्रह्मा जी ने कहा  वह कोई और वरदान मांगे. तब हिरण्यकश्यप ने वरदान मांगा की उसे ना नर मारे,ना नारी, ना देवता मारे, ना असुर, 12 महीने में किसी भी महीने में वह मृत्यु की प्राप्ति ना हो, वह ना दिन में मरे ना रात में, ना किसी

HANUMAN CHALISA KIS NE AUR KYUN LIKHI HAI

Image
हनुमान चालीसा किसने और क्यों लिखा ऐसा माना जाता है कि हनुमान चालीसा दुनिया भर में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली धार्मिक किताबों में से एक है।क्या आप जानते हैं?  लगभग  हर हिंदू घर में पढ़े जाने वाली हनुमान चालीसा को तुलसीदास जी ने कब और क्यों लिखा। HANUMAN CHALISA STORY IN HINDI    हनुमान चालीसा की कहानी : तुलसीदास जी की प्रसिद्धी सुनकर बादशाह अकबर ने तुलसीदास जी को अपने दरबार में बुलाया। वहां  उनकी मुलाकात अब्दुल रहीम 'खान ए खाना' और टोडरमल से हुई। ऐसा माना जाता है कि  तुलसीदास जी से अकबर अपने लिए एक ग्रंथ लिखवाना चाहते था। लेकिन तुलसीदास जी ने मना कर दिया।  अकबर ने उन्हें जेल में बंद कर दिया।  लेकिन तुलसीदास जी सच्चे  राम भक्त थे, वे विचलित नहीं हुए । उन्होंने जेल में ही हनुमान चालीसा की रचना की। हनुमान चालीसा में तुलसीदास जी ने  श्री राम जी के व्यक्तित्व को  सरल शब्दों में  उकेरा गया है, और   राम भक्त हनुमान जी के गुणों  और  कार्यों का वर्णन किया गया है। तुलसीदास जी ने नियमित रूप से जेल में उसका पाठ  किया।  कहा जाता है कि जहां राम जी का नाम लिया गया है वहां हनुमान जी किसी ना किस

BADRINATH BRAMHA KAPAL ME PIND DAAN KYUN KARTE HAI बद्रीनाथ ब्रह्म कपाल में पिंड दान

Image
 उत्तराखंड में भगवान बद्रीनाथ के चरणों में ब्रह्म कपाल है। स्कंद पुराण के अनुसार इस   स्थान पर पिंडदान करने का फल गया जी, पुष्कर, हरिद्वार, काशी में किए गए पिंडदान से 8 गुना ज्यादा फलदाई माना गया है। ब्रह्मकपाल में पितरों को मोक्ष मिल जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार ब्रह्म कपाल में जो अपने पितरों का पिंडदान व तर्पण करता है उसके कुल के सभी पित्र मुक्त होकर ब्रह्मलोक को जाते हैं। यहां पर पिंडदान करने पर और कहीं पिंडदान करने की जरूरत नहीं है। सिर्फ श्राद्ध पक्ष में पितरों की मृत्यु की तिथि पर किसी ब्राह्मण को भोजन करना होता है।  मान्यता है कि पितृपक्ष में पित्र लोक के द्वार खुलते हैं। सभी पित्र देव अपने-अपने पुत्र आदि के घर जाकर स्थिर हो जाते हैं। अपने निमित्त किए गए तर्पण भोजन आदि का इंतजार करते हैं। श्राद्ध कर्म नहीं की जाने पर रुष्ट होकर वापस चले जाते हैं, और मानव जीवन में कठिनाइयों का दौर शुरू हो जाता है। श्राद्ध शब्द श्रद्धा से बना है इसलिए इस कार्य में श्रद्धा बहुत आवश्यक है। भगवान शिव को जहां मिली थी ब्रहम हत्या से मुक्ति  एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार ब्रह्मा जी अपनी मानस पुत्र

EKNATH MAHARAJ KI PITAR PUJAN KE KAHANI एकनाथ जी महाराज की पित्र पूजन की कहानी

Image
  एकनाथ जी महाराज उच्च कोटि के संत थे। एक बार श्राद्ध के दिनों में एक नाथ जी महाराज के घर पर ब्राह्मणों के लिए भोजन बन रहा था।  तभी उसी समय कुछ गरीब भिखारी वहां से गुजरे। उन को बहुत अच्छी खुशबू आई। वह आपस में चर्चा करने लगे आज श्राद्ध है,अच्छा भोजन मिलेगा उनमें से एक कहने लगा, "पहले तो ब्राह्मणों को भोजन मिलेगा फिर जो बचेगा वह हमें मिलेगा।"  यह  सुन कर एकनाथ जी महाराज ने अपनी पत्नी गिरजा बाई से कहा कि, "इन गरीबों में भी भगवान बसते हैं। उन्होंने कभी भी खानदानी ढंग से भोजन नहीं किया होगा। मैं चाहता हूं कि मैं यह भोजन  पहले गरीबों को करवा दूं, क्या तुम फिर से,ब्राह्मणों के लिए फिर से भोजन बना दोगी। "  तो गिरजा बाई ने हां कर दी। एकनाथ जी महाराज ने बड़ी श्रद्धा से वह भोजन उन गरीबों को करवा दिया। और उसके बाद गिरजा बाई  ने फिर से नहा धो कर, चौका साफ करके ब्राह्मणों के लिए भोजन बनाने में लग गई.  लेकिन तब तक पूरे गांव में यह बात कि फैल  कि "एकनाथ ने ब्राह्मणों के लिए बना भोजन किसी और को खिला दिया ". इसे ब्राह्मणों का अपमान माना गया और यह निश्चय किया गया कि कोई भ

World Suicide Prevention Day Quotes

Image
 World Suicide Prevention Day Quotes Also read :inspiration story  🙂🙂

" वर्ल्ड की सुसाइड प्रिवेंशन डे"(World Suicide Prevention Day) पर एक प्रेरित करने वाली कहानी

Image
" वर्ल्ड की सुसाइड प्रिवेंशन डे "(World Suicide Prevention Day) के मौके पर एक कहानी जिसमें एक छोटे से बच्चे ने एक नौजवान की जिंदगी बदल दी जो कि घर से मरने ही जा रहा था . एक बार एक नौजवान ने कॉलेज की पढ़ाई करने के बाद अपना बिजनेस शुरू किया.सब कुछ अच्छे से चल रहा था. फिर एक बड़ी कंपनी के लिए काम करने का मौका मिला .उसके लिए उसके पास पैसे नहीं थे .उसने बैंक से बहुत सारे लोन लिया और अपना कॉन्ट्रैक्ट  पूूूरा किया,लेकिन कंपनी को माल पसंद नहीं आया और डील कैंसिल हो गई.  जिसके कारण उसकी सारी प्रॉपर्टी बिक गई और वह डिप्रेशन में चला गया.उसे लगा सब कुछ खत्म हो गया और नकारात्मकता उसके मन में घर कर गया गई. उसे हर समय आत्महत्या करने का ही विचार आता रहता, कि अब कुछ नहीं बचा मुझे मर जाना चाहिए.   यही निश्चय करके वह घर से निकला ,"आज मैं ट्रेन के आगे आकर अपनी जिंदगी खत्म कर दूंगा ." रास्ते में जब ट्रैफिक सिग्नल पर रूका वहां एक 8 साल का बच्चा गुब्बारे बेच रहा था.उस नौजवान उस बच्चे से पूछा तुम इतनी छोटी सी उम्र में गुब्बारे क्यों बेच रहे हो.तो उस बच्चे ने जो जवाब दिया उससे वह नौजवान  स्त

SHRI RAM NE HANUMAN JI ko mrityu dand kyun diya श्रीराम ने हनुमान जी को मृत्यु दंड क्यों दिया

Image
राम से बड़ा राम का नाम माना क्यों माना जाता है. यह कहानी इस वाक्य को सिद्ध करती है. हनुमान जी श्री राम के सबसे प्रिय भक्त हैं. क्या आप जानते हैं ऐसा क्या हुआ कि श्री राम को हनुमान जी को मृत्युदंड देना पडा़. कहा जाता है कि जब श्री राम अयोध्या के राजा बने तो उन की सभा में बहस हुई की  राम बडे़ या फिर राम का नाम बड़ा.   नारद जी कहते थे कि" राम का नाम बड़ा" और बाकी सभी सभा जन कहते थे कि" राम बड़े "                  अपने वचन को सिद्ध करने के लिए नारद जी ने एक युक्ति लगाई . जब हनुमान जी सभा में आए उन्होंने हनुमान जी को सभी ऋषि-मुनियों को प्रणाम करने के लिए कहा लेकिन महाराज जी विश्वामित्र के बारे में उन्हें कुछ नहीं बताया इसलिए उन्होंने प्रणाम नहीं किया. उधर विश्वामित्र जी को जाकर बोल दिया, "हनुमान ने आपको प्रणाम नहीं किया. उन्होंने आपका अपमान किया है."                                                                     विश्वामित्र जी ने श्री राम से कहा कि हनुमान ने मेरा अपमान किया है. इसे मृत्यु दंड दे दो.  जब हनुमान जी को पता लगा कि श्री राम जी उन्हें मृत्यु दंड

MAA DURGA SHER KI SAWARI KYUN KARTI HAIमां दुर्गा शेर की सवारी क्यों करती है

Image
  हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार हिन्दू धर्म में हर देवी- देवता के अलग वाहन है.  जैसे भगवान शिव का बैल, गणेश जी का चूहा, विष्णु जी का गरूड़ और माँ दुर्गा का वाहन शेर है .क्या आप जानते हैं मां दुर्गा शेर की सवारी क्यों करती है। मां दुर्गा शक्ति ,तेज और समर्थ्य की प्रतीक है.शेर प्रतीक है शौर्य और आक्रामकता का.शेर की दहाड़ को मां दुर्गा की ध्वनि माना जाता है.मां दुर्गा ने शेर को अपना वाहन क्यों बनाया ,उसके पीछे एक पौराणिक कथा है.                              एक बार मां पार्वती   जो मां दुर्गा का ही एक रूप है.भगवान शिव ने मजाक में काली कह दिया था .नाराज होकर मां पार्वती वन में घोर तपस्या करने चली गई .उनका प्रण था जब तक मैं गौरी नहीं हो जाती तब तक में तपस्या करूंगी. मां पार्वती जहां तपस्या कर रही थी वहां एक भूखा शेर मां को खाने की इच्छा से वहां आया.लेकिन माता के प्रभाव के कारण वहीं बैठ गया . जितने सालों तक माँ तपस्या करती रही वहीं बैठा रहा .भगवान शिव प्रकट हुए और मां को गौरी होने का वरदान दिया .मां ने जब देखा कि एक शेर कितने सालों से मेरे पास बैठा हुआ है , माँ उसे से बहुत खुश हुई और माँ उस