ADHIK MASS PURUSHOTTAM MASS 2023 DATE SIGNIFICANCE KATHA
अधिक मास 2023
TUESDAY, 18 JULY - WEDNESDAY,16 AUGUST 2023
Adhik mass: 2023 में अधिक मास 16 जुलाई से शुरू हो रहा है और उसका समापन 18 अगस्त को होगा। पुरुषोत्तम मास की महिमा श्री भागवत पुराण में की गई है। भागवत पुराण में अधिक मास को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है। इस मास में भागवत कथा सुनना बहुत ही उत्कृष्ट होता है।
MALMASS: अधिक मास में नामकरण संस्कार ,शादी -विवाह,मंगल कार्य ,गृह प्रवेश,तिलक या कोई नया मकान खरीदना आदि वर्जित है इसलिए इसको मलमास कहा जाता है।
Purshottam mass: अधिक मास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। क्योंकि भगवान विष्णु ने अधिक मास को अपना पुरूषोत्तम नाम दिया था इसलिए अधिक मास को पुरूषोत्तम मास भी कहा जाता है।
ADHIK MASS KI KATHA
हिरण्यकश्यप के वध से जुड़ी है अधिक मास की कथा. एक बार हिरण्यकश्यप ने कठोर तप करके ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान मांगा तो ,ब्रह्मा जी ने कहा वह कोई और वरदान मांगे.
तब हिरण्यकश्यप ने वरदान मांगा की उसे ना नर मारे,ना नारी, ना देवता मारे, ना असुर, 12 महीने में किसी भी महीने में वह मृत्यु की प्राप्ति ना हो, वह ना दिन में मरे ना रात में, ना किसी शस्त्र मरे और ना घर के अंदर मरे,ना घर के बाहर।
ब्रह्मा जी ने उन्हें ऐसा वरदान दे दिया .वह आपकी आप को अमर समझ बैठे और उन्होंने स्वयं को भगवान घोषित कर दिया।
इसलिए अधिक मास में विष्णु जी नरसिंह अवतार में आधा पुरुष आधा शेर के रूप में प्रकट होकर शाम के समय देहरी के नीचे अपने नाखूनों से हिरण्यकश्यप का सीना चीर कर उसका उद्धार किया।
Adhik mass significance
अधिक मास में भगवान विष्णु की पूजा करना या फिर उनके अवतारों श्री राम ,श्री कृष्ण से जुड़ी कथाएं पढ़ना बहुत शुभ और मंगल दायक माना गया है. इस मास में सत्यनारायण भगवान की पूजा का बहुत महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि अधिक मास में विष्णु भगवान की पूजा से महालक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और धन और समृद्धि मिलती है .
'ऊंँ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करना चाहिए .जिससे श्री हरि विष्णु की कृपा प्राप्त होती हैं
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें ,
नारायण कवच का पाठ करें
महामृत्युंजय मंत्र का जप करें ,
अपने गुरु मंत्र द्वारा दिए गए मंत्र का जप करें
श्री कृष्ण या फिर श्री राम की कथा का वाचन करें
भगवत गीता का पाठ करें ,श्रीमद्भागवत पुराण पढ़े
अधिक मास में दीप दान का बहुत महत्व है
अधिक मास में दान करें
अधिक मास में जो भी दान ,पुण्य, जप या धार्मिक कार्य किए जाते हैं उसका फल 10 गुना अधिक मिलता है अधिक मास में निर्धनों को जल दान करना चाहिए ,अन्न दान करें, पीपल के वृक्ष पर जल दें, वस्त्र का दान दें ,मौसमी फल दान करें.
अधिक मास शुक्ल पक्ष पद्मिनी एकादशी
अधिक मास कृष्ण पक्ष पद्मा एकादशी
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