BARA HANUMAN MADIR AMRITSAR LANGOOR MELA बडा़ हनुमान मंदिर दुर्गियाना तीर्थ अमृतसर



 पंजाब राज्य के अमृतसर में श्री दुर्गियाना मंदिर परिसर में स्थित है बड़ा हनुमान मंदिर. जहां पर हर साल  नवरात्रों में लंगूर मेला लगता है और देश-विदेश से लोग अपने बच्चों को लंगूर बनाने यहां आते हैं.

इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति बैठी हुई मुद्रा में है .माना जाता है कि इस मंदिर का संबंध रामायण काल से है जहां लव कुश ने हनुमान जी को  वट  वृक्ष के नीचे बांध दिया  था .अश्वमेध यज्ञ के दौरान जब लव कुश ने घोड़ा पकड़ लिया था तो हनुमान जी यहां आए थे .मान्यता है कि हनुमान जी की प्रतिमा यहां पर स्वयं प्रकट हुई है .

अमृतसर लंगूर मेला  

यहां पर हर साल नवरात्रों में लंगूर मेला लगता है क्योंकि मान्यता है कि जिन लोगों के पुत्र की कामना होती है.वह यहां मन्नत मानते हैं , अगर पुत्र होगा तो उसे लंगूर बनाएंगे. और मन्नत पूरी होने पर लोग देश-विदेश से यहां आकर अपने बच्चों को लंगूर बनाते हैं. 

आपको यहां नवजात शिशु से लेकर नौजवान  लंगूर  की पोशाक में दिखेंगे . इस दौरान लोग नंगे पांव ढोल की थाप पर  10 दिन तक लगातार दो बार हनुमान जी के मंदिर में पहुंचते हैं . फिर विजयदशमी को लंगूर बच्चा रावण ,मेघनाथ के पुतलों को तीर मारता है और अगले दिन हनुमान मंदिर में हनुमान जी को माथा टेक कर  लंगूर अपने वस्त्र  उतारते हैं.

लंगूर बनने वालों के लिए नियम 

लंगूर बनने वाले लाल रंग का जरी वाला चोला पहनते हैं उनके हाथों में छड़ी होती है

हनुमान जी को मिठाई, नारियल, पुष्प अर्पित किए जाते हैं.

लंगूर बनने वाले को दिन में दो बार माथा टेकने मंदिर में आना होता है.

मान्यता है कि बच्चों को माथा टिकाने वही ला सकता है जिसका बच्चे के साथ खून का रिश्ता हो.

लंगूर बनने वाला 10 दिन तक सुई धागे का काम नहीं कर सकता और ना ही कैंची चला सकते हैं . 

उन्हें जमीन पर सोना होता है . 

जूते चप्पल नहीं पहन सकते . 

चाकू से कटी हुई चीजें नहीं खानी चाहिए . सात्विक भोजन का सेवन करे. लहसुन, प्याज और मादक पदार्थों का सेवन वर्जित है. 

 अपने कपड़े नहीं धो सकते.

लंगूर बनने वाले बच्चों के माता-पिता खेत्री नहीं  बीज सकते .

कंजके  नहीं बिठा सकते . 

पूरे 10 दिन तक ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना होता है . 

दुर्गियाना मंदिर में लंगूर मेले के दिनों में बड़ा भक्ति मय माहौल होता है .लंगूर बनने वाले जय श्रीराम, जय श्रीराम बोलते हैं ,और ढोल की थाप पर नाचते हैं. हनुमान जी के प्रति उनकी  श्रद्धा  देखते ही बनती हैं .बड़ा हनुमान मंदिर अपने इस मेले के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है.

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