POSITIVE THOUGHT सकारात्मक विचार
सकारात्मक विचार hindi moral story
हमारे साथ जीवन में कई बार ऐसा होता है कि हम सुनी सुनाई बातों को मान लेते हैं. जिससे आपसी संबंधों में खटास आ जाती हैं . जबकि सामने वाले की भावनाएं कुछ और ही होती हैं लेकिन चुगल खोर लोग उस को गलत तरीके से पेश कर देते हैं. ऐसा ही कुछ इस कहानी में हुआ.
एक बार एक राजा अपने राज्य के भ्रमण पर निकला .लेकिन जब चंदन की लकड़ी बेचने वाले व्यापारी की दुकान रास्ते में आई तो, राजा ने अपने प्रधानमंत्री से बोला मेरा मन करता है इस को मृत्युदंड दे दूं .सेनापति परेशान हो गया कि राजा ने अचानक इस व्यापारी के बारे में ऐसा क्यों बोला. लेकिन वह राजा से कुछ पूछ ना सका.
अगले दिन सेनापति एक आम नागरिक के रूप में उस व्यापारी की दुकान पर गया . सेनापति ने उससे कुछ चंदन की लकड़ियां खरीदी ,और उससे पूछा कि बताओ तुम्हारा काम काज कैसा चल रहा है. उसने बताया कि धंधा तो बहुत मंदा है ,क्योंकि चंदन की लकड़ी बहुत महंगी होती है . उस के ज्यादा खरीददार नहीं है . मेरे पास इतने पैसे भी नहीं है, कि मैं दूसरे शहरों में जाकर इसको बेच सकूं . उस व्यापारी ने बताया कि एक बार एक व्यक्ति उसकी दुकान पर आया था . उसने बोला था कि जिस दिन राजा मरेगा, उस दिन तुम्हारी लकड़ी ज्यादा बिक जाएगी. राजा का संस्कार तो चंदन की लकड़ी से ही होगा, लेकिन मैंने उसे ऐसा बोलने से मना किया था.
सेनापति समझ गया कि राज महल से कोई न कोई चुगल खोर ने पहले इस के दिमाग में राजा के प्रति गलत विचार भर गया, और फिर राजा से जाकर इस व्यापारी के विरुद्ध कान भर दिए.
अगले दिन सेनापति राजदरबार गया और चंदन की लकड़ी जो उस ने खरीदी थी, जा कर राजा को दी और कहा यह चंदन की लकड़ी के व्यापारी ने आपके लिए दी है और कहा है कि सबसे उच्च कोटि का चंदन है. इसका तिलक हर रोज अपने माथे पर लगाएं.जिससे आपको ठंडक मिलेगी और इसकी सुगंध भी बहुत अच्छी हैं.
आप जिस तरह से अपनी प्रजा के लिए कार्य कर रहे हैं उसे प्रजा बहुत खुश हैं . यह सुनकर राजा खुश हो गया ,और सेनापति को सोने की मोहरे दी ,और कहा कि उस व्यापारी को दे दो. वह अपना व्यापार और भी बढ़ा सकें .
हमारे साथ भी कई बार ऐसा होता है ,हम लोगों की सुनी सुनाई बातों को मान लेते हैं.जिससे रिश्ते में खटास आ जाती है लेकिन यहां तो सेनापति ने अपनी सूझबूझ से उस व्यापारी का धंधा बढ़ाने के लिए मोहरे भी दिला दी और राजा के मन में जो उसके प्रति द्वेष था वह भी खत्म कर दिया.
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