GOLDEN TEMPLE DARBAR SAHIB AMRITSAR गोल्डन टेम्पल दरबार साहिब अमृतसर
GOLDEN TEMPLE(गोल्डन टेम्पल)भारत के राज्य पंजाब के शहर 'अमृतसर 'में स्थित है .जहां हर दिन हजारों की संख्या में पर्यटक माथा टेकने आते हैं. यह विश्व के सबसे सम्मानित तीर्थ स्थानों में से एक हैं .स्वर्ण मंदिर अमृतसर का दिल माना जाता है.
श्री दरबार साहब, (गोल्डन टेंपल )को" लंदन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स" के द्वारा" विश्व का सबसे अधिक देखा जाने वाले स्थान का दर्जा दिया गया है". अब तक शिर्डी साई बाबा, वैष्णो देवी मंदिर, माउंट आबू सहित आठ स्थानों को यह सम्मान मिला है. मंदिर में हर दिन 100,000 से अधिक लोगों को भोजन कराने वाली दुनिया की सबसे बड़ी सामुदायिक रसोई भी है. गोल्डन टेंपल भारत के सात आश्चर्यों में एक है.
स्वर्ण मंदिर सिखों का गुरुद्वारा है लेकिन उसके नाम में मंदिर का होना यह बताता है कि यहां पर सभी धर्मों को सम्मान मिलता है .श्री हरिमंदिर साहिब की नींव एक मुसलमान सूफी संत मियां मीर जी ने रखी थी .गुरुद्वारे के चारों दिशाओं में दरवाजे हैं यहां पर सभी धर्म ,जातियों ,वर्गों का समान रूप से स्वागत किया जाता है, किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता.
दरबार साहब की स्थापना
अमृत सरोवर का निर्माण गुरु राम दास जी ने करवाया था .सरोवर के नाम पर ही इस शहर का नाम अमृतसर पड़ा . स्वर्ण मंदिर के सरोवर का जल अमृत के समान माना गया है .मान्यता है कि दुख भंजनी बेरी के नीचे स्नान करने से हर तरह के दुख दर्द दूर हो जाते है . स्वर्ण मंदिर का शीर्ष सोने से बना है, इस लिए इसका नाम स्वर्ण मंदिर पड़ गया. गुरुद्वारे का मुख्य मंदिर सरोवर के बीचों बीच बना है हरमंदिर साहिब का शिल्प ,सौंदर्य, नक्काशी और बाहरी सुंदरता देखते ही बनती हैं .यहां पर 24 घंटे गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ होता है.
गुरु ग्रंथ साहिब
गुरु अर्जुन देव जी ने पवित्र ग्रंथ का लेखन पूरा किया और गुरु ग्रंथ साहिब को औपचारिक रूप से हरिमंदिर साहिब में स्थापित किया .और बाबा बुड्ढा जी को पहला ग्रंथी नियुक्त किया था. गुरु ग्रंथ साहिब का पहला संस्करण यहां पर ही स्थापित किया गया था. उसके बाद बाकी गुरुऔं की बाणी को भी इसमें संकलित किया गया है .दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी के अनुसार गुरु ग्रंथ साहिब जी ही अब सिक्खों के गुरु हैं.
अकाल तखत
अकाल तख्त का निर्माण 1606 में किया गया था .अकाल तख्त का अर्थ है 'कई काल से परमात्मा का सिंहासन '.यहां पर सिख धर्म से जुड़े फैसले किए जाते हैं .इसकी नींव बाबा बुड्ढा, भाई गुरदास ने रखी थी और गुरु हरगोबिंद सिंह जी ने इसका निर्माण करवाया था.
गोल्डन टेंपल का लंगर भवन
स्वर्ण मंदिर का लंगर दुनिया में एक अनूठा उदाहरण है यह दुनिया की सबसे बड़ी कम्युनिटी किचन है .यहां पर सब धर्मों, जातियों के लोग बिना किसी भेदभाव के एक साथ भोजन करते हैं . यहां 24 घंटे लंगर जारी रहता है . लंगर की परंपरा गुरु नानक देव जी ने शुरू की थी. जिसको आगे के गुरुओं ने आगे बढ़ाया .लंगर में सेवा करने के लिए हजारों स्वयं सेवी तैयार रहते हैं.
Very Nice. 👍🏻👍🏻
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