SHRI HARI VISHNU KE BHAKT KE KAHANI

श्री हरि विष्णु के सच्चे भक्त की कहानी

कहते हैं अगर भगवान  को सच्चे मन से जपो तो वह  शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं. फिर चाहे आप ईश्वर को किसी भी नाम से याद करो,जप करो. भगवान विष्णु के एक ऐसे ही सच्चे भक्त की कहानी. 
एक बार एक सीधा- साधा, अनपढ़ गवार किसान था.वह एक संत जी के पास गया और कहने लगा कि मुझे ईश्वर का ऐसा नाम बता दो जिसे मैं सारा दिन  जपता रहू और अपना काम भी करता रहूं.  मेरा परलोक भी सुधर जाए.

संत ने कहा ठीक है तुम अघमोचन (अघ जाने के पाप) और मोचन (जाने हरने वाला) नाम जपा करो.  अघमोचन नाम का दिन रात जाप किया करो. सीधा-साधा किसान रास्ते में जाते - जाते अघमोचन - अघमोचन नाम रटते हुए जा रहा था. 

लेकिन कुछ देर बाद 'अ' भूल गया और घमोचन घमोचन नाम रटने लगा. अब दिन-रात वह घमोचन घमोचन रटता    रहता. एक दिन भगवान विष्णु भोजन करते हुए मुस्कुरा रहे थे ,तो मां लक्ष्मी ने इसका कारण पूछा. 

 भगवान विष्णु कहने लगे कि लक्ष्मी मेरा एक भक्त मेरा ऐसा नाम रट रहा है. जिसका शास्त्रों में कोई वर्णन ही नहीं है . लेकिन नाम चाहे वह गलत ही ले रहा हो लेकिन उसका मन मेरी और ही लगा हुआ है. इसके मन में मेरी ही छवि है. उसका गलत नाम लेने के कारण ही मुख पर मुस्कान है.

माँ लक्ष्मी कहने लगी आपको लगता है कि यह आपका सच्चा भक्त है तो चलो इसकी परीक्षा लेते हैं . विष्णु जी कहने लगे की लक्ष्मी अगर तुम्हारी ऐसी इच्छा है चलो धरती पर चलते हैं.  दोनों ने साधारण से स्त्री पुरुष का रूप धारण कर लिया और खेत किसान के खेत के पास पहुंचे.

भगवान विष्णु  कहने लगे लक्ष्मी परीक्षा तुमने लेनी है इसलिए तुम किसान के पास जाओ .  किसान के खेत के पास कुछ गड्ढे बने हुए थे तो विष्णु जी कहने लगे कि मैं उसमें जाकर छिप जाता हूं . तुम जाकर उस किसान की परीक्षा ले लो. 

मां लक्ष्मी उस किसान के पास गई और बार-बार उससे पूछने लगी कि किसका नाम जप रहे हो . किसान था तो थोड़ा मुंहफट लेकिन फिर भी चुप रहा कि मेरे ध्यान में किसी प्रकार का कोई विघ्न ना पड़ जाए. वह घमोचन घमोचन नाम रटता रहा. लक्ष्मी जी ने पूछना बंद नहीं किया पूछती रही किसका नाम जप रहे हो .

 किसान  खीझ कर कहने लगा तेरे भरतार(पति) का नाम जप रहा हूं . लक्ष्मी जी सोचती है  शायद किसान मुझे पहचान लिया है. लक्ष्मी जी फिर से पूछती हैं अगर मेरे भरतार का नाम जप रहे तो कहां है मेरा भरतार . किसान और गुस्से से बोला जही होगा किसी गड्ढे में जाओ ढूंढ लो. 

महालक्ष्मी ने विष्णु भगवान को पुकारा कि प्रभु बाहर आ जाओ यह तो यह तो सचमुच आपका सच्चा भक्त है . इसने तो मुझे भी पहचान लिया और आपके बारे में भी सब कुछ जानता है . भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी ने उसे साक्षात अपने दिव्य रूप के दर्शन दिए. 

कहने का भाव यह है कि भगवान तो भाव के भूखे हैं निश्छल भाव और सच्चे मन से भगवान को जपते है वो तो वह ऐसे भक्तों से जल्द प्रसन्न हो जाते हैं. 

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