ISHWAR BARA DAYALU HAI
ईश्वर बड़ा दयालु है एक प्रेरणादायक कहानी
ईश्वर बड़ा दयालु (दया करने वाला, कृपालु) है", कहानी सिद्ध करती है कि ईश्वर पर विश्वास करने वाले किसी भी समस्या के आने ईश्वर को उलाहना नहीं देते . बल्कि हर परिस्थिति में उस पर शुक्रिया करते हैं और सदैव सकारात्मक सोचते हैं।
एक बार एक राजा के महल में बहुत सुंदर बाग था . उसमें तरह - तरह के फल लगे हुए थे .राजा ने बाग की देखभाल के लिए एक माली को रखा हुआ था. जो कि बड़ी लगन से बाग की देखभाल करता. वह राजा को हर रोज बाग का कोई ना कोई ताजा फल टोकरी में भर खाने को देता .
उस माली को ईश्वर के प्रति बहुत निष्ठा थी .उसे लगता था कि ईश्वर जो भी करता है अच्छे के लिए ही करता है. ईश्वर बड़ा ही दयालु है .
एक दिन उसने सोचा कि वह राजा के लिए पके हुए फलों में से सेब, केला, अमरुद, अंगूर,संतरा क्या ले जाए? फिर उसे लगा कि अंगूर ज्यादा पके हुए हैं और मीठे हैं. आज वही राजा जी के लिए ले जाता हूं.
माली ने अंगूरों की टोकरी राजा के सामने रखी .राजा ने एक अंगूर खाया सच में बहुत ही मीठे अंगूर थे . राजा के मन में न जाने क्या खुराफात आई ? राजा एक अंगूर खाता और एक अंगूर किसान के माथे निशाना साध कर मारता .
जितनी बार राजा माली के माथे पर अंगूर का निशाना साधता, उतनी बार माली कहता कि, "ईश्वर बड़ा दयालु है ".माली का बार - बार ऐसा कहना को राजा को बड़ा अजीब लगा . राजा माली से कहने लगा कि ,"तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं हो गया" ?
माली का उत्तर सुनकर राजा शर्मिंदा हो गया . माली कहने लगा कि ,मैं इसलिए कह रहा हूं कि बड़ा दयालु है क्योंकि मैं पहले सेब, केला, अमरुद लाने की सोच रहा था. लेकिन ना जाने क्यों ? ईश्वर ने मुझे प्रेरणा दी और मैं अंगूर ले आया . अगर आपने अमरूद , केले या फिर सेब से निशाना साधा होता तो ना जाने मेरा क्या हाल हुआ होता? इसीलिए मैं कह रहा हूं कि," ईश्वर बड़ा दयालु हैं.
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