BHADRAKALI MANDIR AMRITSAR

भद्रकाली मंदिर अमृतसर गेट खजाना 

पंजाब राज्य के अमृतसर शहर के खजाना गेट में सिद्ध पीठ माता भद्रकाली मंदिर भारत का इकलौता ऐसा मंदिर है यहाँ महाकाली और माँ भद्रकाली की पीठ आपस में जुड़ती है.



यहाँ आने वाले भक्त माँ को नारियल और कच्ची लस्सी चढा़ते है  .नारियल, मिठाई के साथ माँ को मदिरा का भी भोग लगाया जाता है और जीवित बकरा और मुर्गा भी चढ़ाया जाता है  . 
लगभग  1500 साल पुराने मंदिर का जीर्णोद्धार आदि गुरु शंकराचार्य जी द्धारा करवाया गया था. मंदिर की देखरेख की जिम्मेदारी महंतों की 16 वीं पीढ़ी कर रही है.

माना जाता है कि खांसी ठीक ना हो रही हो तो माता की जीभ से लगा जल  पीने से खांसी ठीक हो जाती है. यहाँ पर भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है.

गुरु की नगरी अमृतसर के खजाना गेट में स्थित मां भद्रकाली का मंदिर देश का इकलौता मंदिर है जहां पर महाकाली और भद्रकाली की पीठ आपस में जुड़ती है। 

मंदिर में प्रवेश करने पर मां महाकाली के दर्शन होते हैं और उसकी दूसरी ओर मां भद्रकाली श्वेत रूप में विराजमान हैं।

भद्रकाली मेला

हर वर्ष ज्येष्ठ मास की अपरा एकादशी को मेला लगता है. यहाँ माथा टेकने दूर- दूर से श्रद्धालु आते हैं. इस समय मंदिर कमेटी की तरफ से जागरण और क्रार्यक्रम करवाएं जाते हैं.
मान्यता है कि जिस दिन मेला होता है माँ आधी के रूप में मुख्य द्वार से आती है और दूसरे द्वार से होते हुए आकाश में चली जाती है.

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