KARAM BHAGYA SE BARA HOTA HAI MOTIVATIONAL STORY IN HINDI

 कर्म को भाग्य से बड़ा माना है. पढ़े भाग्य और कर्म फल की प्रेरणादायक कहानी.



एक बार एक लड़का परेशान होकर घर के बाहर बैठा था. वह कोस रहा था कि मेरे पिता ने जो भी सम्पत्ति मेरे लिए छोड़ी थी वो खत्म हो गई है. मैं अब क्या करूँ? 

उसी समय उसके पिता का मित्र वहाँ से गुजरा और उसे समझाने लगा कि भाग्य में जो लिखा है वही होगा. उसी रात को उसे स्वप्न आया कि उसका भाग्य पहाड़ की चोटी पर उसका इंतजार कर रहा है. 

अगले दिन सुबह वह उस पहाड़ की चोटी की ओर चल पड़ा जिसका उसे स्वप्न आया था कि उसका भाग्य वहाँ उसका इंतजार कर रहा है. 

पहाड़ की ओर जाते हुए उसे रास्ते में एक जख्मी शेर मिला. शेर ने उससे पूछा कि, "कहाँ जा रहे हो "? उस लड़के ने बताया कि मैं अपने भाग्य से मिलने जा रहा हूँ. शेर कहता है कि अपने भाग्य से पूछना कि मैं स्वस्थ कब और कैसे होऊंगा. 

आगे रास्ते में उसे भूख लगती है तो वह एक बाग में से खाने के लिए फल तोड़ता है. लेकिन कड़वे होने के कारण फल फैंक देता है. बाग का मालिक उससे बताता है कि कड़वे होने के कारण कोई भी मेरे बाग के फल नहीं खाता. जब बाग के मालिक को पता चलता है कि यह लड़का भाग्य से मिलने जा रहा है तो वह उससे कहता है कि अपने भाग्य से पूछना कि मेरे  बाग के फल कैसे मिठे कैसे होगे? 

 पहाड़ पर जाते - जाते लड़के को रात हो जाती है. वहाँ उसे एक हवेली नजर आती है. वह हवेली की मालकिन से वहाँ रहने की अनुमति मांगता है. हवेली की मालकिन उससे वहाँ आने का कारण पूछती है तो वह उसे बताता है कि मैं  अपने भाग्य से मिलने जा रहा हूँ.

हवेली की मालकिन कहती है कि अपने भाग्य से पूछना कि मुझे खुशी कब मिलेगी ? अगले दिन सुबह वह पहाड़ की ओर चल पड़ता है और उसे सचमुच वहाँ उसका भाग्य मिलता है. वह लड़का भाग्य को उसके साथ चलने को कहता है और शेर, बाग के मालिक और हवेली की मालकिन के सवालों के जवाब मांगता है. 

भाग्य तीनों के सवालों का जवाब दे देता है और कहता है कि तुम चलो अपना कर्म करो मैं तुम्हारे पीछे- पीछे आता हूँ. हवेली की मालकिन को वह बताता है कि जब तुम शादी करोगी तब तुमे खुशी मिलेगी. वह उस लड़के को ही उससे शादी करने की बात करती है  और कहती है मुझ से शादी के बाद तुम मेरी हवेली के मालिक बन जाओगे.       तुम्हारी गरीबी दूर हो जाएगी और मुझे खुशी मिल जाएगी. लड़का बोला नहीं मैं तुम  से शादी नहीं करूँगा क्योंकि मेरा भाग्य मेरे पीछे आ रहा है. 

बाग के माली को सवाल के जवाब में  उसने कहा कि भाग्य के अनुसार तुम्हारे बाग में जहाँ से पानी आता है वहाँ सोना दबा है. जिस कारण बाग के फल कड़वे होते हैं. सोना हटाने के बाद बाग के फल मीठे हो जाएंगे. 

बाग का मालिक लड़के से कहता है कि सोना में खोद कर निकाल देता हूँ. सोना तुम ले जाओ. लड़का कहता है कि मुझे सोने की जरूरत नहीं है मेरा भाग्य मेरे पीछे आ रहा है. 

         अब वह शेर के पास पहुंच जाता है. शेर कहता है कि मेरे सवाल का जवाब पूछ कर आए हो. लड़का कहता है कि भाग्य के अनुसार जब तुम सबसे मूर्ख व्यक्ति को खाओंगे तो स्वस्थ हो जाओगे. शेर ने कहा कि मैं तुम को कोई ईनाम देना चहता हूँ.  लड़के ने कहा कि मुझे ईनाम की अवश्यकता नहीं है. 

लड़के ने शेर को बताया कि हवेली की मालकिन ने मुझ से शादी करने का प्रस्ताव रखा था और बाग के मालिक ने कहा था कि तुम सोना खोदने में मेरी मदद कर दो और सोना तुम ले जाना . लेकिन मैंने मना कर दिया. शेर ने पूछा तुम ने ऐसा क्यों किया? 

उसने कहा कि मैंने कहा कि मेरा भाग्य मेरे पीछे आ रहा है. शेर ने आव देखा ना ताव और उसी क्षण उसको खा गया. शेर ने कहा कि तुम से मूर्ख इंसान शायद मुझे कोई और नहीं मिलेगा. क्योंकि कि तुम ने भाग्य के इंतजार में गरीबी दूर करने के दो अवसर खो दिये.अगर तुम दोनों जगह अपना कर्म करते तो तुम्हारा भाग्य तुम्हारे पीछे नहीं तुम्हारे साथ होता.

सत्य कहते हैं कि इंसान के भाग्य से बड़ा उसका कर्म होता है जो उसके स्वयं के हाथों में होता है. 

Comfort zone एक प्रेरणादायक प्रसंग






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