LAKSHYA KE PASS PAHUNCH KE DHAIRYA NE KHOA

 एक बार जंगल के समीप एक गाँव था. उस जंगल में बहुत से जंगली जानवर थे जो अक्सर गाँव में आ जाते. गाँव वालों को भी बहुत बार अपनी जरूरत की चीजों के लिए जंगल में जाना पड़ता था. जंगली जानवरों के हमलों से बचने के लिए पेड़ों पर चढ़ना सिखना अनिवार्य था.

गाँव में एक व्यक्ति थे जो गाँव वालों को पेड़ पर चढ़ना सिखाते थे. एक दिन सात आठ लडके उन से चिकने और ऊंचे पेड़ पर चढ़ने का प्रशिक्षण ले रहे थे. जब लड़के पेड़ पर चढ़ रहे थे तो वह ध्यान से उन्हें ऊपर चढ़ता देख रहे थे. लेकिन जब लड़के उस पेड़ से नीचे उतर रहे थे तो उन्होंने हर एक लड़के से कहा कि सावधानीपूर्वक नीचे आना कोई जल्दी मत करना.

जब सब लड़के पेड़ से नीचे आ गए तो उन्होंने अपने गुरु से सवाल किया. जब हम ऊपर चढ़ रहे थे तब तो आपने कुछ नहीं कहा जबकि पेड़ पर चढ़ना ज्यादा जोखिम भरा था. जब हम नीचे उतर रहे थे तब आपने हमें सावधान रहने को क्यों कहा ? 

गुरु ने कहा कि जब तुम पेड़ पर चढ़ रहे थे तब तुम जानते थे कि चिकने पेड़ पर चढ़ना जोखिम भरा हो सकता है. इसलिए तुम सावधान थे. लेकिन जब तुम पेड़ से नीचे उतर रहे थे तब तुम्हारी सतर्कता कम ना हो जाए इसलिए मैंने तुम्हें सावधानीपूर्वक नीचे आने को कहा था.

क्योंकि ज्यादातर लोग मंजिल के पास आने पर अपना धैर्य खो देते हैं और गल्तियां कर देते हैं और अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं.

मुसीबत में भी धैर्य नहीं खोना चाहिए

Comments

Popular posts from this blog

RAKSHA SUTRA MANTAR YEN BADDHO BALI RAJA

KHATU SHYAM BIRTHDAY DATE 2023

RADHA RANI KE 16 NAAM MAHIMA