INDRA EKADSHI VRAT
INDRA EKADSHI VRAT 2021 इंदिरा एकादशी व्रत कथा 2021
हिन्दू पंचाग के अनुसार पितृपक्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस साल इंदिरा एकादशी का व्रत 2 अक्तूबर शनिवार को रखा जाएगा। शास्त्रों में माना गया है कि पितृपक्ष के दौरान पड़ने वाली इस एकादशी को पितरों को समर्पित करने कर देने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
इंदिरा एकादशी महत्व
इंदिरा एकादशी पापों को नष्ट करने वाली है और पितृ अधोगति से मुक्त हो जाते है. इंदिरा एकादशी का व्रत करने से सात पीढ़ियों के पितृ तर जाते हैं. उनका उद्धार हो जाता है और पितृ दिव्य लोक के अधिकारी हो जाते हैं. एकादशी व्रत करने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु के सालिग्राम रूप की पूजा की जाती है.
इंदिरा एकादशी व्रत कथा
महिष्मती नगर में इन्द्रसेन नाम का राजा धर्म पूर्वक राज्य करता था. राजा इन्द्रसेन भगवान विष्णु का भक्त था और पुत्रों, पौत्रों और धनधान्य से सम्पन्न था. एक दिन देव ऋषि नारद उसकी सभा में आए. राजा ने नारदजी का उचित सम्मान किया. नारदजी ने राजा से उनकी कुशल मंगल पूछा.
राजा इन्द्रसेन कहने लगे कि आपकी कृपा से सब कुशल है और यज्ञ आदि कर्म सुचारू रूप से हो रहे हैं. कृपया देव ऋषि अपने आने का प्रयोजन कहें.
देव ऋषि नारदजी कहने लगे कि मैंने यमराज की सभा में तुम्हारे धर्मात्मा और ज्ञानी पिता को एकादशी का व्रत भंग होने की वजह से देखा था.
तुम्हारे पिता का संदेश है कि पूर्व जन्म में एकादशी व्रत भंग होने के कारण मुझे यमलोक रहना पड़ रहा है. लेकिन अगर तुम इंदिरा एकादशी का व्रत मेरे निमित करो इससे मुझे स्वर्ग प्राप्ति हो सकती है. राजा इन्द्रसेन ने व्रत की विधि नारदजी को बताने के कहा.
नारदजी द्वारा बताई गई विधि
नारदजी जी कहने लगे कि आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को स्नान कर श्रद्धा पूर्वक पितृ का श्राद्ध करे. एक समय भोजन करना चाहिए और रात को भूमि पर शयन करें. एकादशी के दिन सुबह दातून कर स्नान करना चाहिए. श्राद्ध से व्रत का संकल्प करें और भगवान से व्रत पूर्ण करने की प्रार्थना करे.
भगवान विष्णु के सालिग्राम रूप की पूजा करे और उनको धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करे. रात्रि में जागरण करना चाहिए. द्वादशी के दिन मौन रहकर भोजन करना चाहिए. नारदजी कहने लगे कि राजन् भक्ति भाव से यह व्रत करने से आपके पिता को स्वर्ग प्राप्ति होगी.
राजा इन्द्रसेन द्वारा व्रत करना और व्रत के प्रभाव से उनके पिता को स्वर्ग प्राप्ति
राजा इन्द्रसेन ने बन्धु - बांधवों और दरबारियों सहित इंदिरा एकादशी के व्रत को सम्पन्न किया. व्रत के प्रभाव से राजा के पिता यमलोक से स्वर्ग लोक पहुँच गए.
राजा इन्द्रसेन भी व्रत के प्रभाव से इस लोक के सुख भोगकर स्वर्ग लोक को प्राप्त हुए.
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