ISHWAR SUB DEKH RAHA HAI MOTIVATIONAL STORY
ईश्वर सब देख रहा है
Motivational story for students in hindi
Ishwar Sab dekh rahe hai : एक बार एक राजा था. वह राजा समय - समय पर वेश बदलकर अपने नगर का सर्वेक्षण करता रहता था. ताकि देख सके सभी कर्मचारी अपना कार्य नियमानुसार कर रहे हैं या नहीं ? क्या प्रजा उसके कार्य से संतुष्ट है या नहीं .
एक बार राजा वेश बदल कर अपने प्रधानमंत्री के साथ निरिक्षण पर निकले. बाजार में उन्होंने ने देखा कि एक व्यक्ति का शव पड़ा था .राजा ने आसपास के दुकानदारों कहा कि इस मृत व्यक्ति को उसके घर पहुँचा दो.
सब लोग कहने लगे कि बुरा आदमी था इसका शव यही पड़ा रहने दो. इसके घर वाले आकर स्वयं ले जाएगे.
कोई भी दुकानदार उसके बारे में बात तक नहीं करना चाहता था. राजा बहुत हैरान कि इस व्यक्ति ने ऐसे क्या कर्म किए हैं जो मृत्यु के बाद इसको कोई कंधा देने तक को भी सहमत नहीं है.
राजा को किसी दुकानदार ने बताया कि यह व्यक्ति पाप कर्म करता था . बहुत शराब पीता था और वेश्या के पास भी जाता था. इसलिए कोई भी इसके शव को हाथ लगाने को तैयार नहीं है.
राजा को लगा कि चाहे वो जैसे भी कर्म करता हो लेकिन उसके राज्य में किसी के भी शव का ऐसा तिरस्कार नहीं होना चाहिए. राजा ने दुकानदार से उसके घर का पता पूछा. अब राजा और प्रधानमंत्री स्वयं शव अपने कंधों पर उठा कर उसके घर पहुँचे.
राजा ने उसकी पत्नी को पूछा कि कोई भी आपके पति के शव को उठाने को तैयार क्यों नहीं था ? उस व्यक्ति की पत्नी ने कहा कि मेरे पति बहुत ही नेक कर्म करते थे. अब राजा हैरान कि वहाँ बाजार में तो हर कोई कह रहा था कि यह पाप कर्म करता था शराब पीता वेश्या के पास जाता था. फिर इसकी पत्नी इसके कर्मों को नेक कर्म क्यों कह रही है ?
उसकी पत्नी ने बताया कि जब भी उसके पति के पास पैसे इकट्ठे होते वह शराब की दुकान पर जाता और शराब खरीद कर घर आकर नाली में बहा देता ताकि किसी और का घर बर्बाद होने से बच जाए.
इसी तरह वेश्या के पास जाते और उसे पैसे देकर कहते कि तुम्हें आज के पैसे मिल गए. अब तुम अपने घर का दरवाजा बंद कर लो. ताकि किसी और के पैसे बच जाए और वह पैसे अपने बीबी बच्चों पर लगाए या फिर क्या पता वह यह पैसे किसी शुभ काम में लगा दे ?
उस व्यक्ति की पत्नी ने कहा कि मेरे पति के शराब के ठेके और वेश्या के पास जाने के कारण लोगों ने उनसे दूरी बना ली थी. क्योंकि कोई भी उनके नेक इरादे के बारे में नहीं जानते था?
मैं उनको कहती थी कि आप की इतनी बदनामी हो चुकी है कोई भी आप को कंधा देने नहीं आएगा. लेकिन मेरे पति का मानना था कि शुभ कर्म लोगों को दिखाने के लिए नहीं करने चाहिए. ईश्वर हमारे अच्छे बुरे कर्म फल का हिसाब रखता है.
इसलिए अच्छे कर्म करने चाहिए और उसका फल ईश्वर पर छोड़ देना चाहिए क्योंकि ईश्वर सब देख रहा है, मुझे ईश्वर पर विश्वास है. मेरे पति मजाक में कहते थे कि तुम देखना मेरी शव स्वयं राजा और उनके मंत्री लाएंगे. राजा यह सब सुनकर अवाक रह गया.
राजा ने उस व्यक्ति की पत्नी से कहा कि चाहे आप के पति मजाक में ही कहते थे कि देखना मेरा शव राजा और मंत्री उठाएंगे. लेकिन वो बात शत् प्रतिशत सच है. क्योंकि मैं यहाँ का राजा हूँ और यह मेरा मंत्री हैं. राजा ने बड़े सम्मान के साथ उस व्यक्ति का दाह संस्कार करवाया और उसके अच्छे कर्मों की सच्चाई से सबको रूबरू करवाया.
यह सत्य कथन है कि हमें शुभ कर्म दिखावे के लिए नही करने चाहिए . क्योंकि हमारे कर्मों का लेखा जोखा ईश्वर रखता है हमे देखने सुनने वाले नहीं. किसी को डर होता है कि ईश्वर देख रहा है, किसी को विश्वास है ईश्वर तो देख ही रहा है. इसलिए अच्छे कर्म करते रहिये.
Right
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