SHARDIYA NAVRATRI KYUN MANAI JATI HAI शारदीय नवरात्रि क्यों मनाई जाती है
शारदीय नवरात्रि क्यों मनाई जाती है
शारदीय नवरात्रि को मनाएं जाने की पौराणिक कथाएँ
महिषासुर सोचने लगा कि वह अमर हो गया है . महिषासुर ने देवताओं के अधिकार छीन लिए और स्वर्ग लोक का मालिक बन गया और देवताओं को पृथ्वी लोक पर विचरण करना पड़ा . जब देवता असुरों के अत्याचार से तंग आ चुके थे ,तो ब्रह्मा जी ने बताया कि दैत्य राज की मौत केवल कुवांरी कन्या के हाथों से होगी.
सभी देवताओं ने मिलकर अपनी शक्तियों से देवी को प्रकट किया .सभी देवताओं के तेज से देवी के भिन्न-भिन्न अंग बने .देवताओं ने महिषासुर का नाश करने के लिए अस्त्र-शस्त्र देवी को दिए और सवारी करने के लिए शेर दिया .
सभी देवताओं के शक्तियां प्रदान करने के कारण देवी के पास अतुलित शक्तियां आ गई . मां दुर्गा ने महिषासुर को ललकारा दोनों के बीच 9 दिन तक युद्ध चला. और महिषासुर का वध करने के कारण माँ का नाम महिषासुर मर्दिनी पडा़. मां दुर्गा आदिशक्ति हैं सभी देवता उनकी शक्ति से शक्तिमान होकर कार्य करते हैं.
श्रीराम ने की थी शारदीय नवरात्रों की शुरुआत
जब राम जी को इस बात का पता चला कि एक पुष्प कम है, तो उन्होंने पूजा में विघ्न आए इस लिए सोचा कि लोग उन्हें कमलनयन कहते हैं , इसलिए उन्होंने अपनी एक नेत्र मां को अर्पित करने के लिए बाण निकाला तो, मां प्रकट हो गई और उनको ऐसा करने से रोका.
माँ उनकी पूजा से प्रसन्न थी इसलिए माँ ने उनको दिव्य अस्त्र दिया. मां दुर्गा से प्राप्त दिव्य अस्त्र की सहायता से राम जी ने रावण का वध कर दिया. रावण का वध भगवान ने अश्विन मास की दशमी तिथि को किया था . भगवान श्रीराम ने रावण को हराकर विजय प्राप्त की थी. इसलिए इसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है.
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