बावा लाल दयाल जी आरती और अरदास लिरिक्स इन हिन्दी बावा लाल दयाल जी आरती ॐ जय बावा लाल गुरु, स्वामी जय श्री लाल गुरु। शरण पड़े जो आकर, दुःख जंजाल हरो।। ॐ जय बावा लाल गुरु ।। सतयुग हंस राम श्री त्रेता द्वापर कृष्ण भये। कलियुग पतित उधारण, लाल दयाल भये। ॐ जय बावा लाल गुरु।। सतगुरु लाल हैं जिन के पुर्ण भाग किए। गृहस्थी हो या वैरागी, वें सब मुक्त भए । ॐ जय बावा लाल गुरु ।। हरि गुरु में नही भेदा, इन में जो भेद करे। वह नर पापी समझो ,जग में नही उधरे। ॐ जय बावा लाल गुरु ।। हम सेवक तुम सतगुरु और न शरण कोई। संशय सभी मिटाओ, मन में है जोई । ॐ जय बावा लाल गुरु ।। सब सेवक तुम शरणी, पूर्ण आस करो । अन्तर्यामी सतगुरू सब के पाप हरो । ॐ जय बावा लाल गुरु ।। मोह अज्ञान मिटा कर ,पावन बुद्धि करो। निर्मल भक्ति देकर , हृदय शुद्ध करो । ॐ जय बावा लाल गुरु ।। तुम्हारी आरती क्या कोई गावे, किस में है शक्ति। विषय विकार मिटा कर, दियो चरणन भक्ति। ॐ जय बावा लाल गुरु।। हरि गुरु लाल जी की आरती निश दिन जो गावे। कहत 'हरि हर' सेवक हरि भक्ति पावे। ॐ जय बावा लाल गुरु ।। श्री बावा लाल जी की अरदास ॐ श्री जाको ज
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