UMA MAHESHWAR VRAT 2021
UMA MAHESHWAR VRAT 2021( उमा महेश्वर व्रत 2021)
भाद्रपद पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. इस दिन श्राद्ध ( shrad) पितृपक्ष शुरू होता है. 2021 में भाद्रपद पूर्णिमा सोमवार 20 सितम्बर को है. इसदिन उमा महेश्वर व्रत करने का विधान है.
उमा महेश्वर व्रत कथा का महत्व (SIGNIFICANCE) OF UMA MAHESHWAR VRAT)
उमा महेश्वर व्रत में भगवान और माँ पार्वती का व्रत और पूजन किया जाता है. इस व्रत के प्रभाव से भगवान विष्णु ने माँ लक्ष्मी और अपनी खोई हुई शक्तियां पुनः प्राप्त की थी.
प्रातःकाल स्नान करने के बाद भगवान शिव और माँ पार्वती का पूजन करे . भगवान को फल, फूल, विल्व पत्र, चढ़ाएं और प्रसाद अर्पित करे.
इस व्रत के प्रभाव से खोया हुआ सम्मान और प्रतिष्ठा पाया जा सकता है. यह व्रत उन लोगों को भी अवश्य करना चाहिए जिनके परिवार में कलह रहती है या फिर किसी कारण वश परिवार से दूर हो गए हैं.इस व्रत के प्रभाव से परिवार में स्नेह बढ़ता है. सुख समृद्धि में बढोत्तरी होती है.
UMA MAHESHWAR VRAT KATHA(उमा महेश्वर व्रत कथा)
एक बार दुर्वासा ऋषि भगवान शिव के दर्शन करने के बाद लौट रहे थे तो उनकी मार्ग में भगवान विष्णु से भेंट हुई. दुर्वासा ऋषि ने भगवान शिव द्वारा दी गई विल्व की माला विष्णु को दे दी. विष्णु जी ने वह माला गरूड़ जी को पहना दी. दुर्वासा ऋषि ने क्रोध में भगवान विष्णु को श्राप दिया कि लक्ष्मी जी, क्षीर सागर तुम से छिन जाएगा और शेषनाग तुम्हारी कोई सहायता नहीं कर पाएगा.
भगवान विष्णु ने दुर्वासा ऋषि से क्षमा मांग कर श्राप मुक्ति का उपाय पूछा. दुर्वासा ऋषि ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को उमा महेश्वर का व्रत करने से शाप से मुक्ति मिल जाएगी.
भगवान विष्णु ने व्रत किया. जिसके प्रभाव से उनको लक्ष्मी जी सहित सब शक्तियां पुनः प्राप्त हुई.
भाद्रपद पूर्णिमा 2021
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