KRITARTH कृतार्थ
KRITARTH - GRATITUDE
कृतार्थ का अर्थ होता है एक तरह की संतुष्टि और प्रसन्नता की भावना जब व्यक्ति किसी की कृपा से संतुष्ट होता है
एक दिन एक व्यक्ति को स्वप्न में एक देवदूत दिखे उनके हाथ में एक सूची थी. व्यक्ति ने देवदूत से बड़ी विनम्रता से पूछा कि, यह आपके हाथ में किस चीज की सूची है ". देवदूत कहने लगे कि मेरे हाथ में उन लोगों की सूची है जो ईश्वर को प्रेम करते हैं.
उस ने पूछा कि, "क्या मेरा नाम उस सूची में है" ? मैं जरूरतमंद दीन दुखियों की मदद करता हूँ, गरीब बच्चों की पढ़ाई में मदद करता हूँ, और यहाँ तक हो सके अपनी कमाई पुण्य कर्मों में लगाता हूँ. समय मिले तो बैठकर भजन सिमरन कर लेता हूँ, लेकिन अपना कर्म करते करते तो ईश्वर का सिमरन करता रहता हूँ. देवदूत कहने लगे कि, क्षमा करें श्री मान लेकिन आप का नाम इस सूची में नहीं है.
उसी समय उस व्यक्ति का स्वप्न टूट गया लेकिन अभी भी उसकी आँखें आंसूओं से भीगी हुई थी. अगले दिन उसका मन इस स्वप्न की वजह से उचाट रहा क्योंकि वह इस वजह से परेशान था कि जरूर मेरे ईश्वर के प्रति प्रेम में कोई त्रुटि रह गई होगी. तभी मेरा नाम उस सुचि में नहीं था.
उस रात उसे फिर से स्वप्न में देवदूत दिखा. इस बार देवदूत ने कहा कि, "श्री मान आज भी मेरे हाथ में एक सूची है, जानना नहीं चाहोगे कि इस सूची में किन लोगों के नाम है ? .
वह व्यक्ति थोड़े उखाड़े स्वर में बोला कि मुझे क्या बताते हो ? उन सज्जनों के पास जाओ जिनका नाम इस सूची में है.
आप ने भी ईश्वर से बिना किसी फल की कामना के दूसरों की सहायता की . इस लिए इस सूची में आपका नाम सबसे ऊपर है. इतना सुनते ही उस व्यक्ति का स्वप्न टूट गया. इस बार भी उसकी आंखें आंसूओ से भीगी हुई थी और ईश्वर के उसके प्रति प्रेम भाव से वह कृतार्थ महसूस कर रहा था.
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