BAND MUTTHI LAKH KI MOTIVATIONAL STORY IN HINDI
बंद मुट्ठी लाख की खुल गई तो खाक की एक प्रेरणादायक कहानी
Motivational story in hindi: एक बार एक राजा थे .उन्होंने मंदिर के पूजारी को संदेश भिजवाया कि वह इस दिन मंदिर में आएंगे . मंदिर के पुजारी ने जब से संदेश सुना तो उन्हें लगा कि राजा के आने से पहले मंदिर की साज- सजावट और रंग रोगन करवा लेना चाहिए .
इस कार्य के लिए पूजारी जी ने कर्ज लिया. पूजारी जी ने सोचा कि जब राजा आएंगे तो भरपूर दक्षिणा दे देंगे.
उस दक्षिणा से अपना कर्ज उतार देंगे. राजा जी निर्धारित दिन मंदिर में आए. पूजा- अर्चना करने के पश्चात दक्षिणा के रूप में पूजारी जी को चार आने ही दिए और अपनी महल को चले गए.
पूजारी जी इससे बहुत चिंतित हुए कि अब वह कर्ज कैसे चुका पाएंगे? लेकिन पूजारी जी को एक युक्ति सूझी. उन्होंने ने घोषणा करवा दी थी राजा जी ने मुझे जो दक्षिणा दी है मैं उसकी नीलामी करने जा रहा हूं.
नीलामी के समय पुजारी जी ने राजा जी के दिए हुए चार आने अपनी मुठ्ठी में छुपा लिए. इसलिए किसी को कुछ अनुमान नहीं हुआ कि राजा जी ने उसे दक्षिणा के रूप में क्या दिया है ?
हर कोई सोच रहा था जरूर कोई ना कोई बहुमूल्य वस्तु होगी. इसलिए बोली बढ़ते- बढ़ते पचास हजार तक पहुंच गई. लेकिन पूजारी जी फिर भी वस्तु को नीलाम ना करे.
उसी समय नीलामी की बात राजा जी तक पहुंच गई कि पुजारी जी उनके द्वारा दी गई दक्षिणा की नीलामी कर रहे हैं . राजा जी बिना बिलम्ब पूजारी जी के पास पहुंचे.
उन्होंने पुजारी जी से विनती की कि आप मेरी दी हुई दक्षिणा को नीलाम मत करें. मैं इसके बदले में आपको सवा लाख रुपैया दूंगा. राजा जी ने पुजारी जी को सवा लाख दे दिया और पुजारी ने चुपके से चार आने अपनी मुट्ठी में से राजा जी की मुट्ठी में रख दिए.इस तरह से राजा जी की इज्जत बच गई. इस तरह यह कहावत सार्थक हो गई बंद मुठ्ठी लाख की खुल गई तो खाक की।
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