KATHNI AUR KARNI ME ANTAR MOTIVATIONAL STORY
करनी और कथनी में अंतर एक प्रेरणादायक कहानी
पंडित जी समझ गए कि कंडक्टर ने गलती से ज्यादा पैसे दे दिये है .लेकिन वह चुप रहे मन में सोचने लगे मुझे ज्यादा पैसे दिए इसमें कंडक्टर की गलती है इसलिए मैं ज्यादा दिये पैसे वापस क्यों करूं?
लेकिन पंडित जी के मन में बस में उतरने तक द्वद चलता रहा कि पैसे वापस करूँ या ना करूँ.लकिन जब कंडक्टर ने आवाज लगाई थी पंडित जी आपका स्टॉप आने वाला है तो पंडित जी ने अपनी जेब में से ₹10 निकालकर कंडक्टर को वापस कर दिए और कहा कि आपना काम ध्यान से किया करो, तुमनें गलती से मुझे ज्यादा पैसे दे दिए थे.
कंडक्टर ने कहा पंडित जी मैंने गलती से नहीं जानबूझकर आपको ज्यादा पैसे दिए थे . कंडक्टर की बात सुन कर पंडित जी सतब्ध हो गए.
कंडक्टर कहने लगा कि मैंने आपके बारे में बहुत सुना है कि आप के प्रवचन सुनकर बहुत से लोगों लोगों का जीवन बदल गया. आप उन्हें अच्छाई के पथ पर चलने, धन का लोभ ना करने, और शुभ कर्म करने की प्रेरणा देते हैं .
मैं जानना चाहता था कि आपकी करनी और कथनी में कहीं अंतर तो नहीं है. लेकिन आपने पैसे वापस करके सिद्ध कर दिया आपकी करनी और कथनी में कोई अंतर नहीं है.
पंडित जी बस से उतरते ही अपनी ईश्वर का शुक्रिया कर रहे थे कि प्रभु आपने मुझे बचा लिया ,नहीं तो ₹10 के कारण उनके चरित्र पर दाग लग जाता कि पंडित जो ज्ञान लोगों को देता है उस पर स्वयं अमल नहीं करता है. उसकी करनी और कथनी में अंतर है.
इसलिए कहते हैं कि अपनी अंतरात्मा की आवाज को जरूर सुने क्योंकि कुछ भी गलत करने पर वह आपको दुत्कारती जरूर है.
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