BHAGWAN JO KARTA HAI ACHA KARTA HAI
भगवान जो करता है अच्छे के लिए करता है एक प्रेरणादायक प्रसंग
ईश्वर जो करता है अच्छे के लिए करता हैं Motivational story in hindi
एक बार एक भक्त हर रोज़ मंदिर आता । श्रद्धा भाव से मंदिर में काम करता। उसे साक्षात प्रभु के दर्शन होते थे। एक दिन कहने लगा कि," प्रभु आप दिन- रात यहां खड़े रहते हैं ऐसा करें कि आप घूम- फिर आए मैं आप के स्थान पर जहां खड़ा हो जाता हूं"।
भक्त के बार - बार आग्रह करने पर भगवान बोले चलो ठीक है लेकिन तुम चुपचाप जहां खड़े रहना। कोई भी भक्त आ कर कुछ भी विनती करें, पुकार करे , तुम कुछ भी सही- ग़लत होते देखो लेकिन फिर भी तुम सब चुप रहना। मैंने मंदिर में आने वाले हर भक्त के लिए उचित प्रबंध पहले से ही किया हुआ है।
भगवान भक्त के आग्रह पर भक्त को वहां खड़े कर स्वयं चले गए। कुछ समय के पश्चात एक धनवान सेठ मंदिर में आया और कहने लगा कि प्रभु इस बार भी मुझे धंधे में फायदा हो ऐसी कृपा कर देना। ईश्वर से फरियाद कर वह जैसे ही जाने लगा उसका पैसों से भरा पर्स मंदिर में गिर गया। भगवान के स्थान पर खड़े भक्त के मन में विचार आया कि इसे रोककर बता दूं कि तुम्हारा पर्स गिर गया है लेकिन उसे भगवान की बात का स्मरण हो आया कि तुम जो हो रहा है केवल देखोगे ,बोलोगे कुछ नहीं।
उस धनवान सेठ के पश्चात मंदिर में एक गरीब व्यक्ति आया जिसकी पत्नी बहुत बिमार थी। वह ईश्वर से प्रार्थना कर रहा था कि प्रभु मेरे पास पत्नी के इलाज के पैसे नहीं है। कुछ ऐसा चमत्कार करो कि पैसों का इंतजाम हो जाए।
उसी समय उसकी नज़र धनवान सेठ के गिरे हुए पर्स पर पड़ी। उस गरीब व्यक्ति ने पर्स उठाया और उसमें पैसे देख कर कहने लगा कि प्रभु आप की लीला अपरम्पार है । इधर मैंने आप से विनती की उधर आप ने चमत्कार कर भी दिया। वह गरीब व्यक्ति ईश्वर का धन्यवाद कर मंदिर से चला गया। भगवान के स्थान पर खड़े भक्त ने इस बार भी उसे रोकना चाहा कि इस पर्स का जहां गिरना ईश्वर का चमत्कार नहीं बल्कि यह तो उस सेठ से गलती से गिर गया है। लेकिन भगवान की बात का स्मरण कर चुप रह गया।
उस गरीब व्यक्ति के पश्चात मंदिर में एक व्यापारी आया जोकि अपने व्यवसाय के लिए समुद्री जहाज से दूसरे देश जाने वाला था। वह ईश्वर से कामना करने आया था कि उसकी यात्रा सफल हो। अभी व्यापारी प्रार्थना कर ही रहा था कि इतने में धनवान सेठ पुलिस लेकर मन्दिर में आ गया कि मंदिर से किसी ने मेरा पर्स चुरा लिया है।
उसे लगा कि उसके जाने के पश्चात मेरा पर्स इस व्यापारी को मिला हो और शायद उसने मेरा पर्स कहीं छिपा दिया हो। पुलिस जैसे ही उस व्यापारी को ले जाने लगी । भगवान के स्थान पर खड़े भक्त बोल पड़े कि पर्स तो उस गरीब आदमी ने उठाया है जिसकी पत्नी बिमार है। यह व्यापारी निर्दोष है। पुलिस वालों ने उसे छोड़ दिया और उस गरीब को पकड़ने चले गए।
भगवान जब वापस आए तो भक्त ने सारा घटनाक्रम उनको सुनाया। उसे लगा कि भगवान उसे इस कार्य के लिए शाबाशी देंगे लेकिन भगवान कहने लगे कि मैंने तुम से कहा था ना कि तुम चुपचाप जहां खड़े रहना। लेकिन तुम ने सच्चाई बताकर सब गड़बड़ कर दी।
वह धनवान सेठ लोगों को लुट कर, उल्टे-सीधे तरीकों से धन अर्जित करता था। अगर उस गरीब की पत्नी का उसके पैसों से इलाज होता तो अनजाने में ही सही उसे उसका पुण्य मिलता। दूसरा इतने पैसों के खोने से उसकी धन - सम्पदा में कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन उस गरीब के लिए वह धन बहुमूल्य था इस से उसकी पत्नी भी बच जाती और कुछ दिनों के लिए उसके घर का राशन भी चल जाता। तुम्हारे कारण वह गरीब आदमी अब जेल में रहेगा और उसकी पत्नी का ईलाज में भी कठिनाई आएगी।
उस व्यापारी को आज समुद्री जहाज से यात्रा करनी थी लेकिन आज समुद्र तुफान आने वाला है जिसमें यह यात्रा करने वाला था वह जहाज डुबोने वाला है। अगर वह आज जेल में चला जाता तो सफ़र नहीं कर पाता और वह समुद्र में डुबने से बच जाता । सबूतों के अभाव में कल पुलिस उसे छोड़ देती। तुम ने सब गड़बड़ कर दिया।
अब वह भक्त अपनी गलती पर पछताने लगा और सोचने लगा कि सच ही कहते हैं कि भगवान जो करता है अच्छे के लिए करता है।
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