BHAGWAN SHIV KO NEELKANTH KYUN KAHTE HAI

महाशिवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ. महाशिवरात्रि पर पढ़े  भगवान शिव को नीलकंठ क्यों कहा जाता है ? भगवान शिव ने विष क्यों पिया?(Mythological Story lord Shiva ko Neelkanth kyun kaha jata hai)



भगवान शिव त्रिदेवों में से एक है। भगवान विष्णु सृष्टि के पालनकर्ता, भगवान ब्रह्मा रचयिता और भगवान शिव विनाशक कहा जाता हैं।

भगवान शिव को हम भोले नाथ, महादेव, रूद्र , अर्धनारीश्वर आदि कई रूपों में पूजते हैं। उनमें से भगवान शिव का एक नाम नीलकंठ भी है। भगवान शिव ने सृष्टि के कल्याण हेतु हलाहल नामक विष को पिया था।

अमृत की प्राप्ति के लिए दैत्यों और देवताओं ने मिलकर    समुद्र मंथन करने के लिए मित्रता कर ली। मन्दराचल पर्वत को मथानी बनाया गया और वासुकि नाग को मथने की रस्सी के तौर पर इस्तेमाल किया गया। भगवान विष्णु ने कच्छप अवतार लेकर पर्वत को अपनी पीठ पर धारण किया। 

समुद्र मंथन के दौरान लक्ष्मी, शंख, कौस्तुभमणि, ऐरावत, पारिजात, उच्चैःश्रवा, कामधेनु, कालकूट, रम्भा नामक अप्सरा, वारुणी मदिरा, चन्द्रमा, धन्वन्तरि, अमृत और कल्पवृक्ष ये 14 रत्न के साथ साथ हलाहल नामक विष भी निकला। यह ऐसा विष था जिसकी कोई औषधि नहीं थी।

विष के निकलने से समुद्र के जीव घबरा गए। उसके कारण हाहाकार मच गया और दशों दिशाएं जलने लगी। सभी देवता भगवान शिव की शरण में गए। सब भगवान शिव की स्तुति करने लगे कि प्रभु हम आपकी शरण में है । आप सृष्टि को जलाने वाले इस विष से हमारी रक्षा करें।

यह त्रिगुणमयी प्रकृति आपके अधीन है। इस विष का नाश करना आपके लिए असंभव नहीं है। देवताओं की स्तुति सुनकर भगवान शिव माता पार्वती से कहने लगे कि क्षीरसागर से निकले इस विष से प्रजा जनों का नाश हो रहा है ।सभी इस विष से प्राणों रक्षा चाहते है। 

मेरा कर्तव्य है कि मैं शरण में आए दीनों की रक्षा करूं क्योंकि यह ही सामर्थ्य वान का कर्तव्य है। माता पार्वती ने भगवान शिव को विष पान करने से मना नहीं किया। महादेव उस विष को पी गए। भगवान शिव ने विष को गले से नीचे नहीं उतरा जिसके प्रभाव से उनके कण्ठ का निचला भाग नीला हो गया इस लिए भगवान शिव नीलकंठ कहलाये। सभी देवी देवताओं ने भगवान शिव की प्रशंसा की।

विष ग्रहण करते समय विष की कुछ बूंदें नीचे गिर गई तो उसे बिच्छू, सर्प और कुछ औषधियों ने ग्रहण कर लिया जिससे विषैले जीव और वस्तुओं में उसका अंश आ गया।

#शिव

ALSO READ

शिव जी की आरती

शिव रूद्राष्टकम

शिव पार्वती विवाह कथा 

भगवान शिव का शुभ लाभ से संबंध

श्री कृष्ण और भगवान शिव युद्ध प्रसंग

 भगवान शिव ने अर्धनारीश्वर रूप क्यों धारण किया




Comments

Popular posts from this blog

BAWA LAL DAYAL AARTI LYRICS IN HINDI

RADHA RANI KE 16 NAAM MAHIMA

MATA CHINTPURNI CHALISA LYRICS IN HINDI