BRAHMA JI NE SHRI KRISHNA KI PRIKSHA KYU LI

 पढ़ें श्री कृष्ण की बाल लीला ब्रह्मा जी ने श्री कृष्ण की परीक्षा क्यों ली थी? Mythology story in hindi 



श्री कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार माने जाते हैं। श्री कृष्ण वृन्दावन में बलराम जी और ग्वाल बाल संग वन में बछड़े और गाय चराने जाते थे।

एक बार ब्रह्मा जी ने श्री कृष्ण की परीक्षा लेने की सोची। श्री कृष्ण और बलराम जब ग्वाल बाल संग गाय और बछड़े चराने वन में गए हुए थे । दोपहर के समय जब थक कर भोजन के पश्चात सब आपस में अमोल प्रमोद करने लगे । उनके गाय और बछड़े चरते हुए बहुत दूर चले गए। 

गाय और बछड़ों को ना पाकर ग्वाल बाल घबरा गए तो श्री कृष्ण कहने लगे कि आप लोग चिंतित ना हो मैं उनको ढूंढ कर लाता हूं। श्री कृष्ण गायें और बछड़ों वन, पर्वत और गुफाओं में खोजने लगे।

श्री कृष्ण को गाय और बछड़ों में से कोई भी नहीं मिला क्योंकि श्री कृष्ण की परीक्षा लेने के लिए स्वयं ब्रह्मा जी ने उनका हरण कर लिया था क्योंकि ब्रह्मा जी को लगा था कि श्री कृष्ण अब मदद के लिए उनके पास आएंगे। जब श्री कृष्ण वापिस यमुना तट पर आए तो उन्हें वहां ग्वाल - बाल को भी वहां ना पाकर श्री कृष्ण ने अपनी दिव्य दृष्टि से जान लिया कि ब्रह्मा जी ने ही उनको भी चुराया है।

श्री कृष्ण ने समस्त गायें, बछड़ों सहित सभी ग्वाल- बाल का पुनः निर्माण कर दिया और सबको लेकर वृन्दावन वापिस आ गए। कोई भी मां इस भेद‌ को जान नहीं पाई कि यह उनके पुत्र नहीं है । आज सब अपने बालकों पर पहले से भी अधिक ममता लुटा‌ रही थी। वन‌ से वापस आई गाय भी अपने बछड़ों को चाट कर दूध पिलाने में लग गई। लगभग एक वर्ष तक ब्रह्मा जी ने अपनी माया नहीं हटाई।

 एक वर्ष पश्चात ब्रह्मा जी पुनः पृथ्वी पर आए। जब श्री कृष्ण और बलराम अपनी गाय चराने वन में गए हुए थे तो वहां पर चरने वाली गाय ने ब्रह्मा जी द्वारा हरण किये गाय और बछड़ो को देखा तो वह प्रेम वश वहां चली गई। बलराम जी यह देख कर श्री कृष्ण से पूछते हैं कि यह कैसी माया है? श्री कृष्ण मुस्कुराते हुए कहने लगे कि भईया यह मेरी नहीं ब्रह्मा जी की माया है।

बलराम जी देखते हैं कि ब्रह्मा जी द्वारा हरण किए गए गाय और बछड़े, ग्वाल बाल श्रीकृष्ण के समीप आ गए और श्री कृष्ण द्वारा निर्मित गाय, बछड़े और ग्वाल बाल अदृश्य हो गए कोई भी कुछ भी भेद नहीं जान पाया। 

ब्रह्मा जी सोचने लगे कि मैं तो श्री कृष्ण को मोहित करने चला तो यहां तो श्री कृष्ण ने मुझे ही मोह लिया। ब्रह्मा जी को सभी ग्वाल बाल में भगवान के चतुर्भुज रूप के दर्शन होने लगे।यह देख कर ब्रह्मा जी व्याकुल हो गये तो श्री कृष्ण ने अपनी माया हटा ली। ब्रह्मा जी श्री कृष्ण की स्तुति करने लगे। हे प्रभु मैं मुर्ख था जो आपकी परीक्षा लेने की कोशिश की।

मुझे अपना सेवक जानकर मेरा अपराध क्षमा करें। ब्रह्मा जी के स्तुति सुनकर श्री कृष्ण ने उन्हें वापस जाने की आज्ञा दी और स्वयं ग्वाल बाल संग भोजन करने लगे और कोई भी लीलाधर की लीला का भेद कोई जान नहीं पाया?

जय श्री कृष्णा।

#श्रीकृष्ण #कृष्णकथाएं #परीक्षा 

श्री कृष्ण जन्म 

पुतना वध कथा

शकटासुर और तृणावर्त वध

Comments

Popular posts from this blog

BAWA LAL DAYAL AARTI LYRICS IN HINDI

RADHA RANI KE 16 NAAM MAHIMA

MATA CHINTPURNI CHALISA LYRICS IN HINDI