NINDA - CONDEMNATION निंदा -बुराई
निंदा का अर्थ होता है किसी की वास्तविक या काल्पनिक दोष या बुराई बताना
किसी द्वारा की गई निंदा से कभी भी नहीं डरना चाहिए क्योंकि क्या पता सामने वाला निंदा द्वारा आपको अपमानित करके आपको आपके लक्ष्य से भटकाना चाहता हो।
स्वामी विवेकानंद जी का मानना था कि निंदा के डर से लक्ष्य ना छोड़े क्योंकि लक्ष्य प्राप्त होते ही निंदा करने वालों की राय बदल जाती है।
किसी द्वारा की गई निंदा या आलोचना को अगर हम सकारात्मक दृष्टिकोण से लेते हैं तब यह हमारे आत्मिक बल का मापदंड भी बन सकता है। क्योंकि एक तो जब कोई हमारी निंदा करता है तो वह हमारी उस कमजोरी पर कटाक्ष करता है जिसे हम स्वयं नहीं देख पाते। सामने वाले द्वारा की गई आलोचना से हम अपनी उस कमी को सुधार कर सकते हैं।
लेकिन यह मेरा निजी अनुभव है क्योंकि एक समय था जब मैं भी किसी और द्वारा मुझ पर किए गए कटाक्ष या फिर निंदा से परेशान हो जाती थी। आलोचना करने वाले की बातें मन में नकारात्मक विचार उत्पन्न करती थी। लेकिन एक दिन मैंने एक लेख पढ़ा उसने मुझे जीवन में बहुत प्रेरणा दी।
उसका शीर्षक था आपके आलोचक आपके सच्चे शुभचिंतक होते हैं। मैंने उत्सुकतावश उसको पढ़ना शुरू किया।
उसमें ही लिखा था कि आपके आलोचक आपकी उस कमजोरी या कमी पर कटाक्ष करते हैं जिसे आप या फिर आपका परिवार देख नहीं पाते। उन पर क्रोध करने से पहले आत्म विश्लेषण करें कि आप में वह कमी है तो उसे दूर करें और उस के बाद ज्यादातर मेरी कोशिश रहती थी कि मैं अपनी उस कमी को दूर करूं।
दूसरे किसी द्वारा की गई निंदा को स्वीकार करना हमारे भीतर सहनशीलता लाता है कि सामने परिस्थितियां कैसी भी हो हमें उनका सामना करना है। अगर कोई कह रहा है कि तुम से नहीं कर सकते तो हमें खामोशी से उस रास्ते पर चलते हुए उन्हें गलत साबित करना है । क्योंकि अगर हम उनसे उलझ जाएंगे तो हमारा आत्मबल उन्हें गलत साबित करने में लग जाएगा और हम अपने लक्ष्य से भटक सकते हैं और यही तो सामने वाला चाहता है।
सबसे महत्वपूर्ण बात अलग आलोचना नहीं होगी तो किसी को भी अपने कार्य में पूर्णता का आभास होगा और पूर्णता का आभास व्यक्ति में अहंकार पैदा कर देता है और उसका विकास रूक जाता है।
कबीर दास जी भी कहते थे कि-
निंदक नियरे राखिए आंँगन कुटी छवाये,
बिन पानी साबुन बिना निर्मल करे सुभाय ।
मैं ना होता तो क्या होता प्रेरक प्रसंग
Don't judge a book by it's cover motivational story
Make your weakness your strength
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