JAGANNATH PURI TEMPLE KE RAHASYA

जगन्नाथ पुरी मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य 


जगन्नाथ पुरी मंदिर उड़ीसा राज्य के पुरी में स्थित है। इसको धरती का बैकुंठ भी कहा जाता है। जगन्नाथ पुरी मंदिर भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है। इस मंदिर में श्री कृष्ण अपने बड़े भाई बलभद्र और भगिनी सुभद्रा सहित विराजमान हैं।
 जगन्नाथ पुरी मंदिर में प्रतिवर्ष विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा निकाली जाती है। 
 2022 में रथ यात्रा आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 1 जुलाई से शुरू होगी और आषाढ़ मास की एकादशी तिथि तक यह पर्व चलता है। कहते हैं कि इस रथयात्रा में शामिल होने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

जगन्नाथ पुरी मंदिर से जुड़े रहस्य तथ्य 

  • जगन्नाथ मंदिर समुद्र के किनारे पर है। जगन्नाथ मंदिर में जो सिंहद्वार है उसमें प्रवेश करते ही समुद्र की लहरों की आवाज सुनकर देनी बंद हो जाती है लेकिन मंदिर से पहला कदम बाहर रखते ही लहरों की आवाज फिर से सुनाई देनी शुरू हो जाती है।
  • आप में बड़ी बड़ी इमारतों और अन्य मंदिरों के शिखरों पर पक्षियों को बैठे देखा होगा। लेकिन जगन्नाथ मंदिर के शिखर के ऊपर से पक्षी नहीं उड़ते । मंदिर के ऊपर से विमान भी नहीं गुजरते।
  • मंदिर के शिखर पर जो सुदर्शन चक्र है उस को किसी भी दिशा से देखने पर उसका मुंह अपनी ओर ही लगता है ।यह अष्ट धातु से बना है।
  • जगन्नाथ मंदिर की रसोई विश्व की सबसे बड़ी रसोइयों में से एक है इस रसोई में प्रसाद मिट्टी के बर्तनों में बनता हैं जिसे लकड़ी की आग से पकाया जाता है। भोजन पकाने के लिए एक के ऊपर एक सात बर्तन रखे जाते हैं और चमत्कारी तौर पर सबसे ऊपर वाले बर्तन का प्रसाद सबसे पहले बनता है।
  • मंदिर में बनने वाला प्रसाद कभी भी कम नहीं पड़ता। लेकिन  मंदिर के कपाट बंद होते ही प्रसाद खत्म हो जाता है ।
  • जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर लगा झंडा सदैव हवा की विपरीत दिशा में ही लहराता है.
  • आमतौर पर दिन में हवा समुंदर से धरती की ओर चलती है, शाम को हवा धरती से समुंदर की तरफ चलती है लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जगन्नाथपुरी में यह प्रक्रिया उल्टी है।



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