SHRI KRISHNA GANDHARV SUDARSHAN MOKSH KATHA
श्री कृष्ण ने गंधर्व सुदर्शन को कैसे मोक्ष प्रदान किया
एक बार नंद जी सब ब्रजवासियों सहित देवकी वन की यात्रा पर गए। वहां पर उन्होंने सब ब्रजवासियों सहित सरस्वती नदी में स्नान कर भगवान शिव और वन देवी की पूजा की।
सब लोग विश्राम करने के लिए वही पर ठहर गए। रात्रि में एक अजगर नंद बाबा को पकड़ कर निगलने लगा तो उन्होंने श्री कृष्ण को पुकारना शुरू किया। सब गोप जलती हुई लकड़ियों से उसे मारने लगे लेकिन उस पर कोई प्रभाव ना पड़ा।
श्री कृष्ण ने वहां पहुंच कर अजगर पर अपने चरणों से प्रहार किया तो वह सुंदर गंधर्व के रूप में बदल गया। उसने श्री कृष्ण को प्रणाम किया तो श्री कृष्ण ने उससे पूछा कि तुम कौन हो?
उसने श्री कृष्ण को बताया कि पहले वह सुदर्शन नाम का एक सुंदर गंधर्व था। एक बार अपनी सुन्दर देह के अभिमान में मै अंगिरा ऋषि को देखकर हंस पड़ा इसलिए उन्होंने मुझे शाप दिया कि तुम अजगर हो जाओ।
गंधर्व कहने लगा कि अंगिरा ऋषि कहा था कि मैं आपके चरणों के प्रहार से फिर से गंधर्व बन जाऊंगा।आज अंगिरा ऋषि की कृपा से ही मुझे आपके दर्शन हुए। प्रभु आप तो अंतर्यामी है आप तो सब जानते हैं। वह श्री कृष्ण को प्रणाम कर अपने लोक चला गया।
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