RE MAAE JEE MERA CHAHE MEIN PHIRON VRINDAVAN

MADHAVAS ROCK BAND BHAJAN LYRICS 

रे माई जी मेरा चाहे मैं फिरूँ वृन्दावन धाम भजन लिरिक्स इन हिन्दी 

 रे माई जी मेरा चाहे भजन माधवा रॉक बैंड का नया भजन है जिसके लिरिक्स बहुत ही सुन्दर है। इस भजन को उन्होंने थोड़ा सा पंजाबी टच दिया है।
"रे माई जी मेरा चाहे मैं फिरूँ वृन्दावन धाम" माधव रॉक बैंड का सुंदर भजन है जिसमें नंद रानी वृन्दावन की पावन भूमि में बसने की इच्छा व्यक्त कर रही है। यहां श्यामा श्याम यानी की श्री कृष्ण और राधा रानी रहते हैं।


MADHAVAS ROCK BAND BHAJAN LYRICS 

"RE MAAE JEE MERA CHAHE MEIN PHIRON VRINDAVAN DHAM"


रे माई, रे माई

 रे माई, जी मेरा चाहे मैं फिरूँ वृन्दावन धाम
 (जी- पंजाबी में दिल को कहते हैं) 

हे माई जी मेरा चाहे मैं फिरूँ वृन्दावन धाम

मैं फिरूँ वृन्दावन धाम जहां रहते है श्यामा श्याम

रे मेरे माही, रे माही ,जी मेरा चाहे में फिरूँ वृन्दावन धाम 

रे मेरे माही, रे माही ,जी मेरा चाहे में फिरूँ वृन्दावन धाम

छोटी सी कुटिया में रह के, दिन भर भजन करूँगी रे
हरि नाम का जाप करूंँगी ,गलिन गलिन डोलूंगी रे


छोटी सी कुटिया में रह के, दिन भर भजन करूँगी रे
हरि नाम का जाप करूंँगी ,गलिन गलिन डोलूंगी रे

साधो जीवन जीने में ,हो जाओगे बुरा हाल
उल्टे पांव भागोगी शहर को,गलेगी ना जब दाल 

उल्टे पांव भागोगी शहर को,गलेगी ना जब दाल 

रे माई ,रे माई
रे माई, मेरी राधा की शरण में ना हो बुरा 

रे माई ,मेरी राधा की शरण में ना हो बुरा 
 कैसे कैसो पे करी कृपा मेरा भी रखें ख्याल

हो राधा रखेगी ख्याल,सबकी प्यारी लाड़ली लाल 

रे माई जी मेरा चाहे में फिरूँ वृन्दावन धाम

रे माई जी मेरा चाहे में फिरूँ वृन्दावन धाम


रोज़ परिक्रमा दूंगी, रोज़ बिहारी जी के जाऊँगी 

जब भी मिलेगा मौको, मैं बरसाने भी हो आऊंगी

तू ठहरी छुईमुई शहर की, तू ठहरी छुईमुई शहर की

इतौ ना चल पावैगी

जे बंदर ले गया पर्स झपटकर

कैसे फिर तू छोड़ावेगी

जे बंदर ले गया पर्स झपटकर

कैसे फिर तू छोड़ावेगी

रे माही, रे माही

रे माही,मैं यह सब सह लूंगी मुझे शहर ना आवै रास

रे माही,मैं यह सब सह लूंगी मुझे शहर ना आवै रास

बड़भागी ब्रज के बंदर मुझे भी दियो जहां निवास 

हो दियो ब्रज में वास यही चाहूँ मैं आठों याम

 

रे माई जी मेरा चाहे में फिरूँ वृन्दावन धाम

हे माई जी मेरा चाहे में फिरूँ वृन्दावन धाम

 मैं फिरूँ वृन्दावन धाम जहां रहते है श्यामा श्याम

रे मेरे माही, रे माही जी मेरा चाहे में फिरूँ वृन्दावन धाम 

रे मेरे माही, रे माही जी मेरा चाहे में फिरूँ वृन्दावन धाम


हो खाना-पीना दुर्लभ होगा 

 देखेंगे जो होना होगा 

इतनी गर्मी झेल न पाएंगी 

राधा रानी मुझे बचाएंगी

हो तुमे खुद ना है कोई फ़िक्र

ठाकुर जी हैं तो काहे का डर

मेरो ना धंधा जहां पे ना कोई काम

 फिक्र ना करें है राधेश्याम

 अरे क्या यहां पर गईया चराऊ

 हां साथ में खेती भी कर लेना

खाने पीने की भी टेंशन खत्म

हे नंदरानी जय हो मेरी राधा रानी

हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हरे रामा हरे रामा रामा रामा हरे हरे 

हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हरे रामा हरे रामा रामा रामा हरे हरे 

हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हरे रामा हरे रामा रामा रामा हरे हरे 

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