SHIKSHA KA MAHATAV MORAL STORY

शिक्षा का जीवन में क्या महत्व होता है ? पढ़े एक प्रेरणादायक प्रसंग 


Shiksha ka Mahatav Motivational story in hindi for students 

  एक बार एक राजा शिकार खेलने जंगल में गया। शिकार की तलाश में वह बहुत दूर निकल गया और वह अकेला रास्ता भटक गया। उसकी सेना अब उसके साथ नहीं थी।

बहुत दूर निकलने के पश्चात उसे एक गांव में कुछ लड़के खेलते हुए दिखाई दिये। राजा लड़को को पास पहुंचा और उनसे कहने लगा कि मुझे बहुत भूख और प्यास लगी है। क्या आप लोग मुझे पीने के लिए पानी और खाने के लिए कुछ लाकर दे सकते हो?

तीनों लड़के खुशी खुशी अपने अपने घर से पानी और खाने के लिए फल और भोजन लें कर आये। राजा ने मन भर कर पानी पिया और भोजन किया। राजा जब खा पीकर संतुष्ट हो गया तो उसने लड़कों को बताया कि मैं जहां का राजा हूं आप लोग मुझसे जो चाहे मांग सकते हो।‌‌

पहले लड़के ने मांगा कि आप मुझे बहुत सा धन दे दे ताकि मेरी आने वाली जिंदगी आराम से गुजर सके। राजा ने उसकी वह इच्छा पूरी करने का वचन दिया।

दूसरे लड़के ने कहा कि आप मुझे बड़ा सा घर, घोड़ागाड़ी दे ताकि मैं शान से रह सकूं। राजा ने उसकी भी इच्छा पूरी करने का वचन दे दिया।

तीसरा लड़के कहने लगा कि, राजा जी मैं पढ़ना चाहता हूं लेकिन गांव में कोई स्कूल नहीं है आप मेरी शिक्षा की व्यवस्था कर दीजिए। राजा उसकी मांग से बहुत खुश हुआ उसको योग्य गुरुओं के पास शिक्षा लेने भेजा। शिक्षित होकर वह लड़का राजा का मंत्री बन गया। अब उसके पास मान सम्मान, धन, बड़ा घर, घोड़ागाड़ी सब थे।

राजा को एक दिन पुरानी घटना का स्मरण हो आया जब जंगल में तीन लड़कों ने उसकी मदद की थी तो राजा ने उस लड़के को जो अब राजा के दरबार में मंत्री था, उससे कहा कि तुम अपने दोनों मित्रों को रात्रि भोज में आमंत्रित करो।

रात्रि भोज पर तीनों मित्र राजा के सामने उपस्थित हुए। एक के बारे में तो राजा सब कुछ जानता था। लेकिन राजा बाकी दोनों के बारे में जानना चाहता था कि उसकी मदद करने के पश्चात उनके जीवन में क्या बदलाव आया।

पहला मित्र जिस ने बहुत सा धन लिया था वह कहने लगा कि महाराज मेरा बहुत सा धन लेने का निर्णय बहुत ग़लत निकला। क्योंकि ज्यादा धन एक साथ आने के कारण मैं उसकी कद्र नहीं कर पाया और मैंने बहुत सा धन फिजूलखर्ची में लगा दिया, कुछ धन चोरी हो गया। बिना मेहनत के मिले धन के कारण मैं आलसी हो गया और जीवन में कुछ भी काम करना नहीं सिखा । इसलिए मैं फिर से गरीब हो गया।

दूसरा मित्र कहने लगा कि आपने मुझे जो बड़ा घर और घोड़ागाड़ी दी उस पर मैं बहुत इतराता था लेकिन एक दिन गांव में बाढ़ आई तो मेरा घर और घोड़ागाड़ी दोनों बह गए और मैं पुनः पुरानी स्थिति में पहुंच गया।

लेकिन हमारा तीसरा मित्र बहुत समझदार निकला जो उसने आप से शिक्षा मांगी। उस शिक्षा को ना तो कोई चोर चुरा कर ले जा सकता है और ना ही बाढ़ बहा कर ले जा सकती है। 

आज उसने अपनी शिक्षा के बल पर ना केवल राजमहल में मंत्री हैं अपितु उसके पास धन, बड़ा घर, मान सम्मान सब है। 

MORAL - शिक्षा का हमारे जीवन में बहुत महत्व है क्योंकि शिक्षित व्यक्ति के ज्ञान को कोई चुरा नहीं सकता। अपितु वह अपने ज्ञान के बल पर बहुत कुछ अर्जित कर सकता है।

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