MARGASHIRSHA PURNIMA AANPURNA JAYANTI
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मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2022 हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है।मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मार्गशीर्ष पूर्णिमा कहा जाता है ।इस दिन भगवान विष्णु का दत्तात्रेय अवतार भी हुआ था इसलिए इस दिन को दत्तात्रेय जयंती के रूप में भी जाना जाता है । मार्गशीर्ष मास के बारे में श्री कृष्ण ने स्वयं कहा गया है कि मैं महीनों में मार्गशीर्ष का पावन महीना हूं। इस दिन माता पार्वती ने अन्नपूर्णा देवी का रूप धारण किया था इसलिए इस दिन को अन्नपूर्णा जयंती के रूप में भी मनाया माना जाता है।माँ अन्नपूर्णा संसार का भरण पोषण करती हैं ।इस दिन जो माता अन्नपूर्णा की पूजा करता है उसके घर पर अन्न धन की कमी नहीं होती। उसके अन्न भंडारे सदैव भरे रहते हैं। मार्ग शीर्ष पूर्णिमा का महत्व मार्ग शीर्ष पूर्णिमा का विशेष महत्व है क्योंकि माना जाता है कि इस दिन दिए गए दान का फल 32 गुना अधिक मिलता है. इसलिए इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है। श्री कृष्णा ने भगवत गीता में कहा है कि महीनों में मैं मार्गशीर्ष का पावन महीना हूं। इस दिन पवित्र नदी, सरोवर में स्नान करना बहुत ही शुभ फलदाई माना गया है।