BIHAR PANCHMI BANKE BIHARI PRAAKATY DIVAS

 बिहार पंचमी बांके बिहारी प्राकट्य दिवस 2024

शुक्रवार, 6 दिसंबर 



मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को स्वामी हरिदास की सघन उपासना के फलस्वरूप श्री बांके बिहारी जी का वृन्दावन के निधिवन में प्राकृट्य हुआ था। बांके बिहारी जी के इस प्राकट्य दिवस को बिहार पंचमी के रूप में मनाया जाता है। ब्रजधाम के वृन्दावन में बांके बिहारी जी का प्राकट्य दिवस धूमधाम से मनाया जाता है। इसदिन बांके बिहारी जी के दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर दूर से आते हैं। 

बांके बिहारी जी के प्राकट्य दिवस पर बिहारी जी का अभिषेक किया जाता है।

उनके प्रतीकात्मक पदचिन्हों को दूध, दही ,घी और जल से स्नान कराया जाता है और चरणामृत को भक्तों में वितरित किया जाता है।

इस दिन बिहारी जी के बाल रूप को पीले वस्त्र‌ और स्वर्ण आभूषण पहनाएं जाते हैं। उनको 56 भोग अर्पित किए जाते हैं। मंदिर को रंग बिरंगे गुब्बारों और फूलों से सजाया जाता है।इस दिन मंदिर की छटा आलौकिक लगती है।

बिहार पंचमी के दिन बांके बिहारी जी के साथ स्वामी हरिदास जी की भी पूजा की जाती है। इस दिन श्री हरिदास जी महाराज निधिवन से चांदी के रथ पर सवार होकर अपने लाडले बांके बिहारी जी को बधाई देने जाते हैं। इस शोभा यात्रा में भक्त आनंद विभोर होकर नृत्य,गायन करते हैं और प्राकट्य दिवस की बधाई देते हैं। 

इस शोभा यात्रा में श्री हरिदास जी, श्री विट्ठल और गोस्वामी जगन्नाथ जी के विग्रह रथ पर बांके बिहारी मंदिर पहुंचते हैं। मंदिर में संतों का स्वागत किया जाता है।

ऐसी मान्यता है कि स्वामी हरिदास जी की गोद में बैठ कर बिहारी जी भोजन का आंनद लेते हैं।

ALSO READ 

श्री बांके बिहारी आरती लिरिक्स इन हिन्दी

श्री बांके बिहारी भजन लिरिक्स इन हिन्दी 

बांके बिहारी मस्ती तेरी छाई रे भजन लिरिक्स इन हिन्दी 

श्री बांके बिहारी चालीसा लिरिक्स इन हिन्दी


Comments

Popular posts from this blog

BAWA LAL DAYAL AARTI LYRICS IN HINDI

RADHA RANI KE 16 NAAM MAHIMA

MATA CHINTPURNI CHALISA LYRICS IN HINDI