GEETA JAYANTI SIGNIFICANCE IN HINDI
गीता जयंती 2023
22 December 2023
गीता जयंती मार्गशीर्ष की शुक्ल पक्ष एकादशी को मनाई जाती है. इस एकादशी को मोक्षदा एकादशी भी कहा जाता है। इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के युद्ध में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।
भगवत गीता में मानव जीवन के हर एक पहलू के बारे में बताया गया है. जो आज से 5000 पहले सार्थक थी, उतनी ही आज के समय में भी है। गीता में 18 अध्याय हैं और 700 श्लोक हैं।
युद्ध के मैदान में अर्जुन भीष्म पितामह, गुरु द्रोण, भाई-बन्धुओं को देखकर विचलित हो जाता हैं ।अर्जुन कहते हैं मैं अपने लोगों को मारकर युद्ध नहीं कर सकता इससे तो अच्छा मैं भिक्षा मांग लूंगा. भगवान श्री कृष्ण जो महाभारत युद्ध में अर्जुन के सारथी थे शांति से अर्जुन की बातें सुनते है।
कृष्ण अर्जुन के द्वारा पूछे गए सभी प्रश्नों के उत्तर देते हैं ।अर्जुन के मन में जितने भी शंका होती हैं उसे दूर करते हैं।
अर्जुन के साथ- साथ संजय ने भी वेद व्यास जी द्वारा दी गई दिव्य दृष्टि से श्री कृष्ण के द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश को सुना था और उनके दिव्य रुप को देखा था।
गीता जयंती का महत्व
संजय के अनुसार जहां श्री कृष्ण और धनुर्धारी अर्जुन की गीता पढ़ी जाएगी ,उस जगह पर धन की वर्षा होगी, पढ़ने वाले को विजय मिलेगी , उसको अद्भुत शक्तियों का अनुभव होगा और एक ईमानदार इंसान बनेगा।
श्रीमद् भगवद् गीता को जरूर पढ़ना चाहिए,क्योंकि गीता के ज्ञान की जितनी जरूरत उस समय अर्जुन को थी शायद उस से भी ज्यादा वर्तमान समय में हम सब को है । श्रीमद्भगवद् गीता के ज्ञान से मनुष्य के जीवन में धर्म, साहस, सरलता, शांति आदि गुण सहज ही विकसित हो उठते है।
गीता जयंती को क्या करना चाहिए?
इस दिन गीता का पाठ करने से मनोकामना पूर्ण होती है.इस दिन श्री कृष्ण के विराट रुप के दर्शन करने शुभ माने जाते हैं।
भगवान विष्णु जी का तुलसी की मंजरी, धूप, दीप से पूजन करना चाहिए. इस दिन भगवान को तुलसी अर्पण करने का विशेष महत्व माना गया है।
मोक्षदा एकादशी का व्रत रखना बहुत फलदायी माना जाता हैं. माना जाता है कि अगर इस व्रत का पुण्य पितरों को अर्पित कर दिया जाए तो उनको मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन किए गए दान का महत्व बाकी दिनों में किए दान से कई गुना ज्यादा मिलता है।
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