HANUMAN JI KA VIVAH KAB KAISE KIS KE SATH HUA |HANUMAN STORY
Hanuman jayanti
Thursday , 6 April
हनुमान जयंती पर पढ़ें हनुमान जी का विवाह किस से हुआ पढ़ें हनुमान जी के विवाह की कहानी
Hanuman story
हनुमान जी श्री राम के परम भक्त माने जाते हैं। हनुमान जी बल और बुद्धि के देवता हैं। हनुमान जी को उनके भक्त ब्रह्मचारी के तौर पर जानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी का विवाह हुआ था लेकिन फिर भी उनका ब्रह्मचर्य भंग नहीं हुआ था।
महर्षि बाल्मीकि, रामचरितमानस और कम्भ रामायण में हनुमान जी के ब्रह्मचारी रूप का वर्णन मिलता है। लेकिन पराशर संहिता के अनुसार हनुमान जी का विवाह सूर्य देव की पुत्री सुवर्चला से हुआ था। इसका प्रमाण है तेलंगाना के खम्मम जिले के मंदिर में हनुमान जी की पूजा उनकी पत्नी के साथ की जाती है।
हनुमान जी ने सूर्य देव से शिक्षा ग्रहण की थी। हनुमान जी ने सूर्य देव से नौ विद्याओं का ज्ञान लेने का निश्चय किया। शिक्षा ग्रहण करते समय हनुमान जी उनके साथ-साथ उड़ते थे, क्योंकि सूर्य देव कहीं भी और कभी भी रूकते नहीं थे।
सूर्य देव ने नौ में से जब पांच विद्याओं को हनुमान जी को सिखा दिया लेकिन बाकी की चार विद्याओं को सिखाने के लिए उनके सामने एक धर्म संकट आ गया। क्योंकि बाकी की चार विद्याओं को ज्ञान केवल विवाहित को ही दिया जा सकता था। लेकिन हनुमान जी ने पूर्ण शिक्षा ग्रहण करने का प्रण लिया था इसलिए कम शिक्षा लेने के लिए हनुमान जी सहमत नहीं थे। सूर्य देव धर्मानुसार एक अविवाहित को बाकी की शिक्षाएं दे नहीं सकते थे।
सूर्य देव ने इसका एक समाधान निकाला उन्होंने हनुमान जी को विवाह करने का सुझाव दिया। शिक्षा प्राप्त करने के लिए हनुमान जी विवाह सूत्र में बंधने के लिए राजी हो गए।
सूर्य देव के तेज़ से एक कन्या उत्पन्न हुई उसका नाम सुवर्चला था। उसके साथ हनुमान जी का विवाह हुआ। हनुमान जी ने विवाह के पश्चात अपनी शिक्षा पूरी की और सूवर्चला विवाह के पश्चात सदा के लिए अपनी तपस्या में लीन हो गई।
इस तरह हनुमान जी शादी के बंधन में बंधने के पश्चात भी ब्रह्मचारी थे। पराशर संहिता में इस बात का उल्लेख है कि सूर्य देव ने कहा था कि यह विवाह सृष्टि के कल्याण हेतु हुआ है इससे हनुमान जी का ब्रह्मचर्य प्रभावित नहीं हुआ।
आंध्रप्रदेश के खम्मम जिले में हनुमान जी का मंदिर है यहां हनुमान जी की ब्रह्माचारी रूप में नहीं बल्कि गृहस्थ रूप में पूजा की जाती है।
ALSO READ MORE ABOUT HANUMAN JI
Comments
Post a Comment