Posts

Showing posts from February, 2023

RANGBHARNI EKADASHI KYUN MANAI JATI HAI

Image
रंगभरनी एकादशी 2023  Friday, 3 March 2023 रंगभरनी एकादशी के दिन भगवान शिव माता पार्वती का गौना करवा कर  काशी लेकर आए थे। उस समय सभी देवी देवताओं ने फूलों और रंग गुलाल से उनका स्वागत किया था। इसे देवताओं की होली भी कहा जाता है। रंगभरनी एकादशी का काशी विश्वनाथ में विशेष महत्व   रंगभरनी एकादशी फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन मनाई जाती है। इस एकादशी को आमलकी एकादशी भी कहा जाता है। रंगभरनी एकादशी भगवान शिव(lord shiv) और मां पार्वती(goddess Parvati) को समर्पित है।  पौराणिक कथा(mythological Story) के अनुसार शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का विवाह हुआ था और इस दिन भगवान शिव मां पार्वती का गौना करवा कर काशी लेकर आए थे। सभी देवी देवताओं ने उन के स्वागत में फूल और रंग गुलाल बरसाया था।  काशी में इस दिन भव्य उत्सव मनाया जाता है। वाराणसी में एक अलग उत्साह देखने को मिलता है। काशी में रंगभरनी एकादशी के दिन से होली महोत्सव शुरू हो जाता है।  रंगभरनी एकादशी के दिन बाबा विश्वनाथ रजत पालकी में सवार होकर मां गौरा को लेने निकलते हैं। बाबा विश्वनाथ की रजत प्रतिमा को खादी कुर्ता और अकबरी टोपी पहनाई जाती

JAGANNATH JI KE BHAKT KI STORY

Image
 जगन्नाथ जी की भक्त की कहानी जिसके गीत गोविंद सुनकर जगन्नाथ भगवान रीझकर गए थे  उड़ीसा में एक लड़की की भक्ति कथा(devotional story) एक बार उड़ीसा में रहने वाली एक लड़की थी। उसको संत जयदेव जी के पद गीत गोविंदम बहुत ही प्रिय थे। ‌वह दिन भर घर परिवार का काम करती और साथ साथ भगवान को स्मरण कर मस्ती में गीत गोविंदम के पद गुनगुनाती रहती।  एक बार पूर्णिमा की रात को उसके पिता के उसे नींद से जगाया और कहने लगी कि पुत्री तुम अभी पूर्णिमा की रात के कारण चांदनी रात है तुम चांद की रोशनी में बैंगन तोड़ लाओ ताकि प्रातः उन्हें समय पर बेच सकूं। पिता की आज्ञा मानकर वह गीत गोविंदम गाती हुई बैंगन तोड़ने चली गई।वह इधर-उधर घूम कर और चुन-चुन कर बैंगन तोड़ रही थी। बैंगन तोड़ते हुए वह अपने कण्ठ से वह गीत गोविंदम के रस से भरे गीत गाकर रही थी। भगवान भी उसके पीछे पीछे इधर से उधर घुम रहे थे। उसके पीछे पीछे घुमने के कारण भगवान का पीताम्बर बैंगन के पौधे से उलझ कर फट गया भगवान को इस बात का ध्यान ही नहीं रहा। अगले दिन प्रातः जब जगन्नाथ जी का पट खुला तो वहां का राजा जब जगन्नाथ जी के दर्शन करने पहुंचे। राजा को भगवान का फटा

SHRI KRISHNA KE BHAKT SURDAS KI STORY IN HINDI

श्री कृष्ण के भक्त सूरदास की कथा  सूरदास जी ने श्रीकृष्ण(Lord Krishna) के दर्शन कर मांगा था पुनः अंधे होने का वरदान सूरदास जी सगुण भक्ति धारा के कवि (devotional poet) थे। जी श्री कृष्ण(lord Krishna) के परम भक्त थे। सूरदास जी भगवद भगवद् भक्ति में लीन रहकर श्री कृष्ण को समर्पित भक्ति पद लिखते थे। सूरदास जी की भक्ति से प्रसन्न होकर श्री कृष्ण ने दिये थे उनको दर्शन।   एक बार सूरदास जी भजन कीर्तन करने के पश्चात अपनी कुटिया की ओर जा रहे थे। सूरदास जी अंधे होने के कारण अंदाजे से लाठी के सहारे अपने गंतव्य स्थान की ओर जा रहे थे तो उनको ठोकर लगी और वह कुएं में गिर गए।  सूरदास जी ने वहां भी श्री कृष्ण के नाम का भजन कीर्तन करना जारी रखा। श्री कृष्ण उनकी भजन से रीझकर बालक का रूप धारण कर सूरदास जी के समीप आए और कहने लगे कि," बाबा आप मेरा हाथ पकड़ कर बाहर आ जाओ।" सूरदास जी समझ गए कि इस सुनसान मार्ग में मेरे कन्हैया के सिवाय और कोई हो सकता है। मुझे इस कुएं से बाहर निकालने मेरे कृष्ण आ गए हैं। सूरदास जी बोले कि," मैं तो अंधा हूं मुझे आपका हाथ नहीं दिखेगा। आप ही मेरा हाथ पकड़कर बाहर निकाल

NANDGAON FAAG AMANTRAN LADDU MAR HOLI BARSANA 2023 DATE

Image
 नंदगांव में फाग आमंत्रण महोत्सव लड्डू मार होली बरसाना  MONDAY- 27 FEBRUARY 2023 फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा रानी के गांव बरसाना से भगवान श्री कृष्ण के नंद गांव में होली का निमंत्रण(Faag Amantran)  भेजा जाता है। लड्डूमार (Ladoomar) होली का उत्सव बरसाने से होली का निमंत्रण नंदगांव भेजने और फिर नंदगांव से आमंत्रण स्वीकार करने की खुशी में मनाया जाता है।  ब्रज धाम में बसंत पंचमी के दिन से ही मंदिरों में होली खेलने की शुरुआत हो जाती है। बांके बिहारी जी को बसंती पोशाक धारण कराई जाती है। बसंत पंचमी के दिन बांके बिहारी जी कमर में फेंटा बांधकर भक्तों के साथ होली खेलेंते है। ब्रज की देश के साथ-साथ विदेशों में भी बहुत प्रसिद्ध है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु होली का आनंद लेने के लिए ब्रज की पावन भूमि पर पहुंचते हैं। ब्रज धाम में होली श्री राधाकृष्ण (RadhaKrishan) को समर्पित है। नंद गांव में श्री कृष्ण का बचपन बीता था और बरसाना श्री राधा रानी की जन्म स्थली है। फाल्गुन मास की अष्टमी तिथि को राधा रानी के गांव बरसाना से नंद गांव में होली का निमंत्रण भेजा जाता है। बरसाना भवन से

PHULERA DOOj SIGNIFICANCE IN HINDI

Image
फूलेरा दुज 2024 फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को दूज का पर्व मनाया जाता है। 2024  में फूलेरा दुज 12 मार्च को मनाई जाएगी। फूलेरा दूज भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी को समर्पित है । फूलेरा दूज के दिन श्री कृष्ण और राधा रानी के साथ फूलों की होली खेलते हैं। फूलेरा दूज के दिन राधा कृष्ण मंदिरों में उनका श्रृंगार फूलों से किया जाता है। फूलेरा दूज का पर्व विशेष रूप से मथुरा, वृंदावन और उत्तर भारत में मनाया जाता है। इसदिन श्री राधा कृष्ण की पूजा करने से विवाह संबंधी अड़चनें दूर हो जाती है और उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। फूलेरा दूज क्यों मनाई जाती है (Why we celebrate phulera dooj) फूलेरा दूज के दिन अबूझ मुहूर्त होता है। इसलिए इस दिन कोई भी मांगलिक कार्य जैसे गृह प्रवेश, विवाह, मुंडन, नया वाहन खरीदना आदि कर सकते हैं। इसदिन श्री राधा कृष्ण मंदिर में फूलों से श्रृंगार किया जाता है और उनको भोग लगाया जाता हैं और श्री राधा कृष्ण के नाम का भजन कीर्तन किया जाता है।  फूलेरा दूज मान्य जाने के पीछे मान्यता है कि एक बार श्री कृष्ण बहुत दिनों तक राधा रानी से मिलने नहीं गए तो राधा रानी उनसे रू

HOLI 2023 DATE IN INDIA

Image
 HOLI FESTIVAL 2023 DATE  Holika Dahan - Tuesday,7 March  Holi - Wednesday, 8 MARCH   होली भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। हिन्दू धर्म में होली का विशेष महत्व है। होली को रंगों का त्योहार कहा जाता है। 2023 में रंग वाली होली 8 मार्च को मनाई जाएगी और होली से एक दिन पहले 7 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा। होली प्रेम और सद्भावना का त्यौहार है जो लोगों के जीवन में नई उमंग, उत्साह से भर देता है। होली के दिन सभी लोग गिले शिकवे भूला कर एक दूसरे को गले लगते हैं और एक दूसरे को अबीर, गुलाल लगाते हैं। होली से आठ दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाता है। होलाष्टक के दौरान शुभ कार्य नहीं किये जाते।  होली से एक दिन पहले फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है। माना जाता है कि इससे बुरी और नकारात्मक शक्ति का नाश होता है और सकारात्मकता का आरंभ होता है। अगले दिन चैत्र प्रतिपदा को रंगों की होली खेली जाती है । होली रंगों का त्योहार है इस लिए चैत्र प्रतिपदा के दिन होली में लोग एक दूसरे को अबीर गुलाल लगा कर होली की शुभकामनाएं देते हैं और बुरा न मानो होली है ऐसा कह कर होली का भरपूर आनंद लेते है

BRIJ HOLI 2023 DATE IN HINDI

Image
ब्रज की होली लिस्ट 2023 ब्रज में फूलेरा होली से लेकर रंग पंचमी तक होली डेट(Brij Holi festival) 21 February - 12 March   होली हिन्दू धर्म का मुख्य त्योहार में से एक है। वैसे तो देश विदेश में होली धूम धाम से मनाई जाती है। लेकिन श्री कृष्ण की जन्म स्थली और लीला स्थल ब्रज, मथुरा, बरसाना, नंदगांव, वृंदावन की होली विश्व प्रसिद्ध है। जिसे देखने के लिए  देश- विदेश से श्रदालु आते हैं। होली की छटा ब्रज मंडल में आलौकिक होती है।  कहते हैं कि सब जग होरी, ब्रज में होरा! ब्रज मंडल में होली की शुरुआत बसंत पंचमी से हो जाती है। बांके बिहारी मंदिर में माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत महोत्सव मनाया जाता है । बसंत पंचमी के दिन से लेकर 40 दिन तक यह महोत्सव चलता है। वसंत पंचमी पर मथुरा के मंदिरों में और होलिका दहन स्थलों पर होली का ढांडा गाड़े जाने से रंगोत्सव आरंभ हो जाता है। बृज धाम में बसंत पंचमी के दिन से ही मंदिरों में होली खेलने की शुरुआत हो जाती है। बांके बिहारी जी को बसंती पोशाक धारण कराई जाती है। बसंत पंचमी के दिन बांके बिहारी जी कमर में फेंटा बांधकर भक्तों के साथ होली खेलेंते है। ब्रज की

UJJAIN MAHAKAL MAHASHIVRATRI 2023

Image
उज्जैन महाकाल महाशिवरात्रि 2023 10 FEBRUARY - 19 FEBRUARY 2023  उज्जैन में महाशिवरात्रि पर्व पर 10 दिन तक विशेष पूजन व दर्शन का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।  हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है। महाशिवरात्रि पर्व के दिन मान्यता है कि भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था।  उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि का पर्व शुरू हो गया है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि से यह पर्व शुरू होता है। भगवान शिव की नगरी उज्जैन में बाबा महाकाल के प्रांगण में 9 दिवसीय शिव नवरात्री मनाई जाती है। भगवान शिव के भक्त इसलिए इसे शिव नवरात्रि कहते हैं। इन नौ दिनों में महाकाल को नौ रूपों के श्रृंगार दर्शन होते हैं। 10 फरवरी से नौ दिनों तक संध्या आरती में बाबा का नित नया श्रृंगार किया जाएगा। लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए बहुत श्रद्धा भाव से पहुंचते हैं। 10 फरवरी से शुरू होकर 18 फरवरी तक श्री महाकालेश्वर परिसर में धार्मिक आयोजन होगें और संध्या आरती में बाबा के अलग अलग रूप में दर्शन भी होंगे। साथ ही पूरे वर्ष में सिर्फ इन 9 दिनों में ही हल्दी भी अर्पण होगी। म

SHORT STORIES ON POSITIVE THINKING IN HINDI

Image
 सकारात्मक सोच के जादू की प्रेरणादायक कहानी  सकारात्मक और नकारात्मक विचार हम सब के जीवन को कहीं ना कहीं प्रभावित जरूर करते हैं। जहां सकारात्मक विचार हमारे दिमाग में नई स्फूर्ति भरते हैं। वहीं नकारात्मक विचार हमें निराशा के अंधकार की ओर ले जाते हैं। जीवन में बहुत बार बार प्रयास करने पर भी जब हमें सफलता नहीं मिलती तो हम हताश हो जाते हैं और यही हताशा कहीं ना कहीं हमें नकारात्मक विचारों की ओर धकेलती है।  लेकिन अगर प्रयास करने के पश्चात भी असफल हो गए हैं तो निराश होने की बजाय अपने आप को एक प्रयास ओर करने के लिए प्रोत्साहित करें।  सकारात्मक विचार के जादू की प्रेरणादायक कहानी पढ़कर आप जरूर अपने जीवन से नकारात्मक विचारों को निकाल फेंकेंगे। Power of  positive thinking Thomas Alva Edison story in hindi  Thomas Alva Edison  के नाम पर 1,093 पेटेंट है। बल्ब की खोज उनकी सबसे महान उपलब्धि है। बल्ब बनाने में वह 10 हजार से अधिक बार असफल हुए। एक बार किसी ने पूछा कि बल्ब बनाने में आपके 10 हजार से अधिक प्रयोग असफल रहे इसके लिए आपको अफसोस नहीं होता। उन्होंने कहा कि मेरा हर प्रयोग बल्ब बनाने की प्रक्रिया का

SHRI KRISHNA AUR CHIDIYA STORY OF MAHABHARAT

Image
 महाभारत युद्ध से पहले श्री कृष्ण और चिड़िया के श्री कृष्ण पर विश्वास की  कहानी Mythologyical story in hindi  महाभारत युद्ध शुरू होने से पहले श्री कृष्ण और अर्जुन युद्ध क्षेत्र का निरीक्षण कर रहे थे। युद्ध भूमि को समतल बनाने के लिए पेड़ों को हटाया जा रहा था। तभी एक चिड़िया श्री कृष्ण के पास आई। चिड़िया श्री कृष्ण से प्रार्थना करने लगी कि," प्रभु मेरे बच्चों को बचा लो।" श्री कृष्ण ने चिड़िया से पूछा कि, तुम्हारे बच्चों को क्या समस्या है?"  चिड़िया श्री कृष्ण से कहने लगी कि," युद्ध भूमि को समतल बनाने के लिए पेड़ों को हटाया जा रहा है। इसलिए वह सामने जो हाथी है उसने एक पेड़ को गिरा दिया। उस पेड़ के ऊपर घोसले में मेरे छोटे-छोटे बच्चे थे। प्रभु अभी वह उड़ने में सक्षम नहीं है। इसलिए पेड़ गिरने के कारण वें भी घोंसले सहित भूमि पर गिर गए हैं।  प्रभु कुछ ऐसा करें जिससे मेरे बच्चों की रक्षा हो सके। श्री कृष्ण कहने लगे कि," मैं जो नियति में लिखा है, उसमें हस्तक्षेप कैसे सकता हूं। चिड़िया बोली कि," प्रभु मैं नहीं जानती कि आप क्या कर सकते हैं?" लेकिन मुझे आप पर अ