BRIJ HOLI 2023 DATE IN HINDI

ब्रज की होली लिस्ट 2023

ब्रज में फूलेरा होली से लेकर रंग पंचमी तक होली डेट(Brij Holi festival)

21 February - 12 March 

 होली हिन्दू धर्म का मुख्य त्योहार में से एक है। वैसे तो देश विदेश में होली धूम धाम से मनाई जाती है। लेकिन श्री कृष्ण की जन्म स्थली और लीला स्थल ब्रज, मथुरा, बरसाना, नंदगांव, वृंदावन की होली विश्व प्रसिद्ध है। जिसे देखने के लिए  देश- विदेश से श्रदालु आते हैं। होली की छटा ब्रज मंडल में आलौकिक होती है। 
BRIJ KI HOLI DATE IN HINDI 2023 ब्रज की होली डेट लिस्ट

कहते हैं कि सब जग होरी, ब्रज में होरा! ब्रज मंडल में होली की शुरुआत बसंत पंचमी से हो जाती है।बांके बिहारी मंदिर में माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत महोत्सव मनाया जाता है। बसंत पंचमी के दिन से लेकर 40 दिन तक यह महोत्सव चलता है। वसंत पंचमी पर मथुरा के मंदिरों में और होलिका दहन स्थलों पर होली का ढांडा गाड़े जाने से रंगोत्सव आरंभ हो जाता है।

बृज धाम में बसंत पंचमी के दिन से ही मंदिरों में होली खेलने की शुरुआत हो जाती है। बांके बिहारी जी को बसंती पोशाक धारण कराई जाती है। बसंत पंचमी के दिन बांके बिहारी जी कमर में फेंटा बांधकर भक्तों के साथ होली खेलेंते है। ब्रज की देश के साथ-साथ विदेशों में भी बहुत प्रसिद्ध है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु होली का आनंद लेने के लिए ब्रज की पावन भूमि पर पहुंचते हैं। 

होली 2023 date

ब्रज मंडल होली लिस्ट 



28 फरवरी: बरसाना लट्ठमार होली

   01 मार्च : नंदगांव लट्ठमार होली

   03 मार्च : रंग भरनी एकादशी श्रीकृष्ण जन्म स्थान मथुरा 

   04 मार्च : गोकुल छड़ीमार होली

    06 मार्च : फालेन गांव होलिका दहन

   07 मार्च : द्वारकाधीश का डोला, द्वारकाधीश मंदिर

    08 मार्च : दाऊजी का हुरंगा

    12 मार्च : रंग पंचमी पर रंगनाथ जी मंदिर में होली

बरसाना लड्डूमार होली 

बरसाने की लड्डूमार होली विश्व प्रसिद्ध है। माना जाता है यह परंपरा द्वापर युग से चली आ रही है। एक बार नंद बाबा को बरसाने से होली खेलने का निमंत्रण आया तो नंद बाबा ने निमंत्रण स्वीकृति की सूचना एक पांडा के माध्यम से वृषभान जी को भिजवाई।  बृजभान जी ने नंद बाबा के गांव से आए पांडा को लड्डू खाने को दिए। उसी समय गोपियों ने पांडे के मुंह पर गुलाल लगा दिया। पांडा के पास गुलाल नहीं था उसने खाने के लिए दिए लड्डूओं को ही गोपियों पर फेंकना शुरू कर दिया। तभी से यह परंपरा चली आ रही है। हर साल लड्डुओं से यह होली खेली जाती है जिसे देख देखने दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।

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