SHORT STORIES ON POSITIVE THINKING IN HINDI
सकारात्मक सोच के जादू की प्रेरणादायक कहानी
सकारात्मक और नकारात्मक विचार हम सब के जीवन को कहीं ना कहीं प्रभावित जरूर करते हैं। जहां सकारात्मक विचार हमारे दिमाग में नई स्फूर्ति भरते हैं। वहीं नकारात्मक विचार हमें निराशा के अंधकार की ओर ले जाते हैं। जीवन में बहुत बार बार प्रयास करने पर भी जब हमें सफलता नहीं मिलती तो हम हताश हो जाते हैं और यही हताशा कहीं ना कहीं हमें नकारात्मक विचारों की ओर धकेलती है।
लेकिन अगर प्रयास करने के पश्चात भी असफल हो गए हैं तो निराश होने की बजाय अपने आप को एक प्रयास ओर करने के लिए प्रोत्साहित करें।
सकारात्मक विचार के जादू की प्रेरणादायक कहानी पढ़कर आप जरूर अपने जीवन से नकारात्मक विचारों को निकाल फेंकेंगे।
Power of positive thinking Thomas Alva Edison story in hindi
Thomas Alva Edison के नाम पर 1,093 पेटेंट है। बल्ब की खोज उनकी सबसे महान उपलब्धि है। बल्ब बनाने में वह 10 हजार से अधिक बार असफल हुए।
Positive thinking Michael Phelps story in Hindi
अमेरिका के प्रसिद्ध तैराक माइकल फेल्प्स के नाम एक ओलंपिक में सबसे अधिक 8 स्वर्ण पदक लेने का विश्व कीर्तिमान है। उन्होंने 2004 के ओलंपिक में घोषणा कर दी थी कि वह 2008 के ओलंपिक में धन 8 स्वर्ण पदक जीतेंगे। उनकी इस घोषणा के पश्चात उनका बहुत मजाक उड़ाया गया।
माइकल फेल्प्स ने इस घोषणा के पश्चात कड़ी मेहनत शुरू कर दी। लेकिन ओलंपिक 2008 से दो साल पहले एक दुर्घटना में उनका एक हाथ फ्रेक्चर हो गया और डाक्टरों ने उन्हें एक साल के लिए तैराकी करने से मना कर दिया। लेकिन उन्होंने ऐसी परिस्थिति में भी सकारात्मक रहकर इस समस्या का हल ढूंढ निकाला। उन्होंने निर्णय लिया कि वह हाथों की बजाय पैरों से तैराकी करने की प्रेक्टिस करेंगे और इस सकारात्मक सोच का उनको आने वाले समय में बहुत लाभ हुआ।
Positive thinking story of two frogs in hindi
एक बार दो मेंढक दही के बर्तन में गिर गये। अब दोनों को लग रहा था कि बचना मुश्किल है क्योंकि उन्हें पानी से तो निकलना आता था लेकिन दही के बर्तन से निकलने का कोई ज्ञान नहीं था। दोनों निकलने की कोशिश करने लगे लेकिन सफल नहीं हो पा रहे थे। बाहर बैठे मेंढक कह रहे थे कि तुम नहीं निकल पाओंगे । इन नकारात्मक शब्दों को सुनकर एक मेंढक ने तो हार मान ली और वह डूब कर मर गया।
लेकिन दूसरे ने उनके नकारात्मक शब्दों पर ध्यान नहीं दिया और स्वयं को सकारात्मक रख कर कि मैं जरूर कर लूंगा लगातार प्रयास करता रहा। अपने पांव दही में चलाता रहा और लगातार निकलने की कोशिश करता रहा। उसकी मेहनत रंग लाई और ज्यादा हिलने के कारण दही से मक्खन निकाल आया और जिस से मेंढक फूदक कर बर्तन से बाहर आ गया।
उसके बाहर आने का श्रेय उसके सकारात्मक विचारों को ही जाता है। अगर वह सकारात्मक नहीं रहता है दूसरे मेंढक की तरह डूब कर मर जाता।
इसलिए जब भी कभी जीवन में कोई समस्या आए या फिर कभी किसी क्षेत्र में असफल हो जाओ तो सकारात्मक सोच रखो और स्वयं को एक और मौका दो।
एपीजे अब्दुल कलाम की प्रसिद्ध विचार है कि,"विजेता वो नहीं होते जो कभी फेल नहीं होते बल्कि वह होते हैं जो कभी हार नहीं मानते।"
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