UJJAIN MAHAKAL MAHASHIVRATRI 2023

उज्जैन महाकाल महाशिवरात्रि 2023

10 FEBRUARY - 19 FEBRUARY 2023



 उज्जैन में महाशिवरात्रि पर्व पर 10 दिन तक विशेष पूजन व दर्शन का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।  हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है। महाशिवरात्रि पर्व के दिन मान्यता है कि भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। 

उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि का पर्व शुरू हो गया है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि से यह पर्व शुरू होता है। भगवान शिव की नगरी उज्जैन में बाबा महाकाल के प्रांगण में 9 दिवसीय शिव नवरात्री मनाई जाती है। भगवान शिव के भक्त इसलिए इसे शिव नवरात्रि कहते हैं। इन नौ दिनों में महाकाल को नौ रूपों के श्रृंगार दर्शन होते हैं।

10 फरवरी से नौ दिनों तक संध्या आरती में बाबा का नित नया श्रृंगार किया जाएगा। लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए बहुत श्रद्धा भाव से पहुंचते हैं। 10 फरवरी से शुरू होकर 18 फरवरी तक श्री महाकालेश्वर परिसर में धार्मिक आयोजन होगें और संध्या आरती में बाबा के अलग अलग रूप में दर्शन भी होंगे। साथ ही पूरे वर्ष में सिर्फ इन 9 दिनों में ही हल्दी भी अर्पण होगी।

महाकाल मंदिर में शिव नवरात्रि उत्सव में बाबा के नौ दिन में नौ रूपों के श्रृंगार दर्शन

पहला दिन 10 फरवरी-  चंद्रमोलेश्वर श्रृंगार होगा है। बाबा महाकाल का चंदन से श्रृंगार होता है।

दूसरे दिन 11 फरवरी-  शेषनाथ श्रृंगार किया जाएगा इस दिन बाबा शेषनाग रूप में दर्शन देते हैं।

तीसरा दिन 12 फरवरी-  घटाटोप श्रृंगार किया जाएगा। 

चौथे दिन 13 फरवरी -  छबीना श्रृंगार होगा। इसदिन बाबा का श्रृंगार राजकुमार जैसे होता है।

पांचवे दिन 14 फरवरी - होल्कर श्रृंगार होता है। इस दिन बाबा को होल्कर परंपराओं के अनुरूप सजाया जाता है। 

छठे दिन 15 फरवरी-  मनमहेश के रूप में श्रृंगार किया जाएगा।

सातवें दिन 16 फरवरी - उमा महेश श्रृंगार किया जाएगा। इसदिन बाबा महाकाल और मां पार्वती दोनों का स्वरूप में दर्शन देंगे।

आठवें दिन 17 फरवरी-  शिव तांडव श्रृंगार किया जाएगा। इसदिन महाकाल भक्तों को रोद्र रूप में दर्शन देंगे।

नवें दिन 18 फरवरी - शिवरात्रि के पूरे दिन भगवान का जलाभिषेक होगा और मध्य रात्रि को महानिशाकाल में बाबा की विशेष पूजा की जाएगी।

19 फरवरी को महाशिवरात्रि के अगले दिन प्रातः से दूल्हा बने बाबा के सेहरा दर्शन। बाबा महाकाल का सप्तधान रूप में श्रृंगार कर फल व फूलों से बना सेहरा सजाया जाएगा।  सोने के आभूषण धारण कराए जाएंगे और इसके बाद दोपहर में भस्मारती होगी। 

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