HANUMAN JAYANTI EK SAAL MEIN DO BAAR KYUN AATI HAI
हनुमान जयंती साल में दो बार क्यों आती है
हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त थे। उनको अंजनेय, पवनसुत, हनुमान, संकटमोचन, बजरंग बली केसरी नंदन आदि कई नामों से जाना जाता है। हनुमान जी अपने भक्तों के संकट को हरते है इसलिए उनको संकटमोचन भी कहा जाता है। हनुमान जयंती हनुमान भक्त के लिए हर्षोल्लास का दिन होता है।
हनुमान जयंती एक साल में दो बार क्यों मनाई जाती है
हनुमान जयंती साल में दो बार मनाई जाती है। एक बार चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को और दूसरी कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। एक तिथि को विजय अभिनंदन महोत्सव के रूप में और दूसरी को हनुमान जन्म के रूप में मनाया जाता है।
चैत्र पूर्णिमा हनुमान जयंती (Chaitra Purnima Hanuman jayanti)
हनुमान जी बचपन में बहुत नटखट थे और शक्तिशाली थे। एक बार उनको भूख लगी तो हनुमान जी की दृष्टि सूर्य पर पड़ी तो हनुमान जी को लगा कि यह फल है हनुमान जी उड़कर सूर्य देव के पास पहुंच गए और सूर्यदेव को मुख में रख लिया। जिससे सृष्टि में चारों ओर अंधकार हो गया सभी देवता व्याकुल होकर इंद्रदेव के पास पहुंचे।
इंद्रदेव ने हनुमान जी की ठोड़ी पर प्रहार कर दिया। जिससे हनुमान जी मूर्छित हो गए। पवन देव नाराज हो गए और हनुमान जी को लेकर एक गुफा में चले गए। पवनदेव ने क्रोधित होकर वायु का संचार रोक दिया। जिससे सृष्टि के जीव तड़पने लगे। सभी व्याकुल होकर ब्रह्मा देव के पास पहुंचे। ब्रह्मा देव वहां पहुंचकर हनुमान जी के जीवन का संचार कर दिया और वायु देव ने ब्रह्मा जी के कहने पर पुनः वायु का संचार कर दिया।
कार्तिक मास हनुमान जयंती
हनुमान जी को कैसे प्रसन्न करें
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