MAA DURGA KE NAVRATRI KE 9 ROOP 9 MANTAR

 नवरात्रि पर पढ़ें मां दुर्गा के 9 रूपों के पूजा मंत्र 

 नवरात्रि हिन्दू धर्म का प्रमुख त्योहार है। माना जाता है कि नवरात्रि में मां पृथ्वी पर अपने भक्तों के बीच में रहती है. इस लिए भक्त माँ दुर्गा को खुश करने के लिए पाठ पूजा करते हैं. माँ की आरती, चालीसा, दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं और माँ की भेंटे गाते हैं. नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा की जाती है। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। पढ़ें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के मंत्र 


शुक्ल प्रतिपदा के दिन नवरात्रि आरंभ हो रही है। इस दिन मां शैलपुत्री  पूजा की जाती है।

मां शैलपुत्री मंत्र 

वन्दे वांछितलाभाय, चंद्रार्धकृतशेखराम्‌।

वृषारूढां शूलधरां, शैलपुत्रीं यशस्विनीम्‌ ॥


 नवरात्रि की द्वितीया तिथि को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है।

मां ब्रह्मचारिणी मंत्र

दधाना करपद्माभ्याम्, अक्षमालाकमण्डलू।

देवी प्रसीदतु मयि, ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

 नवरात्रि की तृतीया तिथि को मां चंद्रघंटा पूजा अर्चना की जाती है।

मां चंद्रघंटा मंत्र 

पिंडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।

प्रसादं तनुते मह्यं, चंद्रघंटेति विश्रुता।।


नवरात्रि की चतुर्थी तिथि को कुष्मांडा पूजा की जाती है।

मां कूष्मांडा मंत्र 

सुरासंपूर्णकलशं, रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्तपद्माभ्यां, कूष्मांडा शुभदास्तु मे।।


 नवरात्रि की पंचमी तिथि को मां स्कंदमाता पूजा की जाती है।

मां स्कंदमाता मंत्र 

सिंहासनगता नित्यं, पद्माश्रितकरद्वया।

शुभदास्तु सदा देवी, स्कंदमाता यशस्विनी।।


 नवरात्रि की षष्ठी तिथि मां कात्यानी पूजा की पूजा की जाती है।

मां कात्यायनी मंत्र

चंद्रहासोज्ज्वलकरा, शार्दूलवरवाहना।

कात्यायनी शुभं दद्यात्, देवी दानवघातनी।। 


 नवरात्रि की सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि पूजा की जाती है।

मां कालरात्रि मंत्र

एकवेणी जपाकर्ण, पूरा नग्ना खरास्थिता।

लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी, तैलाभ्यक्तशरीरिणी।

वामपादोल्लसल्लोह, लताकंटकभूषणा।

वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा, कालरात्रिभयंकरी।।


नवरात्रि की अष्टमी तिथि महागौरी पूजा दुर्गा की जाती है।

मां महागौरी मंत्र

श्वेते वृषे समारूढा, श्वेताम्बरधरा शुचि:।

महागौरी शुभं दद्यात्, महादेवप्रमोददाद।।


 नवरात्रि की नवमी तिथि मां सिद्धिदात्री पूजा की जाती है। 

मां सिद्धिदात्री मंत्र

सिद्धगंधर्वयक्षाद्यै:, असुरैरमरैरपि।

सेव्यमाना सदा भूयात्, सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।

मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के बीज मंत्र 


1.मां शैलपुत्री- ह्रीं शिवायै नम:

2.मां ब्रह्मचारिणी- ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:

3. मां चन्द्रघण्टा- ऐं श्रीं शक्तयै नम:

4. मां कूष्मांडा- ऐं ह्री देव्यै नम:

5. मां स्कंदमाता- ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:

6. मां कात्यायनी- क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:

7. मां कालरात्रि - क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:

8. मां महागौरी- श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:

9. मां सिद्धिदात्री - ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:



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