MATA CHINTPURNI AARTI LYRICS IN HINDI

माता चिंतपूर्णी आरती लिरिक्स इन हिन्दी 

माता चिंतपूर्णी अपने भक्तों की चिंताएं दूर करती है।  चिंतपूर्णी धाम 51 शक्तिपीठों में से एक है। चिंतपूर्णी धाम में माता के चरण गिरे थे। मान्यता है कि चिंतपूर्णी धाम दर्शन करने वाले भक्तों की मां सारी चिंताएं दूर कर देती है। चिंतपूर्णी माता की आरती करना विशेष फलदाई माना गया है। 

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मां चिंतपूर्णी आरती 

चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी, 

जग को तारो भोली माँ

जन को तारो भोली माँ, 

काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा।। 

।।भोली माँ।।


सिन्हा पर भाई असवार, 

भोली माँ, चिंतपूर्णी चिंता दूर।। 

।।भोली माँ।।


एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा, 

तीजे त्रिशूल सम्भालो।। 

।।भोली माँ।।


चौथे हाथ चक्कर गदा, 

पाँचवे-छठे मुण्ड़ो की माला।।

।। भोली माँ।।


सातवे से रुण्ड मुण्ड बिदारे, 

आठवे से असुर संहारो।। 

।।भोली माँ।।


चम्पे का बाग़ लगा अति सुन्दर, 

बैठी दीवान लगाये।। 

।।भोली माँ।।


हरी ब्रम्हा तेरे भवन विराजे, 

लाल चंदोया बैठी तान।।

।।भोली माँ।।


औखी घाटी विकटा पैंडा, 

तले बहे दरिया।। 

।।भोली माँ ।।


सुमन चरण ध्यानु जस गावे, 

भक्तां दी पज निभाओ ।।

।। भोली माँ ।।

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