CHINMASTIKA JAYANTI CHINTPURNI JAYANTI 2024
चिंतपूर्णी जयंती 2024
Tuesday 22 May, 2024
पौराणिक कथा
ऐसी मान्यता है कि छिन्नमस्तिका धाम के चारों और भगवान शिव का स्थान होता है। मंदिर की चारों दिशाओं में भगवान शिव के मंदिर हैं। पूर्व में महाकालेश्वर, पश्चिम में नारायण महादेव, उत्तर में मुचकुंद महादेव और दक्षिण में शिव बाड़ी।
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार असुरो को युद्ध मे हराने के पश्चात भी माता की दो योगनियो जया और विजया की रक्त की पिपासा ना शांत हुई तो माता ने अपना सिर काट कर उन योगनियों जया और विजया की रक्त की प्यास बुझाई। माता ने खड्ग से अपना सिर काटा और उसमें से रक्त की तीन धाराएं निकली। माता ने दो धाराओं से अपनी योगनियों की भूख को शांत किया और तीसरी धारा से स्वयं पान किया तब से माता का नाम छिन्नमस्तिका विख्यात हुआ।
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