AHILYABAI HOLKA KI KAHANI IN HINDI

अहिल्याबाई होलकर की जयंती पर पढ़ें अहिल्या बाई होलकर की न्याय प्रियता की कहानी 

अहिल्याबाई होल्कर मालवा की महारानी थी। उनका जन्म महाराष्ट्र के छौंड़ी गांव में 1725 ई. मे 31 मई को हुआ था। इस दिन को अहिल्याबाई होल्कर की जयंती के रूप में मनाया जाता है। 
Ahilyabai holkar jayanti Alilyadevi jayanti katha kahani photo pic image


 अहिल्याबाई होल्कर के पिता का नाम मान्कोजी राव शिंदे और माता का नाम सुशीला देवी था। आठ वर्ष की आयु में इनका विवाह मालवा के शासक मल्हारराव होल्कर के पुत्र खांडेराव होल्कर के साथ हुआ। उनके पुत्र का नाम मालेराव होल्कर था।

एक बार मालेराव होल्कर अपनी रथ पर सवार होकर तीव्र गति से कहीं जा रहे थे। तभी एक गाय का छोटा सा बछड़ा उनके रथ के नीचे आकर मर गया। एक गाय जिसका वह बछड़ा था उनके पास बैठ कर आंसू बहाने लगी। तभी अहिल्याबाई होल्कर वहां से गुजरी तो उन्होंने जब गाय को करूणा दशा में देखा तो उन्होने पूछा कि," इस गाय के बछड़े की यह हालत किस ने की है?"

सारी सच्चाई जानने के पश्चात वह अपने दरबार में पहुंची। उन्होंने मालेराव की पत्नी मैना बाई से पूछा कि,"यदि कोई व्यक्ति किसी मां के समाने उसके पुत्र का वध‌कर दे तो, उसे क्या सजा सुनाई जानी चाहिए? मालेराव होल्कर की पत्नी ने उत्तर दिया कि उस व्यक्ति को भी मृत्यु दंड मिलना चाहिए।

इतना सुनते ही अहिल्याबाई होल्कर ने मालेराव के हाथ-पैर बांध कर उसी सड़क पर डाल कर रथ के साथ मृत्यु दंड देने का  आदेश दिया। जहां पर उनके रथ से टकरा कर उस बछड़े की मृत्यु हुई थी।

मालेराव होल्कर को हाथ पैर बांध कर उस सड़क पर फेंक दिया गया। लेकिन कोई भी सारथी जब इस काम को करने के लिए राजी नहीं हुआ तो कहते हैं कि उस समय अहिल्याबाई होल्कर स्वयं इस काम को करने के लिए रथ पर सवार हो गई। 

लेकिन तभी एक अप्रत्याशित घटना घटी। जैसे ही वह मालेराव होल्कर के निकट पहुंची तो जिस गाय के बछड़े की मृत्यु हुई थी। वह रथ के आगे आ गई। उसके पश्चात गाय को पीछे हटाया गया और अहिल्याबाई होल्कर पुनः रथ पर सवार होकर मालेराव होल्कर को दंड देने के लिए आगे बढ़ी। 

इस बार फिर से वह गाय उनके आड़े आ गई। महारानी अहिल्याबाई होल्कर को उनके मंत्री ने अनुरोध किया कि आप अपने पुत्र को माफ कर दे। क्योंकि लगता है कि यह गाय नहीं चाहती कि एक बार फिर से किसी मां के सामने उसके पुत्र की मृत्यु हो। इस तरह रानी अहिल्याबाई होल्कर एक निष्पक्ष और न्याय प्रिय रानी की प्रतिमूर्ति थी। इंदौर में जिस स्थान पर वह गाय बार बार अहिल्याबाई के आड़े आ रही थी उस स्थान का नाम आड़ा बाजार पड़ गया।

अहिल्याबाई होल्कर ने अपनी शासन‌काल में बहुत से मंदिर, धर्मशालाएं, कुआं, बावड़ियों का निर्माण करवाया था। उनके राज्य में प्रजा सुखी थी। 

अहिल्याबाई होल्कर भगवान शिव की परम भक्त थीं। उनके बारे में कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा किए बिना वह अन्न का एक दाना तक ग्रहण नहीं करती थी। अहिल्याबाई होल्कर ने ही काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था।
ALSO READ

Comments

Popular posts from this blog

BAWA LAL DAYAL AARTI LYRICS IN HINDI

RADHA RANI KE 16 NAAM MAHIMA

MATA CHINTPURNI CHALISA LYRICS IN HINDI