MATA BHADARKALI MELA 2024 AMRITSAR

सिद्धपीठ माता भद्रकाली मेला अमृतसर 2024

भद्रकाली मंदिर में हर वर्ष ज्येष्ठ मास की अपरा एकादशी को मेला लगता है। यहाँ माथा टेकने दूर- दूर से श्रद्धालु आते हैं। इस समय मंदिर कमेटी की तरफ से जागरण और क्रार्यक्रम करवाएं जाते है. इस साल भी 2 जून को मनाया जाएगा।

अपरा एकादशी व्रत कथा


मंदिर का इतिहास

गुरु की नगरी अमृतसर के खजाना गेट में स्थित मां भद्रकाली का मंदिर देश का इकलौता मंदिर है जहां पर महाकाली और भद्रकाली की पीठ आपस में जुड़ती है। मंदिर में प्रवेश करने पर मां महाकाली के दर्शन होते हैं और उसकी दूसरी ओर मां भद्रकाली श्वेत रूप में विराजमान हैं।

लगभग  1500 साल पुराने मंदिर का जीर्णोद्धार आदि गुरु शंकराचार्य जी द्धारा करवाया गया था। मंदिर की देखरेख की जिम्मेदारी महंतों की 16 वीं पीढ़ी कर रही है।

मान्यता है कि जिस दिन मेला होता है माँ आंधी के रूप में मुख्य द्वार से आती है और दूसरे द्वार से होते हुए आकाश में चली जाती है. जिसके दर्शन पाकर श्रद्धालु गण स्वयं को धन्य समझते हैं। मां भद्रकाली दरबार आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती है।

मां दुर्गा के 108 नाम अर्थ सहित

भद्रकाली मंदिर में भक्त माता को नारियल, लाल चुनरी, कच्ची लस्सी चढ़ते हैं। भद्रकाली मंदिर में भक्तजन शराब का भोग भी लगाते है और जीवित मुर्गा और बकरा भी चढ़ाते हैं।

भद्रकाली मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि अगर किसी की खांसी जो दवाईयों से भी ठीक ना हो रही हो तो मां की जीभ से लगा कर जल बना कर दिया जाता है जिससे खांसी ठीक हो जाती है। 

मंदिर परिसर में भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर है जिसके एक ओर हनुमान जी है और दूसरी ओर भैरों बाबा है. मंदिर परिसर में शनिदेव महाराज का भी एक मंदिर विद्यमान है।

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