GAUTAM BUDDHA STORY IN HINDI
गौतम बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी जो जीवन में किसी के लिए किए गए त्याग के फल को बताती है।
Gautam Buddha Motivational story In Hindi: एक समय की बात है ,एक लड़का था.वह एक साहुकार के यहां काम करता था। उसका गु़ज़ारा मुश्किल से चलता था। वह रात को अपने लिए चार रोटी बनाता और खाता। कई दिन से उसकी एक रोटी कोई चुराकर ले जाता। एक दिन उसने देखा कि एक मोटा सा चूहा आता है और उसकी रोटी लेकर चला जाता है। उसने उसे रोका और कहा, "मैं बड़ी मुश्किल से चार रोटी कमा पाता हूं, मैं आगे ही परेशान रहता हूं, मेरी गरीबी कब दूर होगी और उपर से तुम मेरा एक रोटी ले जाते हो।"
चूहा बोला, "मैं तो अपनी किस्मत की खाता हूं और रही बात तुम्हारी परेशानी कि तो उसका हल गौतम बुद्ध ही कर सकते है। परन्तु वह बहुत दूर रहते है।" लड़का बोला, "अगर वह मेरी मुश्किल हल कर सके तो मैं दूर जाने को भी तैयार हूं।"
अपनी समस्या का समाधान पाने के लिए वह साहुकार से कुछ दिनों की छुट्टी लेता है और महात्मा बुद्ध से मिलने के लिए निकल पड़ता हैं।
चलते- चलते रात हो जाती है। उसे रात रहने के लिए एक जगह चाहिए थी। उसने पास में ही एक हवेली देखी और हवेली का दरवाजा खटखटाया। हवेली से एक महिला बाहर आती है। वह लड़का उसको बताता है, "मुझे महात्मा बुद्ध से मिलने जाना है, और रास्ता बहुत लंबा है। क्या मैं यहां एक रात के लिए रुक सकता हूं?"
हवेली की मालकिन बोली, "हां, तुम रुक सकते हो लेकिन मेरी एक शर्त हैं। तुम्हें महात्मा बुद्ध से मेरा एक सवाल पूछना होगा। मेरी बेटी 20 साल की हो गई हैं पर वह बोलती नहीं है। उनसे पूछना कि वह कब बोलेगी? "
लड़का बोला, "ठीक है, मैं महात्मा बुद्ध से आपके प्रश्न का उत्तर पूछ दूंगा।"
एक रात वहां रह कर लड़का अगले दिन अपने सफर पर चल पड़ता हैं। आगे एक पर्वत और दुर्गम रास्ता था। वहां एक जादूगर तपस्या कर रहा था। वह लड़का उससे महात्मा बुध्द तक जाने का आसान रास्ता पू़छता है।
जादूगर कहता है कि ,"मैं तुमे अपनी जादू की छड़ी से तुमको आगे नदी तक पहुंचा दूंगा। पर तुमे मेरा एक प्रश्न महात्मा बुद्ध पू़छना होगा। मैं हजार साल से तपस्या कर रहा हूं। मैं स्वर्ग कब जाऊगा?" लड़का उसकी बात मान लेता है और जादूगर उसे नदी तक पहुंचा देता है।
नदी को पार करते ही बुद्ध का आश्रम था। वहां एक बड़ा सा कछुआ था। उस लड़के ने कछुआ से कहा, "मुझे महात्मा बुद्ध के आश्रम तक जाना है मुझे अपनी पीठ पर नदी पार करवा दो। कछुआ बोला, "नदी तो मैं पार करवा दूंगा, परन्तु तुम्हें महात्मा बुद्ध से मेरा एक प्रश्न पू़छना होगा। मैं 500 साल से नदी मैं हूं, मैं ड्रैगन कब बनूगा?"
लड़का कछुए की बात मान लेता है और वह नदी पार करवा देता है। वह महात्मा बुद्ध के आश्रम पहुंच जाता है।
जब वह महात्मा बुद्ध से मिलता है तो कहता है की मुझे आप से अपने प्रश्नों के जबाब चाहिए। महात्मा बुद्ध कहते है," ठीक है, लेकिन मैं केवल तीन सवालों का ही जबाब दूंगा। महात्मा बुद्ध देखना चाहते थे कि वह किसके प्रश्न का त्याग करता है।
उधर लड़के के मन में द्वंद चल रहा था कि," मैं किस के सवाल का त्याग करू?" कछुआ 500 सालों से इंतजार कर रहा है, जादूगर 1000 सालों से, गुंगी लड़की 20 सालों से और मैं भी आर्थिक परेशानी का हल ढूंढने बहुत कठिनता से यहां पंहुचा हूं।
फिर वह गहन विचार करता है की मैं ज्यादा मेहनत कर के अपनी समस्या सुलझा सकता हूं इसलिए उसने अपने प्रश्न का त्याग कर दिया।
उसने गूंगी लड़की, कछुए और जादूगर तीनों के प्रश्न महात्मा बुद्ध से पूछे। महात्मा बुद्ध से तीनों के प्रश्नों का जवाब ले कर वह वापिस आ गया।
सबसे पहले नदी तक पहुंचा तो उसे कछुआ मिला। कछुआ ने अपने सवाल का जवाब मांगा। उसने कछुआ से कहा, " महात्मा बुद्ध ने कहा है कि जब तुम अपना कवच उतार दोगे तो तुम ड्रैगन बन जाओगे।" कछुए के कवच उतारते ही वह ड्रैगन बन गया। उसके कवच से बहुत सारे मोती निकले।
कछुआ बोला - यह मोती मेरे किसी काम के नहीं हैं। इसलिए इन्हें तुम इसे ले जाओ।"
वह लड़का मोती लेकर आगे पहाड़ी पहुंचा। उसे वहा जादूगर मिला। उसने अपने सवाल का जवाब मांगा। लड़के ने जादूगर से कहा, " महात्मा बुद्ध के अनुसार तुम अपनी जादू की छडी़ छोड़ते ही स्वर्ग जा सकते हो।" वैसा ही हुआ। जादूगर ने जाते- जाते लड़के से कहा, "यह जादू की छडी़ मेरी किसी काम की नहीं है, इसे तुम ले जाओ।"
लड़के ने छडी़ ली और आगे चल पड़ा। चलते- चलते वह हवेली तक पहुंचा। हवेली की मालकिन ने अपने सवाल का जवाब मांगा। लड़का बोला कि, " आप अपनी बेटी की शादी करवा दीजिए। वह शादी करते ही बोलने लगेगी।"
हवेली की मालकिन बोली कि, "तुम महात्मा बुद्ध से उत्तर लाए हो। इसलिए तुम ही मेरी बेटी से शादी कर लो।"
लड़के और लड़की ने एक दूसरे को पंसद किया और उनकी शादी कर दी गई। शादी होते ही लड़की बोलने लग पड़ी।
इस तरह लड़के ने तीन लोगों की मुश्किलों को देखकर अपने सवाल का त्याग किया। उसे त्याग के फल में मोती के रुप में पैसा, छडी़ के रुप में शक्ति और एक रुपवान पत्नी मिल गई।
यह कहानी हमें बताती है कि किसी कि मदद के लिए ज्यादा साधनों की जरूरत नहीं होती और त्याग का फल हमेशा मिलता हीं है।
आशा है कि आपको Gutam Buddha की Hindi story on sacrifice अच्छी लगी होगी।
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