GURU DEV KI AARTI LYRICS IN HINDI

 गुरु देव की आरती लिरिक्स इन हिन्दी

आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। 2024 में गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को मनाई जा रही है।
गुरु का  हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। गुरु हमें अज्ञानता के अंधेरे से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाता है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन शिष्य अपने गुरु की पूजा अर्चना करते हैं। इस दिन अपने गुरु की आरती भी करनी चाहिए। 
Guru purnima aarti lyrics guru dev ji ki aarti


Guru purnima aarti lyrics in hindi 

जय गुरुदेव अमल अविनाशी, ज्ञानरूप अन्तर के वासी,

पग पग पर देते प्रकाश, जैसे किरणें दिनकर कीं।

आरती करूं गुरुवर की॥


जब से शरण तुम्हारी आए, अमृत से मीठे फल पाए,

शरण तुम्हारी क्या है छाया, कल्पवृक्ष तरुवर की।

आरती करूं गुरुवर की॥


ब्रह्मज्ञान के पूर्ण प्रकाशक, योगज्ञान के अटल प्रवर्तक।

जय गुरु चरण-सरोज मिटा दी, व्यथा हमारे उर की।

आरती करूं गुरुवर की।


अंधकार से हमें निकाला, दिखलाया है अमर उजाला,

कब से जाने छान रहे थे, खाक सुनो दर-दर की।

आरती करूं गुरुवर की॥


संशय मिटा विवेक कराया, भवसागर से पार लंघाया,

अमर प्रदीप जलाकर कर दी, निशा दूर इस तन की।

आरती करूं गुरुवर की॥


भेदों बीच अभेद बताया, आवागमन विमुक्त कराया,

धन्य हुए हम पाकर धारा, ब्रह्मज्ञान निर्झर की।

आरती करूं गुरुवर की॥


करो कृपा सद्गुरु जग-तारन, सत्पथ-दर्शक भ्रांति-निवारण,

जय हो नित्य ज्योति दिखलाने वाले लीलाधर की।

आरती करूं गुरुवर की॥


आरती करूं सद्गुरु की

प्यारे गुरुवर की आरती, आरती करूं गुरुवर

गुरु पूर्णिमा 2023

गुरु पूर्णिमा की आरती लिरिक्स इन हिन्दी

Guru purnima quotes in Hindi

Guru purnima quotes in Sanskrit

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