GURU PURNIMA DOHE IN HINDI

 गुरु पूर्णिमा पर दोहे हिन्दी में 

गुरु का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। गुरु को हमारे जीवन में दिए गए योगदान को सम्मानित करने के लिए आषाढ़ पूर्णिमा का दिन गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इसदिन शिष्य अपने गुरु को मिलकर उनका विशेष आशीर्वाद ग्रहण करते हैं।

गुरु पूर्णिमा पर पढ़ें प्रसिद्ध दोहे 


गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाँय।

बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो मिलाय।।



गुरु कुम्हार शिष कुंभ है, गढ़ि - गढ़ि काढ़ै खोट।
अन्तर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट।।


बंदऊँ गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा।

अमिअ मूरिमय चूरन चारू। समन सकल भव रुज परिवारू।


गुरु शरणगति छाडि के, करै भरोसा और।
सुख संपती को कह चली, नहीं नरक में ठौर।।


गुरु बिन ऐसी कौन करै।
माला तिलक मनोहर बाना, ले सिर छत्र धरै।
भवसागर तै बूडत राखै, दीपक हाथ धरे।
सूर श्याम गुरु ऐसौ समरथ, छिन में ले उधरे ।



Guru purnima quotes in Hindi

करता करे ना कर सके,
गुरु करे सब होय
सात द्वीप नौ खंड में गुरु से बड़ा ना कोय


नास्ति मातृसमो गुरुः ।
भावार्थ- इस संसार में माँ के समान कोई गुरु नहीं है।


सतगुरु आप समर्थ है,
सन्मार्ग के बीच।
बचा कर मिथ्या से मुझे,
हरे भाव सब नीच।

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