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Showing posts from August, 2023

KRISHNA QUOTES IN SANSKRIT

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 कृष्णा के मंत्र हिन्दी अर्थ सहित   भगवान श्री कृष्ण  भगवान विष्णु  के आठवें अवतार है।  श्री कृष्ण का जन्म भाद्रमास की अष्टमी तिथि को रोहणी नक्षत्र में हुआ था। इस लिए इस तिथि को  ‌‌कृष्ण जन्माष्टमी  का त्यौहार मनाया जाता है। कृष्ण  माँ देवकी और वासुदेव  के पुत्र थे। उनका नाम भक्तों को भव सागर से पार उतारने वाला है। SHRI KRISHNA SANSKRIT MANTRA WITH MEANING IN HINDI  ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः। भावार्थ- हे श्री कृष्ण! मैं विनती करता हूं कि आप मुझे अपने संरक्षण में ले लो।     जिह्वे सदैवम् भज सुंदरानी,       नामानि कृष्णस्य मनोहरानी।      समस्त भक्तार्ति विनाशनानि,       गोविन्द दामोदर माधवेति॥ भावार्थ- हे जिह्वा! तू सदैव श्री कृष्ण के इन मनोहर नामों- गोविन्द, दामोदर, माधव का जाप कर, जो अपने भक्तों की समस्त बाधाओं का विनाश करने वाले हैं। ॐ कृष्णाय नमः। भावार्थ- हे श्री कृष्ण, मेरा नमन स्वीकार करो। ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने॥    प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:॥ भावार्थ-हे वासुदेव नंदन परमात्मा स्वरूप श्री कृष्ण आपको प्रणाम है। उन गोविन्द को पुनः प्रणाम वह हमारे कष्टों को हरे। कलि क

BANKE BIHARI MASTI TERI BHAJAN LYRICS IN HINDI

बांके बिहारी मस्ती तेरी छाई रे भजन लिरिक्स इन हिन्दी  बांके बिहारी मस्ती तेरी छाई रे, बांके बिहारी मस्ती तेरी छाई रे  इस दिल ने है तुम संग प्रीत लगाई रे बांके बिहारी मस्ती तेरी छाई रे  बांके बिहारी मस्ती तेरी छाई रे  इस दिल ने है तुम संग प्रीत लगाई रे  बांके बिहारी मस्ती तेरी छाई रे  इस दिल ने है तुम संग प्रीत लगाई रे  मोहन मैंने तुझ संग प्रीत लगाई माधव  मैंने तुझ संग प्रीत लगाई  मेरा हर पल मेरा हर क्षण  मेरा हर पल मेरा हर क्षण  जैसा चाहे,तू नाच नचा ले  कर डाला तुझे जीवन अर्पण  नटवर नंद के लाला ओह कन्हाई रे  नटवर नंद के लाला ओह कन्हाई रे  इस दिल ने है तुम संग प्रीत लगाई रे  बांके बिहारी मस्ती तेरी छाई रे  इस दिल ने है तुम संग प्रीत लगाई रे  कौन है आखिर वो लगता हमारा  जिसने किया जीवन उजियारा कौन है बोलो हारे का सहारा वो है प्यारा श्याम हमारा कभी ना देना मुझ को खुद से जुदाई रे कभी ना देना मुझ को खुद से जुदाई रे इस दिल ने है तुम संग प्रीत लगाई रे  बांके बिहारी मस्ती तेरी छाई रे  इस दिल ने है तुम संग प्रीत लगाई रे  बांके बिहारी मस्ती तेरी छाई रे  इस दिल ने है तुम संग प्रीत लगाई रे  हरे कृष

BHAGAVAD GITA QUOTES IN SANSKRIT WITH MEANING

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भगवद् गीता के प्रसिद्ध श्लोक हिन्दी अर्थ सहित  श्रीमदभागवद् गीता का उपदेश महाभारत युद्ध से पहले श्री कृष्ण ने आज से 5000 साल पहले अर्जुन को दिया था। श्री  कृष्ण महाभारत युद्ध में अर्जुन के सारथी बने  थे। युद्ध भूमि में का मन भ्रमित हो जाता है ।अर्जुन कहते हैं," प्रभु मैं आपकी शरण में आया हूं मेरी शंका का निवारण करे।"  श्री कृष्ण  भगवद् गीता का उपदेश देकर अर्जुन का मार्ग दर्शन करते हैं। अर्जुन के मन में जितने भी शंका होती हैं उसे दूर करते हैं। श्रीमद्भगवद् गीता में 700 श्लोक और 18 अध्याय है। श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया ज्ञान वर्तमान समय में भी सार्थक है। बहुत से महापुरुषों ने भगवद् गीता को पढ़ा और जीवन की ऊंचाईयों को प्राप्त किया। भगवद् गीता के श्लोक पढ़कर एक नई सकारात्मक ऊर्जा का अहसास होता है। Bhagavad Geeta quotes in Sanskrit and Hindi  यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् भावार्थ- हे भारतवंशी! जब जब धर्म की हानि होती है और अधर्म की वृद्धि होती है तब तब मैं अवतार लेता हूं। 4 - 7 श्लोक   परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम

BANKE BIHARI VRINDAVAN HARIYALI TEEJ

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BANKE BIHARI MANDIR: बांके बिहारी हरियाली तीज 2023 SATURDAY, 19 AUGUST  बांके बिहारी मंदिर वृन्दावन में हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तीज के दिन श्री बांके बिहारी जी अपने गर्भ गृह से निकल कर स्वर्ण रजत के हिंडोले पर विराजमान होकर अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। भक्त दूर दूर से अपने आराध्य बांके बिहारी जी के लिए आते हैं। स्वामी हरिदास जी भक्ति साधना से प्रसन्न होकर श्री बांके बिहारी जी का विग्रह प्रकट हुआ था। इसमें साक्षात श्री राधा और श्री कृष्ण का रूप समाहित है । बांके बिहारी जी का यह स्वर्ण रजत हिंडोला विश्व भर में प्रसिद्ध है। यह हिंडोला 1 लाख तोले और 2200 तोले सोना से निर्मित हुआ था। इस हिंडोले का निर्माण देश की आजादी से पहले 1942 में शुरू हुआ था और 1947 में यह झूला बनकर तैयार हुआ।  इसको बनाने के लिए 20 कारीगर लगे थे। उस समय इस हिंडोले को बनाने के लिए अनुमानित लागत 25 लाख रुपए के करीब आई थी। 15 अगस्त 1947 के दिन बिहारी जी पहली बार इस स्वर्ण रजत हिंडोले पर विराजमान हुए थे। हरियाली तीज के दिन बांके बिहारी जी हरे रंग की पोशाक धारण आपने भक्तों को दर्शन देते हैं। बांके बिहारी जी को

SHRI KRISHNA KE BHAKT MEERA BAI KI KAHANI

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 श्री कृष्ण की भक्त मीरा बाई की कहानी  Meera Bai ki story: जय श्री कृष्ण (lord Krishna) की परम भक्त थी।‌‌ बचपन में ही उनके हृदय में कृष्ण भक्ति का बीज अंकुरित हो गया था। कहते हैं कि उनके पड़ोस की किसी लड़की की शादी थी। जब उसका दूल्हा बारात लेकर आया तो मीरा ने अपनी मां से पूछा- मां मेरा दूल्हा कहां है? उसकी मां ने श्री कृष्ण की मूर्ति की और इशारा करते हुए कह दिया था कि यह तुम्हारा दूल्हा है। यह बात मेरी बाईं के मन मस्तिष्क में बैठ गई।  विवाह की उम्र होने मीरा बाई का विवाह राणा सांगा के पुत्र भोजराज से हुआ। उन्होंने विवाह के पश्चात भी कृष्ण भक्ति नहीं छोड़ी। लेकिन अपने पति भोजराज की मृत्यु के पश्चात उनके ससुराल वालों को उनकी भक्ति और उनका साधू संतों का संग पसंद नहीं था।  उन्होंने मीरा बाई को मरवाने के लिए जहरीला सांप भेजा, विष का प्याला भेजा लेकिन श्री कृष्ण की कृपा से मीरा बाई हर बार बच गई। जब ऐसे अत्याचार बढ़ने लगे तो मीरा बाई मेवाड़ छोड़ कर साधू संतों के संग तीर्थ यात्रा पर निकल गई। वहां मीरा बाई की एक प्रचलित कथा है।  मीरा बाई ने वृन्दावन पहुंच कर जीव गोसाईं जी से मिलने के लिए संदेश

MURAKH KO SAMJHANA MOTIVATIONAL STORY IN HINDI

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Motivational story: मूर्ख को समझना कहानी  मुर्ख से बहस ना करें क्योंकि वह तो समझ नहीं पाएंगे। बल्कि वह आपको अपने स्तर पर ले जाकर हराने का प्रयास करेंगे। जिससे उल्टा आपकी ही हानि करवा कर जाएंगे। Murakh ko Sheikh motivational story  एक बार एक गधा बाग में हरी-भरी घास चर रहा था। तभी उधर से एक बाघ जा रहा था। उसने गधे से पूछा- कैसे हो भाई? मस्त हरी घास खा रहे हो। गधा बोला ठीक हूं भइया। लेकिन मैं हरी नहीं बल्कि नीले रंग की घास खा रहा हूं। बाघ इतना सुनते ही भड़क गया। अरे! कैसी बेवकूफों जैसे बात कर रहे हो घास भी कभी नीली होती है? घास तो हमेशा से ही हरे रंग की होती है। गधा अपनी बात पर अड़ा रहा नहीं घास नीले रंग की होती है। धीरे-धीरे उनकी बहस बहुत बढ़ गई।  उन्होंने आपकी‌ बात सही साबित करने के लिए शेर के पास जाने की सोची।  दोनों शेर के पास पहुंचे । शेर के सामने भी गधा बाघ से लगातार कहे जा रहा था कि," घास नीली होती है।" शेर ने दोनों से पूछा- कहो भाइयों तुम दोनों मेरे पास किस समस्या के समाधान के लिए आए हो।  गधा तुनक कर बोला कि," कब से इस मूर्ख बाघ को समझाने की कोशिश कर रहा हूं कि घास

ASHUTOSH SHASHANK SHEKHAR SHIV STUTI LYRICS

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 Lord Shiva:आशुतोष शशाँक शेखर लिरिक्स  आशुतोष शशाँक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू, कोटि नमन दिगम्बरा ॥ निर्विकार ओमकार अविनाशी, तुम्ही देवाधि देव, जगत सर्जक प्रलय करता, शिवम सत्यम सुंदरा ॥ निरंकार स्वरूप कालेश्वर, महा योगीश्वरा, दयानिधि दानिश्वर जय, जटाधार अभयंकरा ॥ शूल पानी त्रिशूल धारी, औगड़ी बाघम्बरी, जय महेश त्रिलोचनाय, विश्वनाथ विशम्भरा ॥ नाथ नागेश्वर हरो हर, पाप साप अभिशाप तम, महादेव महान भोले, सदा शिव शिव संकरा ॥ जगत पति अनुरकती भक्ति, सदैव तेरे चरण हो, क्षमा हो अपराध सब, जय जयति जगदीश्वरा ॥ जनम जीवन जगत का, संताप ताप मिटे सभी, ओम नमः शिवाय मन, जपता रहे पञ्चाक्षरा ॥ आशुतोष शशाँक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू, कोटि नमन दिगम्बरा ॥ ALSO READ  सावन सोमवार quotes in Sanskrit सोमवार व्रत कथा और आरती मां पार्वती आरती पार्वती चालीसा शिव पार्वती विवाह कथा शिव चालीसा         शिव जी की आरती    सती माता की कथा                           भगवान शिव अर्धनारीश्वर रूप की कथा शिव रूद्राष्टकम

SHRI RAM AUR NISHAD RAJ KI KAHANI IN HINDI

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 Friendship day special: श्री राम और निषादराज जी की मित्रता की कहानी   Friendship day भारत में पहले रविवार को मनाया जाता है। 2023 में फ्रेंडशिप डे 6 अगस्त को मनाया जाएगा। मित्रता दिवस पर पढ़ें श्री राम और उनके मित्र निषादराज गुह की कथा  Shri Ram and Nishadraj Friendship story in hindi: निषादराज और श्री राम ने गुरुकुल में इकट्ठे शिक्षा ग्रहण की थी। श्री राम से उनकी मित्रता गुरु के आश्रम में हुई थी। श्री राम को जब 14 वर्ष का वनवास हुआ तो श्री राम ने, मां सीता और लक्ष्मण जी के साथ वन की ओर प्रस्थान किया। श्री राम, सीता जी और लक्ष्मण जी सहित श्रृंगवेरपुर पहुंचे। जब निषादराज गुह  ने समाचार सुना तो वह बंधुओं के साथ श्री राम से मिलने पहुंचे। निषादराज बहुत आत्मीयता से श्री राम से मिलते हैं और उन्हें अपने राज्य में आने के लिए आमंत्रित करते हैं। वह श्री राम से पूछते हैं कि प्रभु आपने और लक्ष्मण जी ने राजकुमार होते हुए, मां सीता ने जोकि अयोध्या की कुल वधु है उन्होंने यह वल्कल वस्त्र क्यों धारण किए हैं। श्री राम उनको अपने वनवास के बारे में बताते हैं। वनवास की बात सुनकर वह हृदय में बहुत दुखी हो जात