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Showing posts from September, 2023

GAYA JI PITRU PAKSHA MELA 2023

 गया जी पितृ पक्ष मेला 2023  28 सितंबर से 14 अक्टूबर  पितृ पक्ष पर हर साल बिहार के गया जी में पितृपक्ष मेला लगता है। इस अवसर पर देश विदेश से लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए आते हैं। मान्यता है कि गया जी में पितृों के निमित्त तर्पण करने से पितरों की आत्मा को मुक्ति मिलती है और पितृ प्रसन्न होते हैं जिससे परिवार वालों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। पितृ पक्ष मेला 28 सितंबर से आरंभ हो रहा है कि 14 अक्टूबर तक चलेगा।   पितृ पक्ष में लोग अपने पितरों की मृत्युतिथि पर उनके निमित्त तर्पण करने है। धार्मिक मान्यता है कि पितृपक्ष में श्राद्ध करने से पिंडदान सीधे पितरों तक पहुंचता है। हिन्दू धर्म के अनुसार पितृपक्ष के दिन पितरों को समर्पित है।  GAYA JI ME PINDDAAN KA MAHATVA पौराणिक कथा के अनुसार गयासुर नामक राक्षस ने कठिन तप करके विष्णु भगवान से यह वरदान मांगा कि उनको देखने मात्र से लोगों के पाप कट जाए और उन्हें स्वर्ग प्राप्ति हो। भगवान विष्णु ने उसे वरदान दे दिया। इससे सृष्टि का संतुलन बिगड़ने लगा क्योंकि पापी से पापी  को जब उसके पाप को सजा मिलने लगती वह कहता मैंने गयासुर के दर्शन कि

YUGALASHTAKAM LYRICS IN SANSKRIT WITH MEANING IN HINDI

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Radhe Krishna Stuti:श्री युगलाष्टकम कृष्ण प्रेममयी राधा  कृष्ण प्रेममयी राधा राधा प्रेम मयो हरिः। जीवने निधने नित्यं, राधाकृष्णौ गतिर्मम ॥  भावार्थ - श्रीराधा श्रीकृष्ण प्रेममयी है और श्रीकृष्ण श्रीराधा प्रेममयी है। ऐसे वे श्री राधा कृष्ण मेरे जीवन में और जीवन के पश्चात भी मेरा शाश्वत आश्रय है।  राधा अष्टकम संस्कृत श्लोक कृष्णस्य द्रविणं राधा राधायाः द्रविणं हरिः। जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्ण गतिर्मम् ॥ 2 श्री कृष्ण का धन श्री राधिके है और श्री राधे का सम्पूर्ण धन श्री हरि है। ऐसे वे श्री राधा कृष्ण मेरे जीवन में और जीवन के पश्चात भी मेरा शाश्वत आश्रय है। कृष्ण प्राणमयी राधा, राधा प्राणमयो हरिः। जीवने निधने नित्यं, राधाकृष्णौ गतिर्मम ।।3 श्री कृष्ण की जीवन शक्ति श्री राधा में बसती है और श्री राधा की जीवन शक्ति श्री हरि में बसती है। ऐसे वे श्री राधा कृष्ण मेरे जीवन में और जीवन के पश्चात भी मेरा शाश्वत आश्रय है। कृष्ण द्रवमयी राधा, राधा द्रवमयो हरिः। जीवने निधने नित्यं, राधाकृष्णौ गतिर्मम ।।4 श्री कृष्ण के नाम से श्री राधा रानी द्रवित होती है और श्री कृष्ण के नाम से श्री कृष्ण द्रवित हो ज

SHRI GANESH SANSKRIT SHLOK

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 गणेश जी के श्लोक मंत्र स्तुति संस्कृत में  गणेश जी भगवान शिव और मां पार्वती के पुत्र हैं। गणेश चतुर्थी को गणेश जी के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन पूरे देश के लोग गणेश जी की पूजा अर्चना करते हैं. लेकिन महाराष्ट्र, गुजरात में यह पर्व विशेष धूमधाम से मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी पर पढ़ें गणेश जी के श्लोक  वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥   श्री गणेश गायत्री मंत्र एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।। महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।। गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।। ॐ गं गणपतये नमः।  गणेश जी 12 नाम मंत्र संस्कृत में  1. ऊँ सुमुखाय नम: 2. ऊँ एकदंताय नम: 3. ऊँ कपिलाय नम: 4. ऊँ गजकर्णकाय नम: 5. ऊँ लंबोदराय नम:  6. ऊँ विकटाय नम:  7. ऊँ विध्ननाशाय नम: 8. ऊँ विनायकाय नम : 9. ऊँ धूम्रकेतवे नम:  10. ऊँ गणाध्यक्षाय नम: 11. ऊँ भालचंद्रराय नम: 12. ऊँ गजाननाय नम:  ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।। एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो

JAY GANESH PAHIMAM SHRI GANESH RAKSHA STOTRAM

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 जय गणेश पाहिमाम श्री गणेश रक्षा स्त्रोतम लिरिक्स  जय गणेश जय गणेश जय गणेश पाहिमाम, जय गणेश जय गणेश जय गणेश रक्षमाम।। मुदाकरात्तमोदकं सदा विमुक्तिसाधकं, कलाधरावतंसकं विलासिलोकरक्षकम्। अनायकैकनायकं विनाशितेभदैत्यकं, नताशुभाशुनाशकं नमामि तं विनायकम्।।१।। नतेतरातिभीकरं नवोदितार्कभास्वरं, नमत्सुरारिनिर्जरं नताधिकापदुद्धरम्। सुरेश्वरं निधीश्वरं गजेश्वरं गणेश्वरं, महेश्वरं तमाश्रये परात्परं निरन्तरम्।।२।। समस्तलोकशंकरं निरस्तदैत्यकुञ्जरं, दरेतरोदरं वरं वरेभवक्त्रमक्षरम्, कृपाकरं क्षमाकरं मुदाकरं यशस्करं, मनस्करं नमस्कृतां नमस्करोमि भास्वरम्।।३।। अकिंचनार्तिमार्जनं चिरन्तनोक्तिभाजनं, पुरारिपूर्वनन्दनं सुरारिगर्वचर्वणम्। प्रपञ्चनाशभीषणं धनंजयादिभूषणम्, कपोलदानवारणं भजे पुराणवारणम्।।४।। नितान्तकान्तदन्तकान्तिमन्तकान्तकात्मजं, अचिन्त्यरूपमन्तहीनमन्तरायकृन्तनम्। हृदन्तरे निरन्तरं वसन्तमेव योगिनां, तमेकदन्तमेव तं विचिन्तयामि सन्ततम्।।५।। महागणेशपञ्चरत्नमादरेण योऽन्वहं, प्रजल्पति प्रभातके हृदि स्मरन् गणेश्वरम्। अरोगतामदोषतां सुसाहितीं सुपुत्रतां, समाहितायुरष्टभूतिमभ्युपैति सोऽचिरात्।।६।। जय गणेश जय

BHAYE PRAGAT GOPALA DEEN DAYALA KRISHNA JANAM STUTI

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 भये प्रगट गोपाला दीनदयाला यशुमति के  हितकारी कृष्ण स्तुति लिरिक्स इन हिन्दी  भये प्रगट गोपाला दीनदयाला यशुमति के  हितकारी । हर्षित महतारी सुर मुनि हारी मोहन मदन मुरारी ॥  कंसासुर जाना मन अनुमाना पूतना वेगी पठाई ।  तेहि हर्षित धाई मन मुस्काई गयी जहाँ यदुराई ॥  तब जाय उठायो हृदय लगायो पयोधर मुख में दीन्हा। तब कृष्ण कन्हाई मन मुस्काई प्राण तासु हर लीन्हा ॥ जब इन्द्र रिसायो मेघ पठायो बस ताहि मुरारी।  गौअन हितकारी सुर मुनि हारी नख पर गिरिवर धारी ॥  कन्सासुर मारो अति हँकारो बत्सासुर संघारो । बकासुर आयो बहुत डरायो ताक़र बदन बिडारो ॥ तेहि अतिथि न जानी प्रभु चक्रपाणि ताहिं दियो निज शोका।  ब्रह्मा शिव आये अति सुख पाये मगन भये गये लोका ॥ यह छन्द अनूपा है रस रूपा जो नर याको गावै ।  तेहि सम नहि कोई त्रिभुवन सोयी मन वांछित फल पावै ॥ नंद यशोदा तप कियो, मोहन सो मन लाय ।  देखन चाहत बाल सुख, रहो कछुक दिन जाय ॥  जेहि नक्षत्र मोहन भये, सो नक्षत्र बड़िआय।  चार बधाई रीति सो, करत यशोदा माय ॥  भय प्रकट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी श्री राम स्तुति लिरिक्स इन हिन्दी     मधुराष्टकं लिरिक्स हिंदी अर्थ सहित

TEACHERS DAY QUOTES IN SANSKRIT AND HINDI

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Teacher day 2024:शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं संस्कृत और हिन्दी में  भारत में शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। जबकि अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के मौके पर हर साल 5 सितंबर को टीचर्स डे के रूप में बनाया जाता है। शिक्षक दिवस शिक्षक को विद्यार्थियों के जीवन में दिए गए योगदान और उनको मान सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।शिक्षक दिवस के दिन स्कूलों कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। छात्र शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए ग्रिटिंग कार्ड, फूल और उपहार और टीचर्स डे की शुभकामनाएं भेजते हैं Shikshak divas ki hardik shubhkamnaye/ Teacher Day wishes/ Teacher Day quotes images/ शिक्षक दिवस के बधाई संदेश/ टीचर्स डे की शुभकामनाएं संस्कृत में/ Teachers day per lines  प्रेरकः सूचकश्वैव वाचको दर्शकस्तथा । शिक्षको बोधकश्चैव षडेते गुरवः स्मृताः ॥ भावार्थ : प्रेरणा देने वाले, सूचना देने वाले, सत्य बताने वाले, मार्ग दर्शन करने वाले, शिक्षा प्रदान करने वाले और ज्ञान का बोध कराने वाले – ये स