BHAYE PRAGAT GOPALA DEEN DAYALA KRISHNA JANAM STUTI
भये प्रगट गोपाला दीनदयाला यशुमति के हितकारी कृष्ण स्तुति लिरिक्स इन हिन्दी
भये प्रगट गोपाला दीनदयाला यशुमति के हितकारी ।
हर्षित महतारी सुर मुनि हारी मोहन मदन मुरारी ॥
कंसासुर जाना मन अनुमाना पूतना वेगी पठाई ।
तेहि हर्षित धाई मन मुस्काई गयी जहाँ यदुराई ॥
तब जाय उठायो हृदय लगायो पयोधर मुख में दीन्हा।
तब कृष्ण कन्हाई मन मुस्काई प्राण तासु हर लीन्हा ॥
जब इन्द्र रिसायो मेघ पठायो बस ताहि मुरारी।
गौअन हितकारी सुर मुनि हारी नख पर गिरिवर धारी ॥
कन्सासुर मारो अति हँकारो बत्सासुर संघारो ।
बकासुर आयो बहुत डरायो ताक़र बदन बिडारो ॥
तेहि अतिथि न जानी प्रभु चक्रपाणि ताहिं दियो निज शोका।
ब्रह्मा शिव आये अति सुख पाये मगन भये गये लोका ॥
यह छन्द अनूपा है रस रूपा जो नर याको गावै ।
तेहि सम नहि कोई त्रिभुवन सोयी मन वांछित फल पावै ॥
नंद यशोदा तप कियो, मोहन सो मन लाय ।
देखन चाहत बाल सुख, रहो कछुक दिन जाय ॥
जेहि नक्षत्र मोहन भये, सो नक्षत्र बड़िआय।
चार बधाई रीति सो, करत यशोदा माय ॥
भय प्रकट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी श्री राम स्तुति लिरिक्स इन हिन्दी
मधुराष्टकं लिरिक्स हिंदी अर्थ सहित
श्री कृष्ण लड्डू गोपाल के 108 नाम
श्री कृष्ण को लड्डू गोपाल क्यों कहा जाता है
श्री कृष्ण के कंजूस भक्त की कथा
Comments
Post a Comment