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Showing posts from November, 2023

JAI JAI GIRIVAR RAJKISHORI STUTI IN HINDI

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 रामचरितमानस सीता माता कृत स्तुति "जय जय गिरिवर राजकिशोरी "  तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरितमानस के बालकांड के अनुसार सीता माता स्वयंवर से पहले मां गौरी के पूजन के लिए जाती है उस समय उन्होंने मां गौरी की यह स्तुति गाई थी। मान्यता के अनुसार कुंवारी लड़कियों को मनवांछित और योग्य वर पाने के लिए मां गौरी की यह स्तुति जरूर करनी चाहिए।  JAI JAI GIRIVAR RAJKISHORI STUTI LYRICS IN HINDI  जय जय गिरिबरराज किसोरी। जय महेस मुख चंद चकोरी॥ जय गजबदन षडानन माता। जगत जननि दामिनि दुति गाता॥ नहिं तव आदि मध्य अवसाना। अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना॥ भव भव बिभव पराभव कारिनि। बिस्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनि॥ दोहा - पतिदेवता सुतीय महुँ मातु प्रथम तव रेख। महिमा अमित न सकहिं कहि सहस सारदा सेष॥ सेवत तोहि सुलभ फल चारी। बरदायनी पुरारि पिआरी॥ देबि पूजि पद कमल तुम्हारे। सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे॥ मोर मनोरथु जानहु नीकें। बसहु सदा उर पुर सबही कें॥ कीन्हेउँ प्रगट न कारन तेहीं। अस कहि चरन गहे बैदेहीं॥ बिनय प्रेम बस भई भवानी। खसी माल मूरति मुसुकानी॥ सादर सियँ प्रसादु सिर धरेऊ। बोली गौरि हरषु हियँ भरेऊ॥ सुनु सिय सत्य

GURU NANAK DEV JI KE DOHE IN HINDI

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गुरु नानक देव जी के प्रसिद्ध दोहे हिन्दी में   श्री गुरु नानक देव जी सिखों के प्रथम गुरु और सिख धर्म के संस्थापक थे। गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।  गुरु नानक देव जी धार्मिक गुरु, समाज सुधारक और प्रसिद्ध कवि थे। उन्होंने अपने समय में फैली कुरीतियों और अंधविश्वास के प्रति आवाज उठाई। उनके अनमोल वचन आज भी हमारा मार्ग दर्शन करते हैं। गुरु नानक देव जी की जयंती पर पढ़ें उनके प्रसिद्ध दोहे  नानक नाम जहाज है, चढ़े सो उतरे पार,  जो श्रद्धा कर सेंवदे, गुर पार उतारणहार एक ओंकार सतनाम, करता पुरखु निरभऊ।  निरबैर, अकाल मूरति, अजूनी, सैभं गुर प्रसादि ।। नानक नाम जहाज है, चढ़े सो उतरे पार,  जो श्रद्धा कर सेंवदे, गुर पार उतारणहार।। नानक गुरु संतोखु रुखु धरमु फुलु फल गिआनु।  रसि रसिआ हरिआ सदा पकै करमि सदा पकै कमि धिआनि॥ पवणु गुरु पानी पिता माता धरति महतु। दिवस रात दुई दाई दाइआ खेले सगलु जगतु ॥  ALSO READ  मीराबाई के दोहे   कबीर जी के दोहे   तुलसीदास जी के दोहे

GOPAASHTMI SANSKRIT QUOTES

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 गोपाष्टमी 2024 : गोपाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं   गोपाष्टमी का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।  इसदिन गाय माता का पूजन करने से हर विध्न बाधा दूर होती है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने गो चरण आरंभ किया था। इसदिन बछड़े सहित गाय की पूजा का विधान है। गाय की हल्दी, रोली, चंदन से पूजा की जाती है। गाय की पूजा मंत्र बोला जाता है और आरती की जाती है और गौ ग्रास निकाला जाता है।  गोपाष्टमी के पावन पर्व पर अपने मित्रों को भेजें gopaashtmi quotes/ wishes/ shubhkamnaye/ बधाई संदेश/ गोपाष्टमी संस्कृत मंत्र  Gopaashtmi Sanskrit quotes  गोपाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं  लक्ष्मीर्या लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता। घृतं वहति यज्ञार्थे मम पापं व्यपोहतु॥  गोपाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं।  सुरभि त्वं जगन्मातर्देवी विष्णुपदे स्थिता,  सर्वदेवमये ग्रासं मया दत्तमिमं ग्रस,  तत: सर्वमये देवि सर्वदेवैरलड्कृते,  मातर्ममाभिलाषितं सफलं कुरु नन्दिनी गोपाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं  सुरूपा बहुरूपाश्च विश्वरूपाश्च मातरः। गावो मामुपतिष्ठन्तामिति नित्यं प्रकीर्तयेत्॥  गोपाष्टमी की हार्दिक शुभक

BHAI DOOJ QUOTES IN SANSKRIT AND HINDI

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Bhai dooj wishes 2024: भाई दूज के लिए संस्कृत श्लोक  भाई दूज का पर्व हर साल कार्तिक शुक्ल द्वितीय तिथि को मनाया जाता है। भाई दूज की शुभकामनाएं हिन्दी और संस्कृत में  1.प्रिय भ्राता; पश्येम शरद: शतं जीवेम शरद: शतं श्रुणुयाम शरद: शतं प्रब्रवाम शरद: शतमदीना: स्याम शरद: शतं भूयश्च शरद: शतात्। भावार्थ- मेरे प्रिय भैया आप सौ वर्षों तक आँखों का प्रकाश स्पष्ट बना रहे।आप सौ साल तक जीते रहें, सौ साल तक आपकी बुद्धि समर्थ रहे,आप ज्ञानी बने रहे, आप सौ साल तक बढ़ते रहें, और बढ़ते रहें, आपको पोषण मिलता रहे, भ्राता आप सौ साल तक जीते रहें।  रक्षा बंधन मंत्र इन संस्कृत 2. मार्कण्डेय महाभाग,सप्तकल्पा जीवित:। चिरन्जीवी यथा त्वं,तथा में भ्रातरं कुरुः।। भावार्थ- हे भगवान मार्कण्डेय! आप सबसे भाग्यशाली और चिरंजीवी है , आप सप्तकल्पों‌ तक जीवित रहेंगे, कृपया आप मेरे भाई को आपकी तरह चिरंजीवी करें। 3. गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को। सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें, फूले-फलें॥ 4. बन्धुः स्नेहेन मनो बध्नाति यः। जो मन​ को स्नेह से बांधे वह भाई।  5. भ्राता! त्वं जीव शतं वर्धमान:। भा

GOVARDHAN PUJA MANTRA AARTI LYRICS

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Govardhan Puja 2024 गोवर्धन पूजा संस्कृत मंत्र  गोधन संवर्धन एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक पावन पर्व 'गोवर्धन पूजा' की हार्दिक शुभकामनाएं। यह पर्व आप सभी के जीवन को ढेर सारी खुशियों और धनधान्य से परिपूर्ण करें। गोवर्धन पूजा अन्नकूट पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा श्री कृष्ण ने द्वापर शुरू की थी। इस दिन घरों और मंदिरों में गोबर से गोवर्धन की आकृति बना कर पूजन किया जाता है। भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र देव का अहंकार तोड़ने के लिए और वृन्दावन वासियों को बारिश से बचाने के लिए पर्वत अपनी उंगली पर उठा लिया था। गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत, श्री कृष्ण और गाय की पूजा की जाती है और भगवान को भोग लगाया जाता है।  Govardhan  puja Mantra गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक। विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।  भावार्थ-हे गोवर्धन को धारण करने वाले, रक्षा करने वाले भगवान विष्णु को शत् शत् नमन।  GOVARDHAN MAHARAJ KI AARTI  श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े, तोपे चढ़े दूध की धार। तेरे माथे मु

TULSI MATA KI AARTI LYRICS IN HINDI

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तुलसी माता की आरती लिरिक्स  हिन्दू सनातन धर्म में तुलसी का पौधा पुजनीय माना जाता है। देवी देवताओं को तुलसी के पत्तों को चढ़ाने का विधान है। भगवान विष्णु और श्री कृष्ण को तुलसी विशेष रूप से प्रिय है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में तुलसी के पौधे को जल दिया जाता है और सुबह शाम दीप प्रज्वलित किया जाता है वहां सदैव सुख समृद्धि बढ़ती है। कार्तिक मास में तुलसी पुजन का विशेष महत्व है। तुलसी विवाह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के शालीग्राम रूप में करवाया जाता है। इस समय पर और सुबह शाम तुलसी आरती करना विशेष फलदाई माना गया है। Tulsi Aarti Lyrics in hindi  जय जय तुलसी माता, मैया जय जय तुलसी माता।  सब जग की सुख दाता, वर दाता।। जय जय तुलसी माता ।। सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर। रुज से रक्षा करके भव त्राता।। जय जय तुलसी माता।। बटु पुत्री हे श्यामा, सुर बल्ली हे ग्राम्या। विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता।। जय जय तुलसी माता ।। हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित। पतित जनो की तारिणी विख्याता।। जय जय तुलसी माता ।। लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में। म