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Showing posts from January, 2024

SHRI RAM LALLA KI AARTI LYRICS IN HINDI

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आरती कीजे श्री राम लला की लिरिक्स इन हिन्दी  आरती कीजे श्री राम लला की,  पूण निपुण धनुवेद कला की ।।  धनुष बान कर सोहत नीके।  शोभा कोटि मदन मद फीके ।।  सुभग सिंहासन आप बिराजैं।  वाम भाग वैदेही राजै ।।  कर जोरे रिपुहन हनुमाना।  भरत लखन सेवत बिधि नाना ।।  शिव अज नारव गुन गन गावैं।  निगम नेति कह पार न पावैं ।।  नाम प्रभाव सकल जग जानें।  शेष महेश गनेश बखानें ।।  भगत कामतरु पूरणकामा ।  दया क्षमा करुना गुन धामा ।।  सुग्रीवहुँ को कपिपति कीन्हा।  राज विभीषन को प्रभु दीन्हा ।।  खेल खेल महु सिंधु बंधाये।  लोक सकल अनुपम यश छाये ।।  दुर्गम गढ़ लंका पति मारे ।  सुर नर मुनि सबके भय टारे ।।  देवन थापि सुजस विस्तारे ।  कोटिक दीन मलीन उधारे ।।  कपि केवट खग निसचर केरे ।  करि करुना दुःख दोष निवेरे ।।  देत सदा दासन्ह को माना ।  जगतपूज भे कपि हनुमाना ।।  आरती दीन सदा सत्कारे ।  लिहूपुर होत राम जयकारे ।।  कौसल्यादि सकल महतारी ।  दशरथ आदि भगत प्रभु झारी ।।  सुर नर मुनि प्रभु गुन गन गाई।  आरति करत बहुत सुख पाई ।।  धूप दीप चन्दन नैवेदा।  मन दृढ करि नहि कवनव भेदा ।।  राम लला की आरती गावै।  राम कृपा अभिमत फल पावै

RAMCHARITMANAS CHAUPAI QUOTES

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 रामचरितमानस की प्रसिद्ध चौपाई  श्री रामचरितमानस तुलसीदास जी द्वारा रचित है। तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरितमानस की चौपाइयों में मंत्र तुल्य शक्तियां हैं। रामचरितमानस पढ़ने से हमें श्री राम के जीवन से बहुत कुछ सीखने के लिए मिलता है।  श्री रामचरितमानस की प्रेरणादायक चौपाईयां हमारे जीवन को एक नई दिशा प्रदान करती है। पढ़ें श्री रामचरितमानस की प्रसिद्ध भक्तिपूर्ण, ज्ञानवर्धक दोहे और चौपाईयां ।  TULSIDAS JI  RAMCHARITMANAS CHAUPAI  मंगल भवन अमंगल हारी।  द्रवउ सो दसरथ अजिर बिहारी।।  - बालकांड   हरि अनंत हरि कथा अनंता। कहहिं सुनहिं बहुबिधि सब संता॥  - बालकांड  - रामचरितमानस बालकांड का सार होइहि सोइ जो राम रचि राखा।  को करि तर्क बढ़ावै साखा॥  - बालकाण्ड।  नौमी तिथि मधुमास पुनीता,  सुकल पच्छ अभिजित हरिप्रीति। मध्य दिवस अति सीत न घामा,  पावन काल लोक बिश्रामा।।  - बालकांड   भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौसल्या हितकारी । हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप बिचारी ॥ - बालकाण्ड  राम नाम मनिदीप धरु जीह देहरीं द्वार। तुलसी भीतर बाहेरहुँ जौं चाहसि उजिआर॥ - बालकांड  बिनु सत्संग बिबेक न होई।  राम कृपा बि

SHRI RAM AARTI RAM AARTI HONE LAGI HAI LYRICS

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 श्री राम जी की आरती लिरिक्स  राम आरती होने लगी है जग मग जग मग ज्योत जगी है जग मग जग मग ज्योत जगी है गावे यश ब्रह्मा मुनि नारद अन्य मुनि जे पथ परमारथ हनुमान पद प्रीत जगी है जग मग जग मग ज्योत जगी है जग मग जग मग ज्योत जगी है बाम भाग सिय सोहत कैसी ब्रह्म जिव विच माया जैसी ब्रह्म जिव विच माया जैसी भरत शत्रुघ्न चवर फबी है जग मग जग मग ज्योत जगी है जग मग जग मग ज्योत जगी है करत अपावन पावन जग में नाम राम को आवत हिय में नाम राम को आवत हिय में मोहन मन में आस लगी है जग मग जग मग ज्योत जगी है जग मग जग मग ज्योत जगी है राम आरती होने लगी है जग मग जग मग ज्योत जगी है जग मग जग मग ज्योत जगी है  Hanuman chalisa quotes 

MAHADEV QUOTES IN SANSKRIT

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भगवान शिव के संस्कृत मंत्र  भगवान शिव त्रिदेवों ब्रह्मा, विष्णु, महेश में से एक है। भगवान ब्रह्मा जी सृष्टि का निर्माण करते हैं, विष्णु जी पालनकर्ता कहा जाता है और भगवान शिव को संहारक कहा जाता है। भगवान शिव अपने भक्तों पर बहुत शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। हिन्दू धर्म में सावन मास का बहुत महत्व माना जाता है । सावन मास भगवान शिव को अति प्रिय है। इस मास में भगवान शिव और माँ पार्वती को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए विशेष पूजा की जाती है।   Lord Shiva mantra /Shiva quotes in Hindi/ Shiva quotes in Sanskrit / Mahashivratri ki hardik shubhkamnaye  भगवान शिव की भक्ति कथा महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैः। सुरासुरैर्यक्षमहोरगाद्यै: केदारमीशं शिवमेकमीडे।। कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् । सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।। ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि       तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्!  जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् । डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ।। आश

SHRI RAM QUOTES MANTRA SANSKRIT SHLOK

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  जय श्री राम कॉटस  श्री राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार माने जाते हैं। श्री राम के नाम की महिमा बहुत से वेद पुराण, उपनिषद में किया गया है। ऋषियों-मुनियों और संतों ने राम नाम की महिमा का वर्णन किया है। इस आर्टिकल में Shri Ram Sanskrit shlok, Ram bhakti per dohe, chaupai, Shri Ram Mantra के बारे में बताने जा रहे हैं।  श्रीरामचन्द्र कृपालु भज मन हरण भावभय दारुणं ।  नवकंज -लोचन, कंजमुख, कर-कंज, पद कंजारुणं ॥ राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे। सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने।।  भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौसल्या हितकारी। हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी॥ लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुजचारी। भूषन बनमाला नयन बिसाला सोभासिंधु खरारी॥ सीता राम सीता राम सीता राम कहिये, जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहये।  जय श्री राम। हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशवा। गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा॥ हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते।  बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्॥ रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम।। सुंदर विग्रह मेघश्याम गंगा तुलसी शालिग्राम।।  श्री रा